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जीएसटी को समझने में ही बीत गया एक महीना

गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानि जीएसटी 30 जून की आधी रात से लागू किया गया था। इस कानून को लागू हुए एक महीना बीत चुका है। इसके बावजूद अधिकांश व्यापारी इस कानून को अब तक समझ नहीं पाए। कानून की जटिलताओं में...


जीएसटी को समझने में ही बीत गया एक महीना
हिन्दुस्तान टीम,अलीगढ़Mon, 31 Jul 2017 09:50 PM
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गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानि जीएसटी 30 जून की आधी रात से लागू किया गया था। इस कानून को लागू हुए एक महीना बीत चुका है। इसके बावजूद अधिकांश व्यापारी इस कानून को अब तक समझ नहीं पाए। कानून की जटिलताओं में फंसे पड़े हैं। वहीं इस महीने में कितने नए रजिस्ट्रेशन हुए हैं। विभाग के पास इसका भी कोई डाटा नहीं है। हालांकि यह जरुर साफ है कि वैट में रजिस्टर्ड 24 हजार व्यापारियों का माइग्रेशन हो सका है। देश में एक कर, एक समान व्यवस्था के लिए जीएसटी लागू किया गया था। जीएसटी के लागू होते ही तमाम व्यापारिक संगठनों ने कानून का विरोध किया। जीएसटी काउंसिल द्वारा कुछ वस्तुओं में टैक्स दरों में बदलाव किया तो कुछ वस्तुओं पर यथावत बनाए रखा। अब एक महीना बीत जाने के बाद जीएसटी को लेकर व्यापारियों के सामने जटिलताएं बरकरार बनी हुई हैं। जीएसटी में रजिस्ट्रेशन को लेकर हो रही लेटलतीफी जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए तीन दिन का समय निर्धारित है। जबकि अब नौ से 10 दिन का समय रजिस्ट्रेशन में लग रहा है। इस वजह से व्यापारियों को काफी बिना जीएसटीएन नंबर के बिलिंग करने में दिक्कतें आ रही हैं। जीएसटी लागू होने के बाद से बाजार पूरी तरह से ठंडा पड़ा है। हालात यह है कि पहले प्रतिदिन मैटल के आर्डर होते थे। वर्तमान में कई कारखानों में काम नहीं होने की वजह से आर्डर नहीं मिल पा रहे हैं। -प्रमीत कसेरे, मेटल कारोबारी जीएसटी से ट्रांसपोर्ट का कारोबारी काफी प्रभावित हो रहा है। लंबे रूट की बुकिंग आधी रह गई हैं। पता नहीं बाजार संभलेगा। -आनंद गुप्ता, ट्रांसपोर्ट कारोबारी

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