आगरा में नारी संरक्षण गृह की अधीक्षिका गिरफ्तार, भेजा जेल
कालिंदी विहार स्थित नारी संरक्षण गृह की अधीक्षिका गीता राकेश को 43 संवासिनियों व आठ बच्चों की नियम विरुद्ध रिहाई के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। गुरुवार को महिला कल्याण निदेशालय के उप मुख्य...
कालिंदी विहार स्थित नारी संरक्षण गृह की अधीक्षिका गीता राकेश को 43 संवासिनियों व आठ बच्चों की नियम विरुद्ध रिहाई के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। गुरुवार को महिला कल्याण निदेशालय के उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी पुनीत कुमार मिश्र ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुकदमे में अपहरण, अपराधिक साजिश, खरीद फरोख्त, देह व्यापार निवारण अधिनियम और सरकारी आदेश की अवेहलना का आरोप है। मामला इलाहाबाद की संवासनियों से जुड़ा हुआ है। 5 मई 2016 में एसडीएम सदर (इलाहाबाद) के आदेश पर 67 संवासनियों और 37 बच्चों को आगरा के एत्मादुद्दौला क्षेत्र स्थित नारी संरक्षण गृह में भेजा गया था। महिलाएं और बच्चे कोतवाली इलाहाबाद क्षेत्र में वर्ष 2016 में पकड़े गए थे। देह व्यापार निवारण अधिनियम का मुकदमा दर्ज किया गया था। सभी को एक वर्ष तक संरक्षण गृह में रखने के आदेश थे। इस अवधि में उन्हें रोजगारपरक प्रशिक्षण व बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने को कहा गया था। 28 मार्च 2017 को इलाहाबाद कोर्ट के आदेश पर इनमें से दस संवासनियों को छोड़ दिया गया। 18 मई 2017 को एसडीएम सदर (इलाहाबाद) ने एक नया आदेश पारित किया। जिसमें सभी संवासनियों और बच्चों को दो साल तक और संरक्षण गृह में रखने के आदेश दिए। आदेश में यह भी लिखा कि संवासनियों के रिश्तेदार बनकर जो लोग आ रहे हैं वे फर्जी हैं। इसकी जांच जरूरी है। डीएनए कराया जाना चाहिए। महिलाओं ने पकड़े जाने पर जो नाम और पते बताए थे वे सभी फर्जी निकले। महिलाओं के बयान दर्ज किए गए तो उन्हें खुद याद नहीं था कि पहले उन्होंने अपने क्या नाम बताए थे। एसडीएम के इस आदेश के बावजूद संरक्षण गृह से 21, 22 व 23 मई को 43 संवासनियों और आठ बच्चों को उनके कथित रिश्तेदारों के सुपुर्द कर दिया गया। इस संबंध में गुड़िया संस्थान के सोशल एक्टिविस्ट सुनील कुमार ने शिकायत की थी। शिकायत में लगाए गए आरोपों को सही पाए जाने पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। गिरफ्तारी से पहले एक घंटे तक चला मंथन राजकीय नारी संरक्षण गृह की अधीक्षिका गीता राकेश की गिरफ्तारी से पहले गुरुवार को पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के बीच एक घंटे तक मंथन हुआ। पूरे मामले को गहराई से समझा गया। मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है। ऊपर तक शिकायत हुई हैं। जांच में गीता राकेश को दोषी पाया गया। यह देखने के बाद गिरफ्तारी का फैसला लिया गया। डीएम के आदेश पर दोपहर को पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम नारी संरक्षण गृह पहुंची। गीता राकेश को उम्मीद नहीं थी कि इतनी सख्त कार्रवाई होगी। हिरासत में लेते ही उनके होश उड़ गए। पुलिस ने उन्हें ज्यादा देर तक थाने पर नहीं बैठाया। गिरफ्तारी पर टीम के पहुंचने से पहले मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। गिरफ्तारी के तत्काल बाद मेडिकल कराया गया। मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। दोबारा वेश्यावृत्ति में पहुंचने की आशंका नारी संरक्षण गृह की अधीक्षिका गीता राकेश के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे में कई गंभीर आरोप हैं। इस बात की आशंका है कि महिलाएं दोबारा वेश्यावृत्ति में धकेली जा सकती हैं। उन्हें कौन ले गया इस बात के अब किसी के पास कोई प्रमाण नहीं हैं। गीता राकेश पर आरोप है कि उनके पास सभी संवासनियों के रिश्तेदारों का रिकार्ड नहीं है। सिर्फ दस संवासनियों को जिन्हें कोर्ट के आदेश पर छोड़ा गया था उनसे संबंधित कागजात पेश किए गए हैं। 43 संवासनियों और आठ बच्चों को जल्दबाजी में साजिश के तहत छोड़ा गया। जिन लोगों ने संवासनियों को सुपुर्दगी में लिया उनसे उनकी आईडी तक नहीं ली गई। कोई बंधपत्र नहीं भरवाया गया। आईडी की जांच नहीं कराई गई। जबकि इस संबंध में एसडीएम सदर (इलाहाबाद) का पूर्व में ही स्पष्ट आदेश था। छोड़ने के बाद मिला था आदेश गीता राकेश का कहना है कि उन्हें फंसाया गया है। एसडीएम सदर (इलाहाबाद) के पूर्व आदेश में संवासनियों को एक साल तक रखने का आदेश था। एक साल पूरा हो गया था। कोई नया आदेश नहीं मिला था। इसलिए उन्हें परिजनों के साथ जाने दिया गया। नया आदेश 24 मई को डाक द्वारा उन्हें प्राप्त हुआ। जिसमें महिलाओं को रखने की अवधि दो साल तक बढ़ाने का आदेश था। यह आदेश मिलने से पहले पूर्व ही महिलाएं जा चुकी थीं। वहीं दूसरी तरफ एसडीएम सदर (इलाहाबाद) ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि आदेश की प्रति ईमेल और व्हाट्स एप नंबर पर 20 मई को भेज दिया गया था। उसके बाद रजिस्ट्री की गई थी। यह आदेश 18 मई को पारित किया गया था। गीता राकेश ने महिलाओं को छोड़ने से पूर्व किसी समक्ष अधिकारी से राय लेना तक उचित नहीं समझा। जबकि महिलाओं को रेड लाइट एरिया से मुक्त कराया गया था। इससे आशंका है कि उनकी रुचि महिलाओं को जल्द से जल्द छोड़ने में थी। उन्होंने ऐसा क्यों किया यह पुलिस की जांच का विषय है।
