घंटी बजाओ: 30 माह में 27 मर्तबा शिकायत, नतीजा सिफर, सिर्फ मिला आश्वासन
घंटी बजाओ: 30 माह में 27 मर्तबा शिकायत, नतीजा सिफर, सिर्फ मिला आश्वासन -नगर निगम
घंटी बजाओ: 30 माह में 27 मर्तबा शिकायत, नतीजा सिफर, सिर्फ मिला आश्वासन
-नगर निगम के वार्ड-34 के अर्न्तगत शिव विहार कॉलोनी की नहीं बनी सड़क
-सीएम हेल्पाइल, मेयर व नगर निगम तक लोगों ने लगाई गुहार
-2022 से क्षेत्र के वरिष्ठ नागिरक लगातार करते आ रहे हैं पत्राचार
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अलीगढ़। सत्येन्द्र कुलश्रेष्ठ। बेशक सरकार जनता की सममस्याओं को तत्काल समाधान कराए जाने के लाख दावे करती हो। समस्या को दर्ज कराने के लिए सीएम हेल्पलाइन, आईजीआरएस से लेकर तमाम प्लेटफार्म उपलब्ध है। इन प्लेटफार्मों पर भी नगर निगम क्षेत्र में शामिल नए वार्ड-34 के वाशिंदे गुहार लगाते-लगाते ढाई साल का समय बिता चुके हैं। जी हां, 30 माह में 27 मर्तबा शिकायती पत्र लिखा गया लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। हर बार आश्वासन की घुट्टी मिलती रही है।
नगर निगम के सीमा विस्तार के बाद काफी क्षेत्र निगम की सीमा में शामिल हुए। इनमें से ही एक क्षेत्र है खैर बाईपास का है। यहां वार्ड-34 में स्थित शिव विहार कॉलोनी के लोगों के लिए बरसात के दिनों में यहां रहना किसी चुनौती से कम नहीं है। जी हां, यह क्षेत्र जरूर नगर निगम सीमा में आता है लेकिन यहां की तस्वीर देखकर आपको एहसास हो जाएगा कि यह तो गांव से भी बदत्तर है। जी हां, स्थानीय निवासी वरिष्ठ नागरिक सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि करीब 80 से 90 घरों के लोग सड़क नहीं बनने की वजह से परेशान है। पूरा क्षेत्र में मिट्टी का कच्चा दगड़ा है। वर्ष 2022 से अधिकारियों को पत्र लिख रहे हैं लेकिन अब तक सड़क नहीं बन सकी है।
0-हाथरस सांसद, इगलास विधायक से भी लगाई है गुहार
स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके हाथरस सांसद व इगलास विधायक को भी पत्र भेजा जा चुका है। क्योंकि यह क्षेत्र हाथरस लोकसभा में लगता है कि उनके स्तर से भी कोई फायदा नहीं हु्आ।
0-हर बार बजट उपलब्ध नहीं होने का मिला जवाब
स्थानीय लोगों के अनुसार वार्ड-32 शिव विहार कालौनी खैर वाई पास रोड में महेन्द्र सिंह सेवानिवृत्त कैप्टन के मकान के पास पुलियों से गली नं-3 में राजीव के मकान तक सीसी रोड एवं नाली के निर्माण की मॉग की जाती रही है। इस कार्य का एस्टीमेट भी तैयार कराया गया। हर बार आश्वासन मिला कि धन उपलब्ध होने पर कार्यवाही की जाएगी। लेकिन आचार संहिता लागू होने से पूर्व कम से कम 80 कार्यों के लिए नगर निगम ने निविदाएं आमंत्रित की गईं। उनका निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है या हो रहा है। इसके बाद भी 47 निर्माण कार्यों के लिए निविदायें आमंत्रित की गई है। क्या यह बिना धन उपलब्धता के आमत्रित की गई है। यदि यह बिना धन उपलब्धता के निकाली गई है तो हमारी कालौनी की सडक-नाली की निविदा आमत्रित की जा सकती थी।
0-कब, किस प्लेटफार्म पर लगाई गुहार
1. सीएम हैल्पलाईन, दिनांक- 02.10.2022
2.सीएम हैल्पलाईन दिनांक-18.11.2022
3.सीएम हैल्पलाईन दिनांक-29.12.2022
4. सीएम हैल्पलाईन दिनांक 20.02.2023
5.सीएम हैल्पलाईन दिनांक-22.06.2023
6.सीएम हैल्पलाईन दिनांक 15.03.202
7. सीएम हैल्पलाईन दिनांक 12.05.2022
8. सीएम हैल्पलाईन दिनांक-06.07.2022
9. सीएम हैल्पलाईन दिनांक-06.09.2022
10.सीएम हैल्पलाईन दिनांक-16.01.2023
11.सीएम हैल्पलाईन दिनांक-05.04.2023
12 सीएम हैल्पलाईन दिनांक-05.04.2023
13.सीएम हैल्पलाईन दिनांक-01.08.2023
14. सीएम हैल्पलाईन दिनांक-10.07.2023
15. सीएम हैल्पलाईन दिनांक-24.08.2023
16. सीएम हैल्पलाईन दिनांक-24.08.2023
17. सीएम हैल्पलाईन दिनांक 17.09.2023
18. सीएम हैल्पलाईन दिनांक-27.10.2023
19. सीएम हैल्पलाईन दिनांक-01.11.2023
20. सीएम हैल्पलाईन दिनांक-15.01.2024
21. सीएम हैल्पलाईन दिनांक-02.02.2023
22. महापौर नगर निगम 16.09.2023
23. महापौर नगर निगम 15.01.2024
24.महापौर नगर निगम 29.02.2024
25. सीएम हैल्पलाईन 08.06.2024
27. सीएम हैल्पलाईन 08.06.2024
वर्जन
मेयर मिलते नहीं हैं और अधिकारी सुनते नहीं। पत्राचार किया जाता है तो उसका कोई जवाव नहीं दिया जाता है। वर्षों से सड़क निर्माण के लिए पत्र लिख रहे हैं लेकिन अधिकारी बहाना बनाकर जान बूझकर कार्य नही करा रहे हैं। जबकि शासन / प्रशासन के स्पष्ट आदेश है कि जनसुनवाई के कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर कराया जाये।
-सतीश चंद्र शर्मा, स्थानीय नागरिक
सडक निर्माण के लिए हाथरस सांसद, इगलास विधायक, नगर निगम व डूडा में लिखकर दिया जा चुका है लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हो सका। पूरे क्षेत्र में मिट्टी की कच्ची सड़क है। लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
-हरिशंकर प्रधान, क्षेत्रीय पार्षद
10 लाख से अधिक के बजट वाले कार्य कार्यकारिणी या फिर बोर्ड में पास होने के बाद ही कराए जा सकते हैं। इसके अलावा 15वें वित्त में काम हो सकता है। सड़क का मामला है तो मेयर के समक्ष वहां के लोग रखें। बजट की उपलब्धता पर ही कार्य हो पाएगा।
-सुरेश चंद्र, चीफ इंजीनियर, नगर निगम
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