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जमीन के विवाद में जानलेवा हमले के मामले में सात वर्ष की सजा

कोतवाली क्षेत्र के नगला भूड़ में 10 वर्ष पूर्व जमीन विवाद के चलते दो लोगों पर हुए जानलेवा हमले में एडीजे कोर्ट द्वितीय ने आरोपी को सात वर्ष की सजा और 15 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड...

जमीन के विवाद में जानलेवा हमले के मामले में सात वर्ष की सजा
हिन्दुस्तान टीम,आगराThu, 24 Sep 2020 10:25 PM
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कोतवाली क्षेत्र के नगला भूड़ में 10 वर्ष पूर्व जमीन विवाद के चलते दो लोगों पर हुए जानलेवा हमले में एडीजे कोर्ट द्वितीय ने आरोपी को सात वर्ष की सजा और 15 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड न देने की स्थिति में दोषसिद्ध आरोपी को तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

पुलिस के अनुसार नगला भूड़ गांव में 20 मार्च 2010 को शाम नौ बजे जितेंद्र सिंह अपने मकान भूमि में नीम लगा रहा था। उसी समय गांव का ही हरप्रसाद पुत्र बुद्धसेन अपनी लाइसेंसी बंदूक लेकर आ गया और जितेंद्र को नीम लगाने से रोकने लगा। जितेंद्र ने जब इसका विरोध किया तो हरप्रसाद ने बंदूक से उसके ऊपर फायर कर दिया। जिसमें जितेंद्र व संतोष के छर्रे लगे। इस मामले में हरप्रसाद को जानलेवा हमले की धाराओं में नामित किया गया। कासगंज कोतवाली पुलिस ने इस मामले में हरप्रसाद के विरुद्ध जानलेवा हमले की धाराओं में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया। एडीजे कोर्ट द्वितीय धीरेंद्र कुमार ने इस मामले की सुनवाई की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद एडीजे कोर्ट ने हरप्रसाद को जानलेवा हमले की धाराओं का दोषी पाया और सात वर्ष की सजा सुनाई है। आयुध अधिनियम की धाराओं में भी दो माह की सजा और दो हजार रुपये जुर्माना लगाया है। कोर्ट के आदेश में कहा है कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी और आरोपी के द्वारा जेल में बिताई अवधि सजा में शामिल की जाएगी। इस मामले में पीड़िप पक्ष की ओर से डीजीसी क्रिमिलन संजीव सिंह यदुवंशी ने कोर्ट के सामने पक्ष प्रस्तुत किया।

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