Aathwaphera samwad : आठवां फेरा प्रेम की डोर को और मजबूत करेगा

सात फेरों के सात वचन दुल्हन और दूल्हे को निभाने के लिए मंडप में सुनाए जाते हैं। अग्नि के समक्ष सात फेरे लेकर उन्हें सात बंधनों में बांध दिया जाता है। फिर भी कहीं न कहीं इन बंधनों में कभी-कभी महिलाएं...

Aathwaphera samwad : आठवां फेरा प्रेम की डोर को और मजबूत करेगा
Dinesh Rathour हिन्दुस्तान संवाद, आगराTue, 15 Oct 2019 12:36 PM
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सात फेरों के सात वचन दुल्हन और दूल्हे को निभाने के लिए मंडप में सुनाए जाते हैं। अग्नि के समक्ष सात फेरे लेकर उन्हें सात बंधनों में बांध दिया जाता है। फिर भी कहीं न कहीं इन बंधनों में कभी-कभी महिलाएं ही बंधकर रह जाती हैं। सात वचन और सात फेरे तो देनों ही लेते हैं, तो फिर समानता क्यों नहीं है। क्यों हर उम्मीद उसी से की जाती है। आइए इन सात फेरों और सात वचनों को यूं ही प्यार के बंधन में बांधने के लिए एक आठवां फेरा लें। जिसमें सात वचनों और सात फेरों की डोर को एक प्यार और मजबूत संकल्प को और गहर बना लें।

सात फेरों के बारे में तो हर कोई जानता है। बात अगर आठवें फेरे की हो, तो बड़ा ही अटपटा लगता है। आगरा की महिलाएं आठवां फेरा लेने के लिए उत्सुक हैं। आपके अखबार हिन्दुस्तान की ओर से करवाचौथ विशेष आठवां फेरा की नई परंपरा के तहत कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसमें करवाचौथ को यादगार बनाने के लिए कार्यक्रम में प्रतिभाग करने को शहर की महिलाएं उत्सुक हैं। सोमवार को हरीपर्वत स्थित चोखो जीमण रेस्टोरेंट में संवाद हुआ। यहां पर महिलाओं से जब इस विषय में बात की गई तो उन्होंने इस पहल को काफी सराहा। महिलाओं का कहना था कि आज पति-पत्नी की छोटी-छोटी बातें कोर्ट तक पहुंच जाती हैं। थाने पहुंच जाती हैं।

दोनों के बीच रिश्ते के मायने खत्म हो रहे हैं। हिन्दुस्तान की ओर से आयोजित इस प्रकार के कार्यक्रम से कहीं न कहीं असर जरूर होगा। आठवां फेरा सुनकर ही हम लोग उत्साहित हैं । एक बार फिर अपने प्यार के साथ प्यार से फेरा लेंगे। महिलाओं का कहना था कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना भी बढ़ेगी। महिलाओं ने संकल्प लिया कि करवाचौथ पर हर महिला के सम्मान के लिए प्रयास करेंगे। हिन्दुस्तान के कार्यक्रम की तरह ही महिलाएं भी आठवें फेरे पर वचन लेंगी, जिसमें खुद के सम्मान के लिए जागरूक होंगी। समाज की उन महिलाओं को आठवें वचन के लिए प्रोत्साहित भी करेंगे। हिन्दुस्तान की इस पहल को दिल से सलाम करते हैं।  

पति-पत्नी के रिश्ते की डोर विश्वास और सम्मान पर है। कहीं न कहीं यह कमजोर होती जा रही है। आठवां फेरा इन्हें सहेज सकता है। आज इसकी जरूरत है।
संगीता अग्रवाल

अपने आप में एक अनोखा कार्यक्रम है। ऐसे कार्यक्रमों की आज जरूरत है। हमारी परंपराओं को आगे बढ़ाने और उनकी अहमियत के लिए यह जरूरी है।

अंजू गर्ग

हिन्दुस्तान ने मौका दिया ही है तो हम आठवें फेरे पर वचन लेंगे और देंगे। दांपत्य जीवन को और बेहतर बनाएंगे। अपने रिश्तेदार, पहचान वाले उनके रिश्ते भी मघुर बनाएंगे। 
राधा पवार

इस अनोखे प्रयास को हिन्दुस्तान धन्यवाद का पात्र है। करवाचौथ का त्योहार इतना खूबसूरत होगा कि हम आठवां फेरा लेकर जिंदगी को खुशनुमा बनाएंगे।
सोनिया

मैं आठवां फेरा लेने के लिए उत्साहित हूं। इसके लिए मेरी पति से चर्चा हुई तो उनका कहना था कि यह अच्छा कार्यक्रम है। इससे अपना ही नहीं समाज को भी नई दिशा दे सकते हैं।
साक्षी

मेरी शादी को कई साल हो गए लेकिन मेरा सबसे ज्यादा यादगार करवाचौथ यहीं होने वाला है। इसके लिए मैं हिन्दुस्तान खबार को धन्यवाद देती हूं।
मंशा

आज समाज के हालात देखें तो इससे बेहतर कोई तरीका नहीं पतिपत्नी को रास्ता दिखाने का। रिश्तों की डोर को करवाचौथ पर विशेष आठवां फेरा मजबूती देगा। 
रूबी बघेल

हिन्दुस्तान की ओर से इस प्रकार का कार्यक्रम वाकई सराहनीय है। जहां यह सामाजिक सरोकारों से जुड़ा हुआ है, वहीं करवाचौथ को भी खास बना रहा है।
पायल कटियार

आज की जरूरत है आठवां फेरा। हिन्दुस्तान ने यह टाइटल दिया है। मैं हिन्दुस्तान को धन्यवाद देती हूं कि एक अनोखा तोहफा महिलाओं को दे रहा है।
रीना सिंह

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