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डायबिटीज रोगी सहरी और इफ्तार में न खाएं तली खाना

डायबिटीज रोगी रोजा रख सकते हैं, सिर्फ उन्हें थोड़ी सावधानी रखने की जरूरत है। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के राजीव गांधी सेंटर फॉर डायबिटीज एंड इंडोक्रोनोलॉजी के निदेशक डॉ. शीलू शफीक सिद्दीकी ने बताया...

डायबिटीज रोगी सहरी और इफ्तार में न खाएं तली खाना
Center,AligarhSat, 27 May 2017 11:26 PM
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डायबिटीज रोगी रोजा रख सकते हैं, सिर्फ उन्हें थोड़ी सावधानी रखने की जरूरत है। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के राजीव गांधी सेंटर फॉर डायबिटीज एंड इंडोक्रोनोलॉजी के निदेशक डॉ. शीलू शफीक सिद्दीकी ने बताया कि सहरी और इफ्तार में डाइट का विशेष ध्यान रखें। फल, सलाद खाएं, तरल पदार्थ लें। तली हुई और ज्यादा नमकीन चीजों का सेवन न करें। इससे प्यास ज्यादा महसूस होती है। िमठाई न खाएं, इससे शुगर अधिक बढ़ सकती है।डॉ. शीलू शफीक ने बताया कि रोगियों को योजनाबद्ध तरीके से ग्लूकोज की मात्रा को व्यवस्थित रखने की जरूरत होती है। जरा सी लापरवाही के कारण हाइपोग्लाईसीमिया का खतरा रहता है। उन्होनें खतरे को कम करने के लिए बताया कि डायबिटीज रोगी इंजेक्शन से मॉलीक्यूल्स ले सकते हैं। मुंह के जरिए भी इसे लिया जा सकता है।उन्होंने कहा कि हाइपोग्लाइसीमिया और हाइपरग्लासीमिया के लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए। इनके लक्षण दिखने पर चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। डायबिटीज रोगियों को रोजा के दौरान दिन में कई बार ब्लड ग्लूकोस की जांच करते रहना चाहिए। उन रोगियों के लिए यह आवश्यक है, जिन्हें इंसुलिन लेना होता है।डॉ. शीलू ने बताया कि रोजे के दौरान दवा लेना जरूरी है। दवा की खुराक और समय बदला जा सकता है। दवा नहीं लेने से शुगर अधिक बढ़ने का खतरा रहता है, जो हानिकारक हो सकता है। उनका कहना है कि रोजे के दौरान रोजेदार के आहार और जीवन शैली में बदलाव आता है। डायबिटीज और हाईब्लड प्रेशर वाले लोगों को अपना ध्यान रखना चाहिए।

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