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स्मार्ट सिटी में वायु प्रदूषण कम करने की गाइडलाइन का पालन नहीं

स्मार्ट सिटी की हवा जहरीली होने लगी है। एअर क्वालिटी इंडेक्स की सेहत बिगड़ रही है। अक्टूबर माह में 20 फीसदी तक पीएम 10 की मात्रा में इजाफा हुआ...

स्मार्ट सिटी में वायु प्रदूषण कम करने की गाइडलाइन का पालन नहीं
हिन्दुस्तान टीम,अलीगढ़Thu, 22 Oct 2020 03:26 AM
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स्मार्ट सिटी की हवा जहरीली होने लगी है। एअर क्वालिटी इंडेक्स की सेहत बिगड़ रही है। अक्टूबर माह में 20 फीसदी तक पीएम 10 की मात्रा में इजाफा हुआ है। पराली जलने के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु प्रदूषण कम करने को लेकर गाइडलाइन जारी की थी। विभागों को आवश्यक कदम उठाने को निर्देश भी दिए थे। दस दिन बीत जाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया।

अक्टूबर में एअर क्वालिटी इंडेक्स 120 से 148 माइक्रो ग्राम घनमीटर पर पहुंच चुका है। लेकिन अभी तक नगर निगम व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया। सड़क किनारे निर्माण सामग्री खुले में बिक रही है, नुमाइश मैदान की उड़ती धूल आधे शहर की हवा को खराब कर रही है। नगर निगम के वर्कशॉप के सामने रेत, मोरंग, गिट्टी व अन्य तरह की निर्माण सामग्री खुले में बिक रही है। यहां पर पानी का छिड़काव नहीं हो रहा। इसके अलावा शहर में कंस्ट्रक्शन साइटों पर ग्रीन नेट का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। खुले में कूड़ा जलाया जा रहा है, जिससे हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। पिछले तीन दिनों में पीएम 10 की मात्रा 148 माइक्रोग्राम घनमीटर से बढ़कर 155 माइक्रो ग्राम घनमीटर तक पहुंच चुकी है। इसके बाद भी नगर निगम व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पानी के छिड़काव व निर्माण सामग्री बेचने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।

नगर निगम के वर्कशॉप के सामने लगा कबाड़ का ढेर :

नगर निगम के वर्कशॉप के सामने लोहे के कबाड़ व कूड़े का अंबार लगा है। वहां पर दूसरी ओर खाली मैदान में बड़े पैमाने पर गिट्टी, मोरंग, रेत की बिक्री की जाती है। पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा। नियमानुसार ग्रीन नेट से ढककर इसकी बिक्री की जानी चाहिए। नगर निगम वर्कशॉप के सामने लोहे के डस्टबिन पड़े हैं जो इस्तेमाल में नहीं हैं। वहां लोग कूड़े में आग लगा देते हैं। इसी तरह से शहर में जगह-जगह कूड़े में आग लगाई जा रही है। वायु प्रदूषण की हालात चिंतनीय हो रही है, लेकिन अलीगढ़ के विभागीय अफसर इसको लेकर अभी ठोस कदम नहीं उठा पा रहे हैं। कार्य योजना नहीं बनाने पर ईपीसीए ने कई जिलों के डीएम, नगर आयुक्त व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों को तलब किया है।

इनका होना चाहिए पालन :

-सड़क किनारे नहीं रखी जाएगी निर्माण सामग्री। बालू, गिट्टी, रेट की बिक्री वाले स्थल को ग्रीन नेट से ढकना अनिवार्य। दिन में बिक्री वाले स्थल पर चार बार पानी का छिड़काव। कंस्ट्रक्शन साइटों को ग्रीन नेट से ढका जाए। कूड़े में आग लगाने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई। खाली प्लॉट या मैदान से उड़ने वाली धूल को दबाने को पानी का छिड़काव।

बोले अधिकारी

वायु प्रदूषण नियंत्रण की रोकथाम को प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। अवैध ईंट भट्ठों को बंद कराया जा रहा है। इंडस्ट्री वालों को पानी का छिड़काव कराने के लिए नोटिस जारी किया गया है। शहर क्षेत्र में नगर निगम पानी का छिड़काव कराए और निर्माण सामग्री बेचने वालों पर कार्रवाई करे।

-रामगोपाल, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।

सड़क किनारे खुले में निर्माण सामग्री नहीं बेचने दी जाएगी। निर्माण साइटों का भी निरीक्षण कराया जाएगा। पानी के छिड़काव को लेकर नगर निगम कार्य योजना बना रहा है, जल्द ही इसको अमल में लाया जाएगा। नागरिकों व व्यापारियों से भी अपील है कि कूड़े में आग नहीं लगाएं और निर्माण सामग्री पर पानी का छिड़काव करें।

-अरुण कुमार गुप्त, अपर नगर आयुक्त नगर निगम अलीगढ़।

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