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जिन्ना प्रकरण पर रहेंगे कायम, हिन्दुस्तान के मुस्लिम हिन्दुस्तानी

पीएम नरेन्द्र मोदी ने अल्पसंख्यकों का विश्वास जीतने और उनके साथ हुए छल को छेदने की बात कही है। राजनीति के इस बदलते स्वरूप को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका...

जिन्ना प्रकरण पर रहेंगे कायम, हिन्दुस्तान के मुस्लिम हिन्दुस्तानी
हिन्दुस्तान टीम,अलीगढ़Mon, 27 May 2019 01:59 AM
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पीएम नरेन्द्र मोदी ने अल्पसंख्यकों का विश्वास जीतने और उनके साथ हुए छल को छेदने की बात कही है। राजनीति के इस बदलते स्वरूप को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है। वहीं, अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम ने एएमयू में लगी जिन्ना की तस्वीर पाक भेजने के मुद्दे पर कायम हैं। रविवार को उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान के मुस्लिम हिन्दुस्तानी हैं, जबकि पाक के लोग कट्टर व भारत के विरोधी हैं।

रविवार को हिन्दुस्तान से बात करते हुए सांसद सतीश गौतम ने कहा कि अल्पसंख्यकों का जिन्ना से कोई लेना-देना नहीं है। जिन्ना ने इस देश का बंटवारा कराया। ऐसे देशद्रोही का भारत से कोई मतलब ही नहीं बनता। हिन्दुस्तान में रहने वाला प्रत्येक मुस्लिम हिन्दुस्तानी है। वह हिन्दुस्तान की भावना रखता है। पाक में आतंक पनप रहा है। वहां के लोग कट्टर भारत के विरोधी हैं।

सांसद बोले कि मुस्लिम बहनों ने भाजपा को वोट दिया है। पीएम ने अल्पसंख्यक समुदाय में भागीदारी बढ़ाने की बात कही है। हम भागीदारी बढ़ाएंगे। दीवार खड़ी का नहीं बल्कि हम दीवार तोड़ने का काम ही कर रहे हैं। चाहें तीन तलाक, पीएम आवास योजना, उज्ज्वला योजना हो या फिर सौभाग्य योजना। जिन्ना विषय दूसरा है। जिन्ना का विषय एएमयू से है। मुस्लिम वर्ग में हम पहले भी काम करते आए। वह हमारे देश के नागरिक है।

जीत के बाद जिन्ना की तस्वीर पाक भेजने की कही थी बात

सांसद सतीश गौतम ने 23 मई को चुनाव के नतीजे आने के बाद अपनी प्राथमिकता गिनाते हुए सबसे पहले एएमयू में लगी जिन्ना की तस्वीर पाक भिजवाने की बात कही थी। पूर्व में जिन्ना की तस्वीर को लेकर एएमयू में खूब बवाल भी मच चुका है।

पीएम नरेन्द्र मोदी ने क्या कहा :

पीएम मोदी ने कहा कि जैसा गरीबों के साथ जैसा छल हुआ, वैसा ही छल देश के अल्पसंख्यकों के साथ हुआ है। दुर्भाग्य से देश के अल्पसंख्यकों को उस छलावे में भ्रमित और भयभीत रखा गया है। उससे अच्छा होता कि अल्पसंख्यकों की शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती। 2019 में आपसे अपेक्षा करने आया हूं कि हमें इस छल को भी छेदना है। हमें विश्वास जीतना है।

जनता ने विश्वास किया, जिसकी वजह से उन्होंने दोबारा सरकार बनाई। विश्वास की डोर जब मजबूत होती है, तो प्रो-इंकम्बेंसी वेव पैदा होती है, यह वेव विश्वास की डोर से बंधी हुई है। ये चुनाव पॉजिटिव वोट का चुनाव रहा। लोग इसलिए वोट करने गए कि फिर से इस सरकार को लाना है, काम देना है, जिम्मेदारी देनी है।

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