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साची प्रीत हम तुम सियो जोडी...

गुरु घर चेतना स्तंभ नगला परमसुख एत्मादपुर में भक्तिभाव के साथ संत रविदास जयंती मनाई गई। आलौकिक कीर्तन दरबार और कथा सुनकर संगतें भाव विभोर हो...

साची प्रीत हम तुम सियो जोडी...
हिन्दुस्तान टीम,आगराSun, 09 Feb 2020 06:54 PM
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आगरा। कार्यालय संवाददाता

गुरु घर चेतना स्तंभ नगला परमसुख एत्मादपुर में भक्तिभाव के साथ संत रविदास जयंती मनाई गई। आलौकिक कीर्तन दरबार और कथा सुनकर संगतें भाव विभोर हो उठीं।

कीर्तन दरबार कथा समागम में महेंद्र पाल सिंह ने संत शिरोमणि गुरु रविदास के गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी पर कीर्तन की अमृतीय रसधारा में श्रद्धालुओं को भिगोया। राम गुसईया के जीवना..., बहुत जन्म बिछड़े थे माधो..., साची प्रीत हम तुम सियो जोडी... पर संगतें झूम उठीं। गुरुद्वारा दुख निवारण गुरु का ताल के संत बाबा प्रीतम सिंह के आशीष वचन के साथ कथा वाचक रंजीत सिंह ने गुरु रविदास की जीवनी पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया, श्री गुरु ग्रंथ साहिब में गुरु रविदास के चालीस शब्द हैं। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का संकलन पांचवें गुरु अर्जुन देव ने स्वयं संवत 1604 में संपन्न किया। भगत रविदास के इन्हीं विचारों, संदेशों और उपदेशों के संपर्क में गुरुनानक आए तो अपनी वाणी में भगत रविदास जी की वाणी को यथा स्थान देकर भगत रविदास को गुरु पद से सुशोभित किया। गुरुवाणी में लिखा है, वाणी गुरु गुरु है वाणी वाणी गुरु का स्वरूप है। गुरु प्यारी संगतों ने सतनाम वाहेगुरु के सिमरन के साथ हाजिरी दी। गुरुद्वारा गुरु का ताल के ग्रंथी अजैब सिंह टीटू ,महेंद्र पाल सिंह, हरचरन, श्याम भोजवानी, पूर्व मंत्री जीपी पुष्कर, नरेंद्र सिंह खनूजा, किशन बाबू निमेष आदि मौजूद रहे।

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