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ब्लैक फंगस को मात देकर ठीक हो रहे मरीज, सात स्वस्थ

कोविड के बाद ब्लैक फंगस का मात दिया जा सकता है। अलीगढ़ जिले में करीब दस दिनों में अब तक सात लोग दुर्लभ बीमारी ब्लैक फंगस का मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं। शनिवार को भी जेएन मेडिकल कॉलेज से एक मरीज...

ब्लैक फंगस को मात देकर ठीक हो रहे मरीज, सात स्वस्थ
हिन्दुस्तान टीम,अलीगढ़Sat, 12 Jun 2021 11:51 PM
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कोविड के बाद ब्लैक फंगस का मात दिया जा सकता है। अलीगढ़ जिले में करीब दस दिनों में अब तक सात लोग दुर्लभ बीमारी ब्लैक फंगस का मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं। शनिवार को भी जेएन मेडिकल कॉलेज से एक मरीज म्यूकोर माइकोसिस यानि ब्लैक फंगस को मात देकर स्वस्थ हुआ।

अलीगढ़ जिले में अब तक कुल 32 कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो चुकी है। जिसमें से सात लोग फंगस को मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं। शनिवार को भी एक साजिद नाम के मरीज को डिस्चार्ज किया गया। साजिद धौरा माफी के रहने वाले साजिद 26 अप्रैल को कोरान संक्रमित हुए थे। कोरोना संक्रमण को मात देने के बाद उन्हें साइनस में परेशानी हुई। जिसके बाद से उन्होंने मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग में संपर्क किया। दो जून को उनकी वायोप्सी रिपोर्ट में म्यूकोर माइकोसिस की पुष्टि हुई। जिसके बादसे उन्हें मेडिकल में भर्ती किया गया। भर्ती करने दो दिन बाद चार जून को डॉ. जिया सिद्दकी, डॉ. आफताब खान और डॉ. सय्यद रिजवी द्वारा उनकी एंडोस्कोपिक सर्जरी की गई। सर्जरी सफल रही। उसके बाद से दवा और प्रॉपर मॉनिटरिंग कर उन्हें पूरी तरह संक्रमण मुक्त कर लिया गया। जिसके बाद उन्हें 12 जून यानि शनिवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. जिया सिद्दकी ने बताया कि ब्लैक फंगस से डरने की जरूरत नहीं है। मेडिकल कॉलेज में इसका उपचार है। अब तक करीब सात लोगों का सफल ऑपरेशन द्वारा उपचार किया जा चुका है।

यह सात लोग हो चुके हैं ठीक

- मोहन लाल, गंगीरी

- सोनिया जुनेजा, गांधी पार्क

- गीतम सिंह, सासनी गेट

- मेघ सिंह, पालीमुकिमपुर

- खुर्शिद आलम, सर सैय्यद नगर

- इस्तयाक अहमद, क्वार्सी

- सजिद अली खान, धौरा माफी

ब्लैक फंगस को लेकर घबराने और पैनिक होने वाली बात नहीं है। म्यूकोर माइकोसिस का सफल उपचार है। मेडिकल कॉलेज से अभी तक कुल सात लोग संक्रमण को मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं। कोविड पॉजिटिव होने के बाद अगर किसी को लक्षण नजर आते हैं। तो जल्द जल्द से ईएनटी सर्जन संपर्क जांच कराएं ताकि समय रहते उपचार किया जा सके।

डॉ. जिया सिद्दकी, नेत्र रोग विशेषज्ञ, जेएन मेडिकल कॉलेज

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क्या है म्यूकॉरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस

ये एक फंगल डिजीज है। जो म्यूकॉरमाइकोसिस नाम के फंगल से होता है। ये ज्यादातर उन लोगों को होता है जिन्हें पहले से कोई बीमारी हो या वो कोई ऐसी दवा ले रहे हो जो की इम्युनिटी को कम करती हों या शरीर की दूसरी बीमारीयों लड़ने की ताकत कम करती हों। ये शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। लेकिन कोरोना से ठीक हुए लोग जिनको हाई सुगर और कोरोना के उपचार में हाई स्टेरॉयड लिया हो उन्हें अधिक खतरा है।

किन मरीजों को अधिक खतरा

- कोरोना संक्रमित मरीज

- सुगर के मरीज

- एड्स, कैंसर के मरीज

- स्टरॉयड दवा लेने वाले

- लंबे समय तक आईसीयू में रहने वाले

- किडनी या लिवर ट्रांसप्लांट कराने वाले

क्या हैं ब्लैक फंगस के लक्षण

- चेहरे का एक तरफ से सूज जाना

- नाक बंद होना

- उल्टी आना

- बुखार आना

- चेस्ट पेन होना

- नाक में काले घाव होना

पहचान के लक्षण

- चेहरे के एक हिस्से में सूजन

- आंखों का बंद होना

- नाक बंद होना

- नाक के नजदीक सूजन

- मसूड़ों में सूजन आना

- दांतों का ढीला हो जाना।

- तालू की हड्डी का काला हो जाना।

- आंखें लाल होना, उनकी रोशनी

कम होना, मूवमेंट रुकना

ब्लैक फंगस से कैसे बचें

- सुगर को कंटोल में रखें

- कोरोना सें ठीक हुए हैं तो नियमित उपचार कराएं

- स्टेरॉयड का प्रयोग डॉक्टर की सलाह पर कम करें

- कंस्ट्रक्शन साइट दूर रहें

- बाग या खेत में जाते समय पूरी कपड़े और

मास्क पहने

- जहां पानी का जमाव हो वहां न जाएं

- अगर फंगस के लक्षण दिखें तो डॉक्टर को दिखाएं

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