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पेड़ों का कटान व जंगल में आबादी के पहुंचने से तेंदुए बदल रहे स्थान

पेड़ों का कटान व जंगल में आबादी के पहुंचने से तेंदुए बदल रहे स्थान -वन

पेड़ों का कटान व जंगल में आबादी के पहुंचने से तेंदुए बदल रहे स्थान
हिन्दुस्तान टीम,अलीगढ़Wed, 01 Dec 2021 08:50 PM
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पेड़ों का कटान व जंगल में आबादी के पहुंचने से तेंदुए बदल रहे स्थान

-वन विभाग के अनुसार, एक क्षेत्र में एक से ज्यादा तेंदुआ नहीं रह सकता

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कार्यालय संवाददाता। अलीगढ़।

अलीगढ़ जनपद में बीते 11 महीने में तेंदुए के मिलने की आधा दर्जन से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं। बुधवार को तेंदुए का स्कूल में घुसने की घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर क्यों बार-बार तेंदुए आबादी क्षेत्र का रूख कर रहे हैं। इस बारे में वन विभाग की कन्जरवेटर आदिती शर्मा का कहना है कि पेड़ों का कटान व जंगल में आबादी के पहुंचने से तेंदुए अपना स्थान बदलने के लिए दूसरे वन क्षेत्र में ठिकाना बनाने को निकलते है। वहीं शेर व तेंदुए की यह विशेषता है कि यह एक क्षेत्र में एक ही रहेंगे।

अलीगढ़ के सबसे ज्यादा नजदीक नरौन व राजघाट गंगा किनारे से सटे वनक्षेत्र जंगल में तेंदुए पाए जाते हैं। इसके अलावा बुलंदशहर, हापुड़ और मेरठ की सेंचुरी तक में तेंदुए होने का रिकार्ड वन विभाग पर दर्ज है। जिले में इस साल जनवरी से अब तक तेंदुए के आबादी क्षेत्र में आने की पहली घटना नहीं है। इससे पहले शहर की रियाज कॉलोनी में तेंदुए से दहशत फैली रही थी। जवां क्षेत्र में फसलों को बचाने के लिए लगाए गए करंट वाले तार की चपेट में आने से एक तेंदुए की मौत तक हो चुकी है। वहीं जवां, बरौली, अतरौली क्षेत्र में ही तेंदुए के देखे जाने व किसानों पर हमला बोलने की घटनाएं हो चुकी हैं।

पर्यावरणविद् सुबोध नंदन शर्मा कहते हैं कि जंगल के ये प्राणी आबादी में आते क्यों हैं। आबादी वाले क्षेत्र में जंगली जानवरों के घुस जाने की एक खास वजह यह भी है कि जब जंगल ही नहीं बचेंगे तो जंगली जानवरों को आबादी में आने को मजबूर होना पड़ेगा। दिन-प्रतिदिन पेड़ों का अवैध कटान हो रहा है। विकास के नाम पर रोजाना वनों का कटान हो रहा है। आरा मशीनों पर रोजाना हजारों कुंतल लकड़ियों को काटा जा रहा है। जिसके कारण जंगलों में रहने वाले जानवरों को मैदानी इलाकों में आना पड़ रहा है।वनक्षेत्र में जमीन खरीदकर रिसोर्ट व फार्म हाउस बनाए जा रहे हैं। शोर, प्रदूषण की वजह से तेंदुए सुरक्षित वन क्षेत्र की तलाश करते हैं। इस वजह से वह आबादी क्षेत्र में देखे जाते हैं।

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तेंदुए एक क्षेत्र में एक से ज्यादा नहीं रहते हैं। जब वह व्यस्क हो जाते हैं तो उनकी मां ही उन्हें बाहर निकाल देती हैं। वहीं बढ़ती आबादी के अब वनक्षेत्र में बसने के चलते भी तेंदुए स्थान बदलते हैं। अलीगढ़ के नजदीक में सबसे ज्यादा नरौरा व गंगा घाट के किनारे तेंदुए हैं।

-अदिति शर्मा, कन्जरवेटर, वन विभाग

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