
दुर्गा शक्ति नागपाल को 1.63 करोड़ का नोटिस, IARI ने IAS अफसर से बंगला कब्जे का हर्जाना मांगा
संक्षेप: भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) ने आईएएस अधिकारी और लखीमपुर खीरी की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल से दिल्ली में संस्थान के एक बंगले पर अवैध रूप से लगभग तीन साल कब्जा रखने के लिए 1.63 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की उत्तर प्रदेश काडर की चर्चित अफसर और लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी (DM) दुर्गा शक्ति नागपाल से भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने एक बंगले पर लगभग तीन साल कब्जा बनाए रखने के एवज में 1.63 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। नागपाल ने दिल्ली में संस्थान के पूसा रोड कैंपस में बना बंगला आवंटन खत्म होने के बाद भी खाली नहीं करने के लिए माता-पिता के इलाज का हवाला दिया था। अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक दुर्गा शक्ति नागपाल ने दावा किया है कि जुर्माना माफी के लिए उनका आग्रह राज्य सरकार ने दिल्ली को भेजा है और वह विचाराधीन है।

दुर्गा शक्ति नागपाल 2010 बैच की आईएएस अफसर हैं। नागपाल 2013 में समाजवादी पार्टी (एसपी) की सरकार के दौरान नोएडा में बालू माफियाओं पर तगड़ी कार्रवाई करने और बाद में एक मस्जिद की दीवार गिराने को लेकर सस्पेंड होने के कारण पहले भी चर्चा में रही हैं। बाद में जब वो अपने आईएएस पति (अब वीआरएस ले चुके) अभिषेक सिंह के साथ अखिलेश यादव से मिलीं तो उनका निलंबन खत्म हुआ। नागपाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कृषि मंत्री राधामोहन सिंह की विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) बनकर 2015 में दिल्ली गई थीं और तब उन्हें मंत्रालय की तरफ से यह बंगला अप्रैल में मिला था।
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2019 में दुर्गा शक्ति नागपाल का ट्रांसफर वाणिज्य मंत्रालय हो गया और तब से आईएआरआई उनसे बंगला वापस मांग रहा था। नागपाल के अनुरोध पर बंगला आवंटन की मियाद बढ़ाई गई लेकिन एक समय के बाद संस्थान ने बंगला खाली करने कह दिया। बात दिल्ली पुलिस तक गई और तब ऐन-केन-प्रकारेण फरवरी 2025 में दुर्गा शक्ति नागपाल ने बंगला खाली किया। संस्थान ने मई 2022 से फरवरी 2025 के बीच इस टाइप 6-ए बंगला के लिए हर्जाना तय करने के नियम से 1.63 करोड़ रुपये की देनदारी का नोटिस नागपाल को भेजा है।
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संस्थान ने दुर्गा शक्ति नागपाल से आवंटन अवधि के दौरान बंगले का किराया 6600 रुपये लिया था। आवंटन खत्म होने के बाद कब्जे का बेसिक हर्जाना 92 हजार रुपये तय हुआ और प्रचलित नियमों के मुताबिक दूसरे महीने हर्जाना बढ़कर 1.02 लाख, तीसरे महीने 1.10 लाख, चौथे माह 1.28 लाख, पांचवें महीने 1.65 लाख, छठे महीने 2.39 लाख और आठवें महीने से आगे हर माह 4.60 लाख रुपया फिक्स हो गया। इस आधार पर कुल 1.63 करोड़ रुपये के जुर्माना की गणना हुई, जिसकी मांग संस्थान ने मई महीने में नागपाल से की थी।





