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ई-संजीवनी से उपचार में अलीगढ़ 35वें, मेरठ पहले नंबर पर

- कोरोना काल में लोगों के इलाज के लिए लॉन्च हुआ था संजीवनी एप -

ई-संजीवनी से उपचार में अलीगढ़ 35वें, मेरठ पहले नंबर पर
हिन्दुस्तान टीम,अलीगढ़Sat, 17 Oct 2020 03:16 AM
ऐप पर पढ़ें

कोरोना काल में प्रदेश सरकार द्वारा लोगों को घर बैठे ही ओपीडी और अन्य बीमारियों का इलाज मिल सके, इसके लिए ई-संजीवनी एप को लॉन्च किया गया था। दावा था कि इस ऐप के द्वारा जिले के लोगों को घर बैठे ओपीडी की सुविधा मिलेगी। लेकिन एप लॉन्च होने से लेकर अब तक मात्र 777 लोगों को इलाज मिला है। एप करीब 12 जून को लॉन्च किया गया था।

लॉक डाउन के दौरान सामान्य ओपीडी और अन्य अस्पतालों के न खुलने से मरीजों को ज्यादा ही समस्या होने लगी थी। आपदा के अवसर के रूप में सरकार ने मरीजों को एक विकल्प दिया। वह विकल्प स्वास्थ्य विभाग का ई-संजीवनी एप था। संजीवनी एप के द्वारा लोगों को सामान्य ओपीडी उपलब्ध कराने की कोशिश की गई। लेकिन कोरोना संकट में एप तो लॉन्च कर दिया गया पर प्रचार प्रसार नहीं किया गया। प्रदेश के जिलों की रैंकिंग की बात करेंगे तो 75 जिलों में से अलीगढ़ 35वें नबंर है। अलीगढ़ जिले में पिछले चार माह में 777 मरीजों को ओपीडी की ई-सुविधा दी गई। ई- ओपीडी सुविधा देने में नंबर एक पर मेरठ जिला है, जिसने अब तक 13920 ओपीडी की सुविधा दी है।

एक लाख से ज्यादा लोगों ने किया डाउनलोड

ई-संजीवनी एप करीब एक लाख से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है। एप के माध्यम से लोगों को घर बैठे ही स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है। इससे मरीजों को काफी फायदा हुआ है। एप के माध्यम से उपचार की जिम्मेदारी 50 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर को दी गई। लेकिन कई सीएचओ के कोविड में ड्यूटी की वजह से संख्या कम है। यह एप स्वास्थ्य विभाग का भविष्य है, आगे जाकर इससे बड़ी बीमारियों के लिए सलाह व उपचार दिया जाएगा।

ई-ओपीडी में देरी भी एक कारण

ई- संजीवनी एप द्वारा ओपीडी की प्रक्रिया में देरी भी संख्या कम होने का कारण हो सकता है। एप पर ओपडी और तहसील चुनने के बाद ओटीपी आता है, जिससे बाद में ओपीडी से संबंधित जानकारी देने के बाद एप 5 से 10 मिनट बाद लॉगइन करने का मैसेज आता है। नोडल अधिकारी ने बताया कि एप द्वारा ज्यादा समय लेना भी एक कारण हो सकता है।

इनका कहना है

ई-संजीवनी एप से लोगों को उपचार देने में अलीगढ़ जिला 35वें नबर है। जिले में ई-ओपीडी की सुविधा देने में हम पिछड़े हैं। इसका सबसे बड़ा कारण कोरोना काल में प्रचार प्रसार का न हो पाना है। वहीं इसकी जिम्मेदारी सभी सीएचओ की दी गई है। लेकिन कोविड की वजह से उनकी ड्यूटी अन्य जगहों पर लगा दी गई है। जल्द ही एमओआईसी की मीटिंग होने वाली है, जिसमें ई-ओपीडी सुविधा बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी।

डा. एसपी सिंह, एसीएमओ

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