आगरा। वरिष्ठ संवाददाता
आगरा मेट्रो रेल परियोजना को सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने जमीन हस्तांतरण और सिविल वर्क के टेंडर की कार्यवाही को अमल में लाना शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन में पिछड़े काम को कवर करने के लिए तेजी लाई जाएगी।
प्रोजेक्ट को सीईसी की सिफारिशों को लागू करने की शर्त पर अनुमति दी गई है। कॉरपोरेशन के एक अधिकारी के मुताबिक, आगरा मेट्रो के लिए दोनों कॉरीडोर के सर्वे की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। सभी यूटिलिटीज का सर्वे हो चुका है। कॉरपोरेशन ने रेलवे सहित कई और विभागों के टेंडर जारी कर दिए हैं। सबसे अहम टेंडर सिविल वर्क का होना है। यह टेंडर दो फेज में होंगे। आगरा में अंडरग्राउंड स्टेशनों का निर्माण भी किया जाएगा। इसलिए एलीवेडिट के अलग और अंडरग्राउंड सेक्शन के लिए अलग टेंडर किए जाएंगे। इसिलए सबसे महत्वपूर्ण है कि कॉरीडोर के साथ-साथ स्टेशनों और यार्ड की जमीन कॉरपोरेशन के हैंडओवर हो जाए। यह प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। पीएसी में प्रस्तावित मेट्रो यार्ड की जमीन के लिए पीएसी परिसर और विधि विज्ञान प्रयोगशाला की जमीन का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसके साथ ढलाई के लिए यार्ड बनाने को जमीन का बंदोबस्त करना होगा। मुख्य नगर नियोजक आरके सिंह का कहना है कि जमीन का हस्तांतरण प्रशासनिक स्तर पर होना है। इसके लिए कार्यवाही की जा रही है।