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इतिहास के पन्नों को समेटे हुए हैं चर्च ऑफ एसेंशन

महानगर में यूं तो कई खूबसूरत व पुराने चर्च हैं, लेकिन घंटाघर स्थित चर्च ऑफ एसेंशन अपने आपमें इतिहास के कई पन्नों को समेटे हुए हैं। चर्च में क्रिसमस डे की तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं। शनिवार को चर्च...

इतिहास के पन्नों को समेटे हुए हैं चर्च ऑफ एसेंशन
हिन्दुस्तान टीम,अलीगढ़Mon, 18 Dec 2017 01:44 AM
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महानगर में यूं तो कई खूबसूरत व पुराने चर्च हैं, लेकिन घंटाघर स्थित चर्च ऑफ एसेंशन अपने आपमें इतिहास के कई पन्नों को समेटे हुए हैं। चर्च में क्रिसमस डे की तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं। शनिवार को चर्च कपांउड में एल्डर्स डे का आयोजन हुआ। इसमें समाज के बुजुर्गों को सम्मानित करने के साथ उन्हें उपहार भी दिए गए।

1868 में 57000 स्क्वायर फीट जमीन में बना यह चर्च महानगर के सबसे पुराने चर्चों में से एक है। चर्च के पूर्व सेक्रेट्री एडवोकेट असमन चार्ल्स बताते हैं कि सन् 1868 में पादरी सैकल्स ने इस जमीन को तत्कालीन कलेक्ट्रेट द्वारा की जा रही नीलामी में खरीदा था। 1869 में यहां गिरजा घर बना तब केवल एक ही चबूतरा हुआ करता था। चर्च का पूरा काम 1905 में समाप्त हो पाया। चर्च में 150 से 200 व्यक्ति एक साथ प्रार्थना कर सकते थे। चर्च कंपाउड में समाज के लोगों के रहने के लिए भी जगह है। इस कंपाउंड में आज भी ईसाई समाज के लोग परिवार के साथ रहते हैं। वह बताते हैं कि जिस समय इस चर्च का निर्माण किया जा रहा था उसी समय अलीगढ़ में रेलवे लाइन का जाल बिछाया जा रहा था। कलक्ट्रेट का आवास भी उसी समय बना। महानगर का इतिहास एक नया रूप ले रहा था। चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का यह चर्च है, जो कि आगरा स्थित कार्यालय से चलता है। 1998 में चर्च का तत्कालीन पादरी विल्मन ने जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कराया। सन् 2002 तक पादरी संतोष पांडेय ने कार्य को पूरा कराया। चर्च में बालकनी भी बनाई गई है जो कि किसी अन्य चर्च में नहीं है। शनिवार को चर्च में एल्डर्स डे मनाया गया। इस अवसर पर समाज के बुजुर्ग लेागों को सम्मानित किया गया। उनके साथ लंच कर उन्हें उपहार भी दिए गए। सोमवार को चर्च कंपाउड में बने स्कूल में बच्चों की ओर से रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन होगा।

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