बुर्के में आए सिरफिरे आशिक ने गड़ासे से बोला युवती पर हमला
नगला मेवाती (बोम्बे क्वाटर) में शनिवार की शाम सिरफिरे आशिक ने एक युवती की हत्या का प्रयास किया। आरोपित बुर्का पहनकर युवती के घर में घुसा। सामने...
नगला मेवाती (बोम्बे क्वाटर) में शनिवार की शाम सिरफिरे आशिक ने एक युवती की हत्या का प्रयास किया। आरोपित बुर्का पहनकर युवती के घर में घुसा। सामने पड़ते ही गड़ासे से युवती पर हमला बोल दिया। युवती ने गड़ासा हाथ से पकड़कर बचने का प्रयास किया। हाथ बुरी तरह कट गया। वह चीखी चिल्लाई तो आरोपित भागने लगा। भीड़ जमा हो गई। आरोपित दूसरी मंजिल से कूद गया। जख्मी हो गया। दोनों को एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है।
घटना शाम करीब सात बजे की है। युवती गरीब परिवार से है। मां घरों में काम करती है। पिता रिक्शा चलाते हैं। कांशीराम आवास योजना के तहत बने मकानों में परिवार रहता है। शाम को युवती और उसकी मां घर पर थे। परिजनों के अनुसार तभी दरवाजे पर दस्तक हुई। युवती दरवाजे पर पहुंची। कोई बुर्का पहनकर खड़ा था। उसे लगा कि कोई पहचान का आया है। वह कुछ बोलती इससे पहले आरोपित ने गड़ासा निकाला और उस पर प्रहार किया। युवती ने बचाव में गड़ासा पकड़ लिया। शोर मचाया। बेटी की चीख सुनकर मां चीखते हुए वहां आई। बेटी को खून से लथपथ देखकर मां के होश उड़ गए। हल्ला मचने पर आरोपित भागा। भीड़ ने घेरने का प्रयास किया। यह देख आरोपित दूसरी मंजिल की छत पर चढ़ गया। लोगों ने पकड़ने का प्रयास किया तो ऊपर से कूद गया। जख्मी हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपित और जख्मी युवती को इलाज के लिए भेजा। युवती के परिजनों के होश उड़े हुए हैं। रो-रोकर उनका बुरा हाल है। इंस्पेक्टर ताजगंज उमेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि आरोपित का नाम आसिफ है। बेहोश है। होश में आने पर उससे बातचीत की जाएगी। युवती का इलाज चल रहा है।
चाकू से किया था हमला, पुलिस ने नहीं की थी कार्रवाई
युवती के परिजनों ने बताया कि आसिफ पहले बस्ती में रहता था। उसके रिश्तेदार भी रहते थे। वह बेटी से एकतरफा प्यार करता है। उसे परेशान किया करता था। बेटी उससे बात तक नहीं करना चाहती थी। चार माह पहले उसने चाकू से बेटी पर हमला बोला था। कई दिनों तक बेटी का इलाज चल रहा था। उस समय भी पुलिस को सूचना दी। वह गरीब हैं इसलिए पुलिस ने गंभीर धारा में मुकदमा नहीं लिखा। शांति भंग में आरोपित का चालान कर दिया। आरोपित की कलक्ट्रेट से जमानत हो गई थी। उसने उसी समय बेटी को देख लेने की धमकी दी थी।
मकान खाली करके चला गया था
बस्ती वालों ने बताया कि आसिफ की हरकत के कारण चार माह पहले उसके परिवार का भी विरोध हुआ था। विरोध के चलते आसिफ और उसके रिश्तेदारों ने बस्ती से मकान खाली कर दिया था। कहीं और रहने चले गए थे। उसके बस्ती में आने पर भी पाबंदी थी। इसलिए वह वेश बदलकर आया था। ताकि कोई उसे पहचान नहीं ले। बुर्का पहनकर आया। कोई यह तो देखने से रहा कि बुर्का पहनकर कौन जा रहा है। किसी को अंदाजा भी नहीं था कि आसिफ रूप बदकर आया है।