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प्रसंस्करण की आलू प्रजाति उत्पादित करने से दूर होगा किसानों का टोटा

आगरा। आलू उत्पादक किसान विपणन की प्रजातियों का उत्पादन करें। उनको आलू निर्यात के पैरामीटर पूर्ण करना चाहिए। इससे उन्हें आलू के बेहतर दाम भी मिलेंगे।...

प्रसंस्करण की आलू प्रजाति उत्पादित करने से दूर होगा किसानों का टोटा
हिन्दुस्तान टीम,आगराThu, 21 Oct 2021 08:40 PM
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आगरा। आलू उत्पादक किसान विपणन की प्रजातियों का उत्पादन करें। उनको आलू निर्यात के पैरामीटर पूर्ण करना चाहिए। इससे उन्हें आलू के बेहतर दाम भी मिलेंगे। साथ ही हर साल फिंकने वाला 10 से 15 फीसदी आलू भी अच्छे भाव देगा। किसान प्रसंस्करण की प्रजाति लवकार, एलआर, कुफरी संगम इत्यादि की पैदावार करें। आगरा के समीप कोसीकलां में आलू चिप्स फैक्ट्री लगी है। इसमें हर साल 1.50 लाख टन आलू की खपत है। किसान चिप्सोना, फ्राइसोना और सूर्या जैसी प्रजातियों को बढ़ावा दें। ये बातें गुरुवार को उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक सहकारी विपणन संघ (हाफेड) द्वारा आयोजित क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में विशेषज्ञों ने कहीं।

फतेहाबाद रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ फतेहपुर सीकरी सांसद राजकुमार चाहर, मंडी के निदेशक अंजनि कुमार सिंह, हाफेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अंजनि कुमार श्रीवास्तव, एजीएम एपीडा डॉ. सीबी सिंह, रेलवे विभाग के वाणिज्यिक प्रबंधक एसके सिंह, उपनिदेशक उद्यान विभाग कौशल कुमार नीरज ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। समारोह में मेरठ, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, मथुरा और आगरा जनपद के करीब सौ से अधिक किसान शामिल रहे। इसके साथ ही चैन्नई, पुणे, महाराष्ट्र सहित बड़ी-बड़ी कंपनी के वायर ने शिरकत की। यहां वक्ताओं ने आलू के विपणन पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि किसान प्रसंस्करण की नई-नई प्रजातियों का उत्पादन करें। सीपीआरआई शिमला से प्रसंस्करण की प्रजातियों की जानकारी करें। सम्मेलन में वायरों ने किस तरह का आलू चाहिए, उसकी गुणवत्ता कैसी होनी चाहिए के बारे में विस्तार से किसानों को बताया। सांसद राजकुमार चाहर ने कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के आयोजन खंदौली और शमसाबाद क्षेत्र में आयोजित होने चाहिए। ताकि, आलू उत्पादन करने वाले अधिक से अधिक किसान जागरूक हो सकें।

किसानों को उपलब्ध कराएंगे प्रसंस्करण कंपनियों की डिमांड

हाफेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अंजनि कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य दोनों पक्ष की आवश्यकता, समस्या पर चर्चा और समाधान के रास्ते निकालना था। यहां के किसानों को प्रसंस्करण की प्रजाति उत्पादन और बीज उत्पादन पर जोर देने की आवश्यकता है। इससे किसानों को बेहतर बाजार भी मिलेगा और किसानों का नुकसान भी बचेगा। उन्होंने बताया कि पूरे समारोह के बिंदु नोट किए गए हैं। किसानों को प्रसंस्करण कंपनियों की मांग से अवगत कराया जाएगा।

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