ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश अलीगढ़अलीगढ़ में कई दिनों से भूखा मिला परिवार, अस्पताल में भर्ती

अलीगढ़ में कई दिनों से भूखा मिला परिवार, अस्पताल में भर्ती

कोरोना का कहर एक परिवार पर आफत बनकर टूटा है। कोरोना की पहली लहर में विधवा महिला की तो दूसरी लहर ने उसके बेटे का काम छीन लिया। काम छूटा तो घर में खाने के लाले पड़ गए। पिछले आठ-दस दिन से इस परिवार के...

अलीगढ़ में कई दिनों से भूखा मिला परिवार, अस्पताल में भर्ती
कार्यालय संवाददाता,अलीगढ़Wed, 16 Jun 2021 06:04 PM
ऐप पर पढ़ें

कोरोना का कहर एक परिवार पर आफत बनकर टूटा है। कोरोना की पहली लहर में विधवा महिला की तो दूसरी लहर ने उसके बेटे का काम छीन लिया। काम छूटा तो घर में खाने के लाले पड़ गए। पिछले आठ-दस दिन से इस परिवार के छह लोगों को गेहूं का एक दाना भी नसीब नहीं हुआ। भूख से तड़पते परिवार की सूचना एक व्यक्ति ने मंगलवार को एक संस्था को दी तो पूरे परिवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। छोटे बच्चों में केवल कंकाल ही नजर आ रहा है। 
अलीगढ़ के नगला मंदिर क्षेत्र में एक परिवार पिछले आठ-दस दिनों से भूखा अपने घर में असहाय पड़ा हुआ था। गोंडा रोड निवासी संजीव को जब मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने शहर की हैंड्स फॉर हेल्प संस्था से मदद मांगी। संस्था के लोग जब मौके पर पहुंचे तो नजारा देखकर विचलित हो गए। बच्चे भूख के कारण बिलख रहे थे। उनके शरीर में सिर्फ हड्डियों का ढांचा बचा हुआ था। संस्था के अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि गुड्डी पत्नी स्वर्गीय बिजेंद्र कुमार के परिवार के बारे में सहयोग के लिए फोन कॉल आया था। मौके पर जब टीम पहुंची तो बच्चों की हालत बहुत बुरी थी। जिन्हें तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर सभी बच्चों की देखभाल कर रहे हैं। संस्था द्वारा कपड़ा खाना आदि की व्यवस्था की गई है। संस्था के पदाधिकारी परिवार के साथ अस्पताल में मौजूद हैं।
कोरोना ने छीन लिया रोजगार :
गुड्डी पत्नी स्वर्गीय बिजेंद्र कुमार ने बताया कि वह जिले के एक एक्सपोर्ट कंपनी में काम करती थी। कोरोना की पहली लहर में लॉकडाउन के कारण उनका काम वहां से छिन गया। जिससे परिवार में आर्थिक तंगी होने लगी। जैसे तैसे बड़ा बेटा पल्लेदारी कर परिवार का पेट पाल रहा था, लेकिन दूसरे लॉकडाउन में उसका रोजगार भी छिन गया। रोजगार न होने के कारण राशन पानी की कमी होने लगी। उन्होंने बताया कि उनके पांचों बच्चों ने 15 दिन से कुछ नहीं खाया है। राशन कार्ड के बारे गुड्डी बताती हैं कि उनका राशन कार्ड भी नहीं बना है, उनके पास आधार कार्ड भी नहीं है।

परिवार के बारे में सदलपुर गोंडा निवासी संजीव ने फोन पर सूचना दी थी। परिवार की मदद से पहले संस्था की टीम सर्वे का कार्य पूरा करती है। टीम जब मौके पर पहुंची तो परिवार की हालत देखकर विचलित हो गई। जिसके बाद से परिवार को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पूरा परिवार डॉक्टरों की देखरेख में है। हैंड्स फॉर हेल्प संस्था परिवार की हर संभव मदद करेगा।
-डॉ. सुनील कुमार, अध्यक्ष हैंड्स फॉर हेल्प।

किसी परिवार के कई दिन से भूखे रहने की जानकारी नहीं थी। अगर ऐसा कोई परिवार है तो उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी। जिला अस्पताल में भी संपर्क कराया जा रहा है।
-रंजीत सिंह, एसडीएम कोल।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें