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खून और जंबो पैक के नाम पर बिचौलिए कर रहे खेल

आगरा। वरिष्ठ संवाददाता डेंगू और रहस्यमयी बुखार के प्रकोप में बिचौलिए मरीजों की जेबतराशी में लगे हैं। जैसे-जैसे डिमांड बढ़ रही है, दाम बढ़ते जा रहे...

खून और जंबो पैक के नाम पर बिचौलिए कर रहे खेल
हिन्दुस्तान टीम,आगराWed, 27 Oct 2021 08:15 PM
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डेंगू और रहस्यमयी बुखार के प्रकोप में बिचौलिए मरीजों की जेबतराशी में लगे हैं। जैसे-जैसे डिमांड बढ़ रही है, दाम बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि यह दाम ब्लड बैंक नहीं वसूल रहे। बिना डोनर या एक ही तीमारदार वाले मरीजों को खून या प्लेटलेट्स दिलाने के एवज में अधिक वसूली हो रही है।

इसका खुलासा खुद औषधि विभाग के अफसरों ने किया है। कई दिनों से विभाग के पास ब्लड बैंकों के संबंध में शिकायतें आ रही थीं। बैंक एसडीपी और आरडीपी की ऐवज में तय से अधिक दाम ले रहे हैं। एक जंबो पैक के लिए 30 हजार रुपये तक वसूलने की शिकायतें भी आई थीं। इसके बाद विभाग ने ब्लड बैंकों का निरीक्षण भी कराया। इसमें बात साफ हो गई। निरीक्षण के दौरान ब्लड बैंकों से जारी की गई रसीदें देखी गईं। इनमें सिर्फ किट के पैसे लिए पाए गए। यानि बैंकों ने मरीज या तीमारदारों से अधिक नहीं वसूले। हालांकि इस बात के साक्ष्य मिले कि मरीजों को रक्त या फिर प्लेटलेट्स उपलब्ध कराने वालों ने अधिक वसूली की है। ऐसे बिचौलिए अस्पतालों के इर्द-गिर्द घूमते रहते हैं। अस्पतालों के स्टाफ से इनकी सेटिंग भी है। अकेले तीमारदार वाले मरीज ऐसे में जल्दी फंस जाते हैं। वे खुद ब्लड बैंकों तक नहीं जा सकते। ऐसे में एजेंट उनसे संपर्क करते हैं। अधिकतर मामलों में अस्पताल का स्टाफ ही उनसे तीमारदार का संपर्क कराता है। इसके बाद रक्त या जंबो पैक की अनुपलब्धता की बात कही जाती है। जुगाड़ करने की एवज में अधिक पैसे लिए जाते हैं। हालांकि अब औषधि विभाग ने सभी ब्लड बैंकों को रेट लिस्ट लगाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

जंबो पैक की जगह दे गए ब्लड यूनिट

बिचौलियों ने कई तीमारदारों को नकली जंबो पैक भी थमाए हैं। ऐसे भी कई मामले आए हैं जिनमें बिचौलियों ने जंबो पैक के नाम पर सादा रक्त थमा दिया। यमुनापार के एक अस्पताल में भर्ती मरीज के साथ ऐसा हुआ है। इस मामले की शिकायत भी पुलिस तक आई थी। हालांकि इसमें मुकदमा दर्ज होने की जानकारी नहीं है।

कमियां मिली, सुधार करने की चेतावनी

ब्लड बैंकों के निरीक्षण में छोटी-मोटी कमियां पाई गई हैं। मसलन निर्देशों के बावजूद कुछ बैंक पर्चे पर प्लेटलेट्स काउंट की जानकारी किए बगैर रक्त या पैक उपलब्ध करा रहे हैं। यह सरासर गलत है। अधिक प्लेटलेट्स वाले मरीजों को भी बिना ब्लीडिंग आदि के पैक दिए जा रहे हैं। विभाग ने इस पर नाराजगी जताते हुए चेतावनी जारी की है।

रोज लगभग 370 मिनी पैक की डिमांड

आगरा जिले की ब्लड बैंकों में हर रोज लगभग 370 मिनी पैक की डिमांड आ रही है। यह इसलिए ज्यादा है कि जंबो पैक मिल नहीं रहे हैं। बैंकों की उत्पादन क्षमता से अधिक मांग होने पर छोटे पैक से काम चलाया जा रहा है। जिनके पास डोनर हैं, उन्हें ही मिनी पैक दिया जा रहा है। शेष को 24 घंटे तक का इंतजार करना पड़ रहा है।

- ब्लड बैंकों की जांच में अधिक वसूली की पुष्टि नहीं हो पाई है। यह बीच के लोगों की हरकत है। लिहाजा तीमारदार किसी बाहरी पर भरोसा न करें। ऐसे लोग नकली प्लेटलेट्स भी थमा सकते हैं। डाक्टर का पर्चा लेकर खुद बैंक आएं। ग्रुप की जांच भी पहले कराकर रखें। अन्यथा इसमें समय बर्बाद होगा।

राजकुमार शर्मा, औषधि निरीक्षक।

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