बड़ा सवाल: 17 घंटे में दो हत्याएं वजह क्या सिर्फ रुपयों का लेनदेन
17 घंटे में दो हत्याएं। अकरम व स्वप्निल की जान लेने के बाद अधिवक्ता सलीम का खुद को भी गोली मार लेना। क्या इन हत्याओं के पीछे सिर्फ रुपये के लेनदेन की वजह ही...
17 घंटे में दो हत्याएं। अकरम व स्वप्निल की जान लेने के बाद अधिवक्ता सलीम का खुद को भी गोली मार लेना। क्या इन हत्याओं के पीछे सिर्फ रुपये के लेनदेन की वजह ही है। अगर नहीं, तो जो भी वजह रही वह एक राज की तरह सलीम की मौत के साथ दफन हो गई। सालों से चले आ रहे रुपये के लेनदेन के बीच आखिर वह कौन सा कारण रहा जो सलीम मरने-मारने पर उतारू हो गया।
थाना सिविल लाइन थाना क्षेत्र में आने वाले जौहराबाग में रहने वाले सलीम बरनी अधिवक्ता थे। दि अलीगढ़ बार एसोसिएशन में उनका रजिस्ट्रेशन भी था। सराफा कारोबारी व अधिवक्ता स्वप्निल वाष्र्णेय से उनकी मुलाकात 2007 में दीवानी कचहरी में ही हुई थी। घर के नजदीक ही कपड़ा कारोबारी अकरम का मकान व दुकान है। ऐसे में दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते थे। सूत्रों के मुताबिक 2008 में अधिवक्ता सलीम ने एक जमीन का सौदा किया था। जिसके लिए बाजार से कुछ रुपया ब्याज पर भी उठाया था। जिसमें करीब साढ़े 17 लाख रुपये सराफा कारोबारी स्वप्निल के थे। रुपये के एवज में अधिवक्ता के द्वारा चेक दिए थे। इसी तरह से करीब साढ़े पांच लाख रुपये का लेनदेन कपड़ा व्यापारी अकरम से था। सराफा कारोबारी को दिए गए चेक बाउंस होने व रुपये वापस न मिलने की वजह से अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमा भी सिविल कोर्ट में चल रहा है। बताया जाता है कि कुछ ही दिनों में इस मुकदमे में फैसला आने वाला था।
ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि करीब 12 साल से सराफा कारोबारी से रुपये के लेनदेन का विवाद चला आ रहा था। कपड़ा कारोबारी से भी रुपये के लेनदेन का विवाद कई सालों से था। जैसा कि दोनों कारोबारियों के परिजनों ने पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में बताया है। लेकिन 17 घंटे में ऐसा क्या हुआ जो अकरम और स्वप्निल की हत्या करने का खून सलीम के सिर पर सवार हो गया। सिर्फ हत्या ही नहीं खुद को भी गोली मारकर जीवनलीला समाप्त कर डाली।
0-दो हत्या के बाद सलीम का खुद को गोली मारना कई सवाल करता है खड़े
सवाल नंबर-1
अगर सलीम को रुपये न देते हुए सिर्फ दोनों को मौत की नींद ही सुलाना था तो यह काम खुद अकेले ही करने की क्यों प्लानिंग की।
सवाल नंबर-2
सलीम का कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है। वह बार एसोसिएशन का सदस्य था। इसके बावजूद उसने हत्या करने जैसा दुस्साहस कदम उठाने से पहले जरा भी नहीं सोचा। ऐसा क्या उसके दिमाग में भर गया था।
सवाल नंबर-3
कपड़ा कारोबारी को सलीम ने खुद बुलाया और बाइक पर साथ बैठकर गया। रास्ते में बाइक पर चलते-चलते ही गोली मार दी। सीसीटीवी में सलीम और अकरम साथ जाते दिखे हैं। यानि सलीम को जरा भी हत्या करने और उसके अंजाम का खौफ नहीं था। ऐसा क्यों।
सवाल नंबर-4
अकरम की हत्या करने के बाद सलीम ने स्वप्निल को उसके ही घर में घुसकर गोली मारकर हत्या करने का प्लान तैयार किया। जबकि स्वप्निल का घर घनी आबादी में है। यानि उसे इस बात का जरा भी डर नहीं था कि वह फंस सकता है। ऐसा क्यों।
सवाल नंबर-5
ऐसी कौन सी वजह रही तो अकरम की हत्या के बाद ही स्वप्निल की हत्या के लिए सलीम मौका तलाशता रहा। अकरम की हत्या के आधे घंटे बाद ही सराफा कारोबारी की दुकान पर पहुंच गया। मौका नहीं मिला तो सुबह ही घर जा धमका।
सवाल नंबर-6
स्वप्निल को गोली मारने के बाद जब सलीम घर में घिर गया तो उस समय बुजुर्ग माता-पिता के अलावा एक महिला ही थी। सलीम ने बचाव के लिए गोली किसी दूसरे पर न चलाकर खुद की कनपटी पर ही क्यों चला लीं। जबकि पुलिस को चार जिंदा कारतूस भी मिले।