Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़अलीगढ़Gauri teaches Hindi to children in an interesting way

बच्चों को रुचिकर ढंग से हिंदी का पाठ पढ़ती हैं गौरी

सरल और सहज भाषा हिंदी है। बावजूद इसे और बेहतर व रूचिकर ढ़ंग से पढ़ाकर बच्चों को उनके पाठ का याद कराने की कला आफरोज गौरी हुनर में शामिल हैं। बेसिक शिक्षा विभाग में सामाजिक अध्ययन विषय की शिक्षका का हिंदी व्याकरण पर बेहतर पकड़ उन्हें जिले में ही बल्कि प्रदेश और देश स्तर पर सम्मान दिला रहीं हैं।

Sunil Kumar लाइव हिन्दुस्तानSun, 15 Sep 2024 01:50 PM
share Share

सरल और सहज भाषा हिंदी है। बावजूद इसे और बेहतर व रूचिकर ढ़ंग से पढ़ाकर बच्चों को उनके पाठ का याद कराने की कला आफरोज गौरी हुनर में शामिल हैं। बेसिक शिक्षा विभाग में सामाजिक अध्ययन विषय की शिक्षका का हिंदी व्याकरण पर बेहतर पकड़ उन्हें जिले में ही बल्कि प्रदेश और देश स्तर पर सम्मान दिला रहीं हैं।

विकास खंड बिजौली के सफीपुर जूनियर हाईस्कूल की शिक्षिका आफरोज गौरी मूलत: इगलास के बेसवा की रहने वाली है। उनके पिता अजीज अहमद गौरी उत्तराखंड के चंपावत में जीआईसी स्कूल के प्रधानाचार्य थे। प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने उत्तराखंड से हासिल की। एमए और बीएड करने उन्होंने दो जनवरी 2006 में प्रावि. हैवतपुर में सहायक अध्यापिका के पद पर ज्वाइन किया। बचपन से ही गौरी को कुछ अलग करने का शौक रहा। जिसे वह आने आदम में शुमार करते चली गईं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ी तो क्रिटियविटी भी बढ़ती चली गई। सामाजिक अध्ययन विषय की शिक्षिका होने के बावजूद हिंदी में उनकी रूचि काफी रही। जिसके कारण उन्होंने हिंदी व्याकरण जो बच्चों को सबसे ज्यादा कठिन लगता है, उसे सरल करने में जुट गई। शिक्षिका ने अलंकार की कविता को बच्चों के बीच ऐसा पढ़ाया कि बच्चों को अनुप्रास, यमक और रूपक सहित अन्य अलंकार याद हो गए। रानी की कहानी के अलंकार के रस को भर कर गौरी ने बच्चों को हिंदी का पाठ पढ़ाया। शिक्षिका ने बताया कि जिस प्रकार आभूषण से नारी की सौंदर्यता बढ़ती है, उसी प्रकार अलंकार से कविता की शोभा बढ़ जाती है। शब्द तथा अर्थ की जिस विशेषता से काव्य का शृंगार होता है उसे ही अलंकार कहते हैं।

मेरा काम न केवल बच्चों को विषय का ज्ञान देना, बल्कि उनहें जीवन के महत्वूपर्ण मूल्यों और नैतिकताओं से भी परिचित कराना है। उन्हें उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना, उनके कैरियर और जीवन में सही निर्णय लेने में मदद करना है। विद्यार्थियों की सफलता के लिए समर्पित हूं। -आफरोज गौरी, शिक्षिका, उच्च प्राथमिक विद्यालय सफीपुर, बिजौली

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें