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आठवें दिन भक्तों ने किया मां महागौरी का पूजन

- मंदिरों और घरों में श्रद्धालुओं ने कन्या पूजन की - घरों और मंदिरों में

आठवें दिन भक्तों ने किया मां महागौरी का पूजन
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,अलीगढ़Sun, 22 Oct 2023 07:13 PM
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- मंदिरों और घरों में श्रद्धालुओं ने कन्या पूजन की

- घरों और मंदिरों में हुई मां की अराधना, भजन और कीर्तन

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अलीगढ़ । कार्यालय संवाददाता

 नवरात्र  के आठवें दिन मां दुर्गा के स्‍वरूप महागौरी की भक्तों ने श्रद्धाभाव से पूजा-अर्चना की। घरों और मंदिरों में सुबह से मां की पूजा अर्चना करने के बाद कन्या लांगुरे जमाए गए। कन्या पूजन कर यजमानों में कन्याओं से आशीर्वाद लिया। शहर के नौरंगाबाद स्थित नौ देवी मंदिर में यज्ञ का आयोजन किया गया। वहीं श्री वार्ष्णेय मंदिर में 251 थालों से मां दुर्गा की महाआरती की गई।

वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी पूर्णानंद पुरी महाराज ने बताया कि शंख और चन्द्र के समान अत्यंत श्वेत वर्ण धारी महागौरी मां दुर्गा का आठवां स्वरूप हैं। यह भगवान शिवजी की अर्धांगिनी हैं। कठोर तपस्या के बाद देवी ने शिवजी को अपने पति के रुप में प्राप्त किया था। महागौरी की अराधना से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। भक्त जीवन में पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी बनता है।  नवरात्रि के नौ दिनों तक कन्याओं को भोजन करवाने का विधान है, लेकिन  अष्टमी  के दिन इसका विशेष महत्व है। इस दिन मां को चुनरी भेट करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मां दुर्गा का आठवां रुप महागौरी व्यक्ति के भीतर पल रहे कुत्सित और मलिन विचारों को समाप्त कर प्रज्ञा और ज्ञान की ज्योति जलाता है। मां का ध्यान करने से व्यक्ति को आत्मिक ज्ञान की अनुभूति होती है। उसके भीतर श्रद्धा विश्वास और निष्ठ की भावना बढ़ाती है। मां दुर्गा की अष्टम शक्ति है महागौरी, जिसकी आराधना से भक्तों को जीवन के सही राह का ज्ञान होता है। जिस पर चलकर वह अपने जीवन को सार्थक बना सकता है। भगवान शिव की प्राप्ति के लिए इन्होंने कठोर पूजा की थी, जिससे इनका शरीर काला पड़ गया था। देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने इन्हें स्वीकार किया। इसके बाद गंगा जल की धार जैसे ही देवी पर पड़ी देवी विद्युत के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो गईं। इसलिए उन्हें मां गौरी कहा जाता है। रविवार को आवास विकास स्थित मंदिर में विधिविधान से मां की पूजा की गई। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में भक्तजन मौजूद रहे। इसी तरह शहर के अन्य मंदिरों में पूजन अर्चन किया गया।

मंदिरों में गूंजे शंख और घंटे

अष्टमी के अवसर पर शहर के सभी प्रमुख मंदिरों में माता रानी की विशेष पूजा अर्चना की गई। नौरंगाबाद स्थित नौ देवी मंदिर में प्रात: काल हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आहुति दी। महेंद्र नगर स्थित काली मंदिर में मां महागौरी की महायज्ञ का आयोजन किया गया। हवन यज्ञ के बाद माता रानी की विशेष आरती की गई। वहीं शाम को माता रानी की भजन संध्या का आयोजन किया। दुबे का पड़ाव स्थित पथवारी मंदिर में माता रानी की पूजा के लिए सुबह से लेकर दोपहर तक भक्तों की लाइन लगी रही।

वार्ष्णेय मंदिर 251 दीपकों से महाआरती

श्री वार्ष्णेय मंदिर में श्री नवदुर्गा महोत्सव सेवा समिति द्वारा दसवां नवरात्रि महोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। रविवार को अष्टमी दिवस पर मातारानी की महाआरती 251 दीपकों से महाआरती भक्तों ने की। इस अवसर पर भक्तों ने मातारानी का गुणगान अपने भजनों के माध्यम से किया। दर्शक देर रात्रि तक गीत संगीत और भक्ति की त्रिवेणी मे स्नान करते रहे। नवरात्रि उत्सव का शुभारंभ मुख्य यजमान के रूप में यतेंद्र वार्ष्णेय वाईके, प्रमोद कुमार जलाली, विजय अग्रवाल सोनी ज्वेलर्स, नरेन्द्र कुमार सोलंकी, पंकज ज्वेलर्स, मुकेश वार्ष्णेय शिशु, गरुण सिंघल मनु मेडिकोज, देवेंद्र वार्ष्णेय ज्वेलर्स, कुलदीप महेश्वरी, अनुपम सज्जू, हिमांशु वार्ष्णेय रॉक स्टार, जुगनू वार्ष्णेय योगेश टेंट आदि ने मातारानी की आरती की। नवदुर्गा महोत्सव समिति के मीडिया प्रभारी भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक के अनुसार सोमवार को माता रानी की प्रतिमा को पंडाल स्थल से श्री वार्ष्णेय मंदिर के जगमोहन मे पुनर्स्थापित किया जाएगा।

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