
यूरिया के ज्यादा इस्तेमाल से प्रभावित होती है फसल
संक्षेप: Aligarh News - अलीगढ़ में किसान खाद केंद्रों पर यूरिया के लिए लाइन लगा रहे हैं। जिला कृषि अधिकारी ने किसानों को सलाह दी है कि यूरिया का उपयोग फसल की जरूरत के अनुसार करें। अधिक मात्रा में यूरिया डालने से फसल को...
अलीगढ़। इस समय यूरिया को लेकर किसान खाद केंद्रों पर लाइन लगा रहे हैं। किसानों को आगा किया गया है कि फसल की जरूरत के हिसाब से ही यूरिया डाले। इसकी मात्रा अधिक होने से नुकसान हो सकता है। जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि यूरिया उर्वरक का प्रयोग निर्धारित मात्रा में ही धान की फसल में करें। यूरिया उर्वरक का अधिक प्रयोग करने से धान में चावल ठीक से नहीं बनता है, पौधे की बढ़वार अधिक होने के कारण गिरने की संभावना रहती है। साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर विपरीत प्रभाव पडता है। फसल में रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है।

यूरिया उर्वरक क्रय करते समय किसान अपने आधार एवं जोतवही के अनुसार यूरिया क्रय करें। पॉश की पर्ची जरूर लें, ताकि संबंधित विक्रेता द्वारा मशीन में चढ़ाए गए बैग का मिलान कर सकें। अनुदानित उर्वरकों का विवरण ऑन लाइन पोर्टल पर रहता है, जिसकी समीक्षा जनपद स्तर से लेकर भारत सरकार तक की जाती है। किसान पूर्ण सजगता के साथ निर्धारित मात्रा में उर्वरक क्रय करें। कोई भी उर्वरक विक्रेता टैगिंग करे और निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर उर्वरक विक्रय करता है तो तत्काल स्थानीय स्तर पर और विभागीय स्तर पर सूचित करें, ताकि उसके विरुद्ध कार्रवाई की जा सके। 14 अगस्त तक जनपद के निजी एवं सहकारी उवर्रक बिक्री केंद्रों पर यूरिया उर्वरक 6836 मीट्रिक टन, डीएपी उर्वरक 6003 मी.टन, एनपीके उर्वरक 7440 मी.टन की उपलब्धता है।

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