दुष्कर्म के बाद किशोरी को आत्महत्या के लिए उकसाने में आरोपी दोषी करार
एडीजे व फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश त्रिभुवन नाथ पासवान की अदालत ने गुरुवार को दुष्कर्म के बाद किशोरी को आत्महत्या के लिए उकसाने पर आरोपी को दोषी करार दिया...
एडीजे व फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश त्रिभुवन नाथ पासवान की अदालत ने गुरुवार को दुष्कर्म के बाद किशोरी को आत्महत्या के लिए उकसाने पर आरोपी को दोषी करार दिया है। वहीं, एक महिला को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। अब शनिवार को सजा सुनाई जाएगी। एडीजीसी शैलेंद्र अग्रवाल के मुताबिक वादी ने कोतवाली सदर में दी तहरीर में थी कि उसकी मां, भाई और छोटी बहन अलग रहे हैं। 27 मई 2011 को इलाके का ही सद्दाम पुत्र इसहाक उसकी बहन को बहला-फुसलाकर ले गया था। जबकि वह शादीशुदा है। जब उसके परिजनों पर दबाव बनाया तो 30 मई को वह उसकी बहन को घर छोड़ गया। सद्दाम ने जाते वक्त धमकी दी थी कि अगर उसके खिलाफ शिकायत की या गवाही दी तो उसे और उसके भाइयों को जान से मार देगा। सद्दाम की धमकी से उसकी बहन सहम गई। इसके चलते 31 मई की सुबह उसने अपने ऊपर केरोसिन डालकर आग लगा ली। उसे गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। जहां नायब तहसीलदार ने पीड़िता के बयान दर्ज किए थे। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मामले में पीड़ित के भाई ने सद्दाम, रेशमा आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। सत्र परीक्षण के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनीं। साक्ष्य व गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने आरोपी सद्दाम को दोषी करार दे दिया है। जबकि मृत्यु से पूर्व किशोरी द्वारा दिए गए बयान में रेशमा का नाम नहीं लिए जाने पर अदालत ने उसे बरी कर दिया है।