ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश आगरालोकसभा चुनाव 2019: आचार संहिता उल्लंघन में फंसे बसपा नेता, नोटिस

लोकसभा चुनाव 2019: आचार संहिता उल्लंघन में फंसे बसपा नेता, नोटिस

आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का पहला नोटिस मंगलवार को जारी किया गया है। मामला एत्मादुद्दौला थाने के अंतर्गत प्रकाश नगर का है। बसपा के लोकसभा क्षेत्र प्रभारी मनोज सोनी पर वाहन पर पार्टी का झंडा लगाने...

लोकसभा चुनाव 2019: आचार संहिता उल्लंघन में फंसे बसपा नेता, नोटिस
हिन्दुस्तान टीम,आगराWed, 13 Mar 2019 01:16 AM
ऐप पर पढ़ें

आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का पहला नोटिस मंगलवार को जारी किया गया है। मामला एत्मादुद्दौला थाने के अंतर्गत प्रकाश नगर का है। बसपा के लोकसभा क्षेत्र प्रभारी मनोज सोनी पर वाहन पर पार्टी का झंडा लगाने और बैनर के साथ जनसपर्क करने का आरोप है। इसका वीडियो भी वायरल हुआ है। एडीएम सिटी ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है।

लोकसभा चुनाव के लिए अभी किसी भी राजनीतिक दल ने अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। लेकिन कुछ लोगों ने जनसंपर्क करना शुरू कर दिया है। मंगलवार को बसपा के आगरा लोकसभा क्षेत्र खए प्रभारी मनोज सोनी अपनी गाड़ी में पार्टी का झंडा लगाकर प्रकाश नगर पहुंचे। उनके साथ चल रहे समर्थक पार्टी के बैनर लिए हुए थे। इसका वीडियो वायरल हो गया। ये मामला एडीएम सिटी केपी सिंह के संज्ञान में आया तो उन्होंने तत्काल नोटिस जारी कर दिया। आठ घंटे में जवाब देने के लिए कहा। एडीएम सिटी ने बताया कि यदि इस मामले में सही जवाब नहीं मिला तो आदर्श आचार संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं थाना एत्मादुद्दौला इंस्पेक्टर ने बताया कि उन्हें वीडियो मिल गया है। पुलिस भी मामले की जांच कर रही है।

ये सकती है कार्रवाई

आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है।

उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है, उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है और दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।

ये है आदर्श आचार संहिता

-कोई भी दल ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले।

-राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न ही व्यक्तिगत।

-धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।

- मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग न करें। जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना आदि।

- किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग न करें।

-किसी दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालें।

- राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत होती हों।

राजनीतिक सभाओं से जुड़े नियम :

-सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए।

- दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जो स्थान उन्होंने चुना है, वहॉं निषेधाज्ञा तो लागू नहीं है।

- सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति पहले प्राप्त करें।

- सभा के आयोजक विघ्न डालने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें।

जुलूस संबंधी नियम :

- जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को दें।

- जुलूस का इंतजाम ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित न हो।

- राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात कर लें।

- जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए।

- जुलूस में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों में हो सके।

मतदान के दिन संबंधी नियम :

- अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दें।

-मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो।

-मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए।

- मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएं।

-कैम्प साधारण होने चाहिए।

सत्ताधारी दल के लिए नियम :

- कार्यकलापों में शिकायत का मौका न दें।

- मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार के कार्य न करें।

- इस काम में शासकीय मशीनरी तथा कर्मचारियों का इस्तेमाल न करें।

- सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न हो।

- हेलीपेड पर एकाधिकार न जताएं।

- विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं हो।

- इन स्थानों का प्रयोग प्रचार कार्यालय के लिए नहीं होगा।

- सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिये उपलब्धियां नहीं गिनवाएंगे।

- मंत्रियों के शासकीय भ्रमण पर उस स्थिति में गार्ड लगाई जाएगी जब वे सर्किट हाउस में ठहरे हों।

ये काम नहीं करेंगे मुख्यमंत्री-मंत्री :

- शासकीय दौरा (अपवाद को छोड़कर)

-विवेकाधीन निधि से अनुदान या स्वीकृति

-परियोजना या योजना की आधारशिला

- सड़क निर्माण या पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन

अधिकारियों के लिए नियम :

-शासकीय सेवक किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे।

-मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास पर ठहरते हैं तो अधिकारी बुलाने पर भी वहॉं नहीं जाएंगे।

-चुनाव कार्य से जाने वाले मंत्रियों के साथ नहीं जाएंगे।

-जिनकी ड्यूटी लगाई गई है, उन्हें छोड़कर सभा या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे।

-राजनीतिक दलों को सभा के लिए स्थान देते समय भेदभाव नहीं करेंगे।

- मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट प्राप्त करें।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें