मुस्लिम-सिख और ईसाइयों की भी है गंगा: राजेंद्र सिंह
जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार गंगा के नाम पर दलगत राजनीति कर रही है। सरकार माई के नाम पर कमाई करने में लगी...
जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार गंगा के नाम पर दलगत राजनीति कर रही है। सरकार माई के नाम पर कमाई करने में लगी है। चार साल में गंगा पहले से ज्यादा गंदी हुई है। इसे साफ करने के लिए योजना नहीं बनायी गई। गंगा सिर्फ हिंदुओं की नहीं, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी की है।
एएमयू में अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में शामिल होने पहुंचे जलपुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि गंगा हमारी संस्कृति और सभ्यता है, इसे बचाना होगा। सरकार गंगा के नाम पर सिर्फ बड़े लोगों को लाभ पहुंचाने में लगी है। गंगा पहले बीमार थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने पिछले चार सालों में उसे आईसीयू में पहुंचा दिया है। गंगा का इलाज पहले आसानी से संभव था, लेकिन चार सालों में इलाज के नाम पर उल्टे काम किये हैं। पहला काम घाट बनाने और दूसरा काम एटीपी व एचटीपी बनाने का किया गया।
प्राणों की कुर्बानी से भी पीछे नहीं हटेंगे :
सिंह ने कहा कि गंगा के लिए सबसे बड़ी चुनौती उसका बायोफास बचाना है। यह बायोफास 17 तरह के कीटाणुओं को दूर करता है। सरकार ने जल की वह शक्ति ही खत्म कर दी है, जिससे हैजा समेत विभिन्न बीमारियां दूर होती थीं। सरकार सिर्फ झूठ बोलकर देश चला रही है। उन्होंने कहा कि गंगा को बचाने के लिए सद्भावना यात्रा निकाली जा रही है। मां (गंगा) को बचाने के लिए प्राणों की कुर्बानी भी देनी पड़ी तो पीछे नहीं हटेंगे।
नष्ट हो गई गंगा की निर्मलता और अविरलता :
जलपुरुष ने कहा कि वर्तमान में गंगा की स्थिति तेजी से बदल रही है। स्थिति यह है कि गंगा की निर्मलता और अविरलता नष्ट हो गई है। पहले गंगा जल लम्बे समय तक रखा रहता था। लेकिन अब 15 दिनों में ही इसका रंग बदल जाता है। गंगा के नष्ट हो रहे ब्रह्मसत को रोकना जरूरी है। (बायोफोस शब्द विज्ञान में प्रयोग किया जाता है, इसको मेडिकल साइंस में बैक्टीरियोसाइडल और संस्कृत में ब्रह्मसत भी कहा जाता है)
गाजीपुर में उजड़ गए 558 घर:
जलपुरुष ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को गाजीपुर जिले का भ्रमण किया। वहां स्थिति बेहद दयनीय मिली। मुस्तराबाद, युवराजपुर और सिमरा गांव का भ्रमण किया। देखने मिला कि गंगा को पूरी तरह बिगाड़ दिया गया है। जिससे वहां से 558 घर उजड़ गए हैं। बताया कि वहां डैम बना दिया गया है। जिसके कारण गंगा टेढ़ी बहने लगी है। डैम में मोड़ देने की वजह से पानी का फ्लो मुड़ गया है। बीच में ट्रीटमेंट करने के साथ पत्थर डाले गए हैं। जिससे अब दो तरफ कटान होने लगा और नदी बंट गई है।
गंगा के नाम पर 18 करोड़ रुपये खजाने से गायब
जलपुरुष के अनुसार सरकार को भी स्मरण कराने का प्रयत्न किया जाएगा कि सत्ता में आने से पूर्व गंगा के प्रति कैसे वायदे किये गए थे और किया क्या है? गंगा के नाम पर 18 हजार करोड़ रुपये खजाने से निकल गए और गंगाजल की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ। पूर्व सरकार और वर्तमान सरकार को इसको लेकर कटघरे में खड़ा किया जाएगा।
स्वामी सानंद की एक न सुनी :
राजेंद्र सिंह ने कहा कि पर्यावरणविद् प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद 112 दिन तक अनशन पर बैठे रहे। उनकी एक न सुनी गई और मरने पर छोड़ दिया गया। केंद्र सरकार के झूठ और धोखे के चलते आखिर जीडी अग्रवाल ने दम तोड़ दिया।