एडेड स्कूलों में शिक्षकों को अब आसानी से न निकाल सकेगा प्रबंधन, प्रमोशन का रास्ता भी होगा साफ
- उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग ने शासन को उप्र सेवा चयन आयोग अधिनियम-2023 में माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड अधिनियम-1982 की धारा-18 व 21 को शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद एडेड और राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के करीब 82,000 शिक्षकों को लाभ होगा।

UP Teachers News: यूपी के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा सुरक्षा एवं पदोन्नति मामले में जल्द ही राज्य सरकार निर्णय करने जा रही है। इससे एडेड स्कूलों के शिक्षकों को प्रबंध तंत्र अब आसानी से नहीं निकाल सकेगा। साथ ही उनकी प्रोन्नति का रास्ता भी साफ हो जाएगा। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग ने शासन को उप्र सेवा चयन आयोग अधिनियम-2023 में माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड अधिनियम-1982 की धारा-18 व 21 को शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।
कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद एडेड एवं राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के करीब 82,000 शिक्षकों को लाभ होगा। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद पूर्व में गठित उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग स्वत: ही निष्प्रभावी हो गया। पुराने माध्यमिक शिक्षा आयोग में नियम-अधिनियम की तमाम ऐसी धाराएं-उपधाराएं थीं, जिसके माध्यम से शिक्षकों को सेवा सुरक्षा हासिल थी। इन धाराओं का उल्लेख नए गठित आयोग के नियमों में होने से रह गया। इस त्रुटि की आड़ में शिक्षकों विशेष कर सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों के उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ गईं।
यह भी पढ़ें: ‘आपके घर की श्रीलक्ष्मी को कोई और…’, सोनाक्षी-जहीर की शादी पर ये क्या कह गए कुमार विश्वास
क्या बोले शिक्षक नेता
माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र कुमार सिंह एवं वरिष्ठ शिक्षक नेता ओम प्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि शिक्षा सेवा आयोग के विधिवत गठन होते ही शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और पदोन्नतियों की तरह से अवरुद्ध हो गई। इससे शिक्षक उत्पीड़न के मामले बेतहासा बढ़ रहे हैं। बिना अनुमोदन व वेतन के मूल पदों के उच्च पदों के दायित्व को मजबूर होना पड़ रहा है।
शासन को भेजा प्रस्ताव
शिक्षकों की शिकायतों को देखते हुए शासन स्तर पर मंथन के बाद इस बारे में शिक्षा चयन आयोग से प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए। इसके बाद नव गठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग के सचिव ने शासन को प्रस्ताव भेजकर शिक्षकों की सेवा सुरक्षा के लिए पूर्व की 1982 की धारा-18 एवं 21 या उस जैसी ही सेवा सुरक्षा प्रदान करने वाली नई धाराओं का प्रावधान करने का अनुरोध किया है।