फिरोजाबाद में डिब्रूगढ़ राजधानी बाल-बाल बची, ओएचई कटवा कर ट्रेन रोकी
सोमवार का दिन रेल प्रशासन के लिए भारी पड़ा। रेल ट्रैक पर चार-चार घटनाओं से रेल अधिकारियों की जान सांसत में रही। चटकी पटरी से डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस गुजरने से अधिकारियों ने ओएचई कटवा कर ट्रेन रोककर...
सोमवार का दिन रेल प्रशासन के लिए भारी पड़ा। रेल ट्रैक पर चार-चार घटनाओं से रेल अधिकारियों की जान सांसत में रही। चटकी पटरी से डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस गुजरने से अधिकारियों ने ओएचई कटवा कर ट्रेन रोककर बचाया हादसा। वहीं शताब्दी एक्सप्रेस के इंजन से पत्थर टकराने पर सुरक्षा की दृष्टि से इंजन बंद करके इंजन चेक कर ट्रेन चलाई गई। वहीं सियालदाह एक्सप्रेस के इंजन का पेंटो ओएचई तार पर लटकी थैली से टूटते हुए बचा।
पहली घटना में राजधानी एक्सप्रेस सोमवार सुबह दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गई। सोमवार सुबह करीब नौ बजे सोमना स्टेशन के पास अप लाइन की पटरी चटक गई थी। इस दौरान 12423 डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस को अप लाइन से गुजरना था। पता चलने पर गेट मैन ने तत्काल पटरी टूटी होने की जानकारी रेल अधिकारियों को दी थी। सूचना मिलते ही रेल प्रशासन ने आनन-फानन में ओएचई लाइन काटकर राजधानी एक्सप्रेस को रोका। समय रहते कदम उठाने से बड़ा हादसा होने से बच गया। अधिकारियों के निर्देश पर रेलवे की टीम मौके पर पहुंच गई। टीम ने करीब 15 मिनट बाद ट्रैक की अस्थाई मरम्मत कर उसे दुरुस्त कर दिया। इसके बाद कॉशन लगाकर ट्रेनों को गुजारा गया।
दूसरी घटना नई दिल्ली से लखनऊ जा रही शताब्दी एक्सप्रेस से सोमवार सुबह एक पत्थर टकरा जाने के कारण ट्रेन करीब दस मिनट खड़ी रही। घटना सुबह करीब साढ़े नौ बजे की है। जब 12004 शताब्दी एक्सप्रेस जैसे ही भदान रेलवे स्टेशन के पास पहुंची तभी ट्रेन के इंजन से एक भारी पत्थर टकरा गया। चालक ने अनहोनी की आशंका में ट्रेन को जहां की तहां रोक दिया। इंजन चेक करने के बाद ही ट्रेन को रवाना किया।
तीसरी घटना कालका मेल से खुर्जा रेलवे स्टेशन के समीप सुबह करीब नौ बजे की है। जब एक युवक ट्रेन से टकरा गया। इसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
चौथी घटना मक्खनपुर-शिकोहाबाद रेलवे स्टेशनों के बीच की है। सियालदाह एक्सप्रेस के चालक ने ओएचई तारों पर थैली लटकी होने की जानकारी दी थी। गनीमत रही कि थैली में फंसकर ट्रेन का पेंटो नहीं टूटा। बाद में रेल कर्मचारियों ने थैली को ओएचई तारों से हटाया और ट्रेन गुजर सकी।