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लूट में दो सिपाही निलंबित, दारोगा का वीडियो वायरल

बालूगंज चौकी के दो सिपाहियों को लूट के आरोप में निलंबित किया गया है। सिपाहियों पर होटल में जुआ लूटने का आरोप था। सिपाहियों पर कार्रवाई के दो दिन बाद चौकी इंचार्ज बालूगंज का एक वीडियो वायरल हुआ है।...

लूट में दो सिपाही निलंबित, दारोगा का वीडियो वायरल
हिन्दुस्तान टीम,आगराSat, 26 Aug 2017 10:11 PM
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बालूगंज चौकी के दो सिपाहियों को लूट के आरोप में निलंबित किया गया है। सिपाहियों पर होटल में जुआ लूटने का आरोप था। सिपाहियों पर कार्रवाई के दो दिन बाद चौकी इंचार्ज बालूगंज का एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें वह नोट गिन रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि निलंबित सिपाहियों ने वीडियो वायरल किया है। वीडियो छह माह पुराना है। चौकी इंचार्ज भी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। इंस्पेक्टर रकाबगंज ने बताया कि बालूगंज चौकी के सिपाही रविंद्र गौतम व मुरारी को निलंबित किया गया है। बालूगंज क्षेत्र के एक होटल में 15 अगस्त को जुए के फड़ से पचास हजार रुपये लूटने की जानकारी मिली थी। कोई पीड़ित सामने नहीं आया। पुलिस ने इस मामले की जांच की तो घटना सही निकली। वादी नहीं था इसलिए कोई मुकदमा नहीं लिखा गया। इंस्पेक्टर की रिपोर्ट पर सिपाहियों को एसएसपी दिनेश चंद्र दुबे ने निलंबित कर दिया। दोनों सिपाहियों को जोन से बाहर भेजने की तैयारी है। सीओ सदर उदयराज ने बताया कि इसकी रिपोर्ट भेजी जा रही है। शनिवार को चौकी इंचार्ज बालूगंज बृजपाल सिंह भी एक वीडियो वायरल होने के बाद सुर्खियों में आ गए। वीडियो में उनके हाथ में सौ-सौ रुपये के नोट हैं। ढाई हजार रुपये गिनकर वह किसी को दे रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई। चौकी इंचार्ज बालूगंज ने बताया कि यह वीडियो छह-सात माह पुराना है। उन्होंने कोई सामान मंगाया था। ढाई हजार रुपये स्टाफ को इस बात के लिए दिए थे। चौकी इंचार्ज तो नहीं बोल रहे मगर थाने में चर्चा यही है कि वीडियो निलंबित सिपाहियों ने वायरल किया है। सिपाहियों को शक है कि उनके खिलाफ कार्रवाई चौकी इंचार्ज के कहने पर की गई है। वे तो फंस गए। उनके पास भी साक्ष्य हैं। दूसरे को कैसे बच जाने दें। सीओ सदर उदयराज ने बताया कि वीडियो की जानकारी मिली है। इस संबंध में पुलिस के पास अभी तक कोई शिकायत नहीं है। चौकी इंचार्ज से पूछा गया है कि मामला क्या है। घटना सही तो पुलिस बनती वादी दो सिपाहियों ने लूट की। जांच में मामला सही पाया गया। सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा नहीं लिखा गया। जबकि कानून यह कहता है कि इस संबंध में दो मुकदमे लिखे जाते। पहला होटल में जुआ खेलने वालों के खिलाफ। दूसरा सिपाहियों के खिलाफ लूट का। दोनों मुकदमों में कोई भी पुलिस कर्मी वादी बन सकता था। पूर्व में आगरा में ऐसा हो चुका है। वर्ष 2015 में क्राइम ब्रांच ने संजय प्लेस में जुआ लूटा था। पूरी क्राइम ब्रांच की टीम के खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज हुआ था। एक साथ एक दर्जन पुलिस कर्मी निलंबित हुए थे।

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