हाथरस में कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
छठे वेतनमान की वेतन विसंगतियों को दूर करने के उपरांत ही सातवें वेतनमान को निकाय व सार्वजनिक निगमों उपक्रमों विकास प्राधिकरण स्वायत्तशासी संस्थाओं पर एक साथ ही लागू करने सहित कई मांगों को लेकर...
छठे वेतनमान की वेतन विसंगतियों को दूर करने के उपरांत ही सातवें वेतनमान को निकाय व सार्वजनिक निगमों उपक्रमों विकास प्राधिकरण स्वायत्तशासी संस्थाओं पर एक साथ ही लागू करने सहित कई मांगों को लेकर कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने बुधवार को डीएम को ज्ञापन सौंपा।
निगमों के कर्मचारियों को छठे वेतनमान का लाभ अनुमान कराये जाने एवं उनकी अधिवर्षता आयु साठ वर्ष की जाए निगमों के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की किश्तों का भुगतान राज्य कर्मचारियों की भांति करने,
निगम उपक्रमों के कर्मचारियों को छठे वेतनमान का वास्तविक लाभ दिनांक 1 जनवरी 2006 से अनुमन्य कराकर एरियर का भुगतान भी करने की मांग की। लेखा/लेखा परीक्षा संवर्ग डिप्लोमा फार्मासिस्ट लैब टेक्नीशियन एवं ऑप्टोमेट्रिस्ट के वर्तमान वेतनमान को उच्चीकृत कर 4200 करने, दैनिक वेतन पर कार्यरत संविदा आदि के कर्मचारियों का नियमितीकरण, परिवहन निगम कर्मचारियों के छठे वेतनमान में विद्यमान वेतन विसंगतियों का निवारण कर संविदा चालकों परिचालकों को संबंधित पद का न्यूनतम वेतन व महंगाई भत्ता अनुमन्य कराने, चतुर्थ श्रेणी भर्ती खोली जाए स्वीकृत पदों पर आउटसोर्सिंग बंद करने, नर्सिंग अधीक्षक मुख्य नर्सिंग अधिकारी के पद सृजित करने, सभी कार्य तदर्थ माध्यमिक शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों को विनियमित करने, नई पेंशन नीति को समाप्त कर पुरानी पेंशन बहाली, पंचायती राज में नियुक्त सफाई कर्मियों की 20% पदोन्नति ग्राम पंचायत अधिकारी के पदों पर करने, कलेक्ट्रेट को जनपद सचिवालय घोषित करने, सभी संवर्गों के रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती सुनिश्चित की जाए सभी रिक्त पदों पर पदोन्नति के पात्र कर्मचारियों की पदोन्नति, विभिन्न संवर्गों के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को नियमित करने, उपार्जित अवकाश 300 दिन संचित करने की बाध्यता समाप्त कर पूर्व की भांति पूर्व से अर्जित अवकाश लेखा तैयार करने की व्यवस्था, कलेक्ट्रेट लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों को नायब तहसीलदार के 10% पदों पर पदोन्नति का कोटा निर्धारित किया जाए। कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा द्वारा समय-समय पर दिए गए अन्य मांगों पर भी समय बाद सार्थक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।