ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश आगरादोस्त की हत्या के आरोपी को सात साल बाद आजीवन कारावास

दोस्त की हत्या के आरोपी को सात साल बाद आजीवन कारावास

दोस्त की हत्या एवं साक्ष्य नष्ट करने के सात साल पुराने मामले में आरोपी सौरभ शर्मा निवासी शाहगंज को अदालत ने दोषी पाया है। अपर जिला जज विकास वर्मा...

दोस्त की हत्या के आरोपी को सात साल बाद आजीवन कारावास
हिन्दुस्तान टीम,आगराSat, 16 Oct 2021 06:00 PM
ऐप पर पढ़ें

दोस्त की हत्या एवं साक्ष्य नष्ट करने के सात साल पुराने मामले में आरोपी सौरभ शर्मा निवासी शाहगंज को अदालत ने दोषी पाया है। अपर जिला जज विकास वर्मा ने आरोपी को आजीवन कारावास एवं एक लाख 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही दंपति समेत पांच आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी करने के आदेश दिए।

वादी राजीव गुप्ता निवासी पटेल नगर जीवनी मंडी ने थाना छत्ता में 15 फरवरी 2014 को अपने भाई मनीष गुप्ता निवासी मस्ता की बगीची की गुमशुदगी के बावत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। 18 फरवरी को थाने पर पुन: प्रार्थना पत्र दिया। इसमें कहा कि उसका भाई मनीष गुप्ता आयु 25 वर्ष 13 फरवरी 2014 की दोपहर करीब 11:45 बजे घर से बाजार की कहकर मोटर साइकिल से गया था। 18 फरवरी के उसे जानकारी मिली कि उसके भाई मनीष के बैंक खाता के एटीएम द्वारा अलग-अलग स्थानों के एटीएम से रुपये निकाले गए। सीसीटीवी फुटेज में सभी एटीएम से रुपये निकालने वाले की पहचान आरोपी सौरभ शर्मा के रूप में हुई। आरोपी लगड़े की चौकी पर स्थित मेडिकल स्टोर पर सिम एवं मोबाइल का काम करता था। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने अपने साथियों के साथ रुपयों के लालच में मनीष गुप्ता की हत्या कर साक्ष्य नष्ट करने के उद्देश्य से उसकी लाश को थाना बसई अरेला क्षेत्र के अरनोटा के जंगल में फेंक दिया था। बाइक सदर में खड़ी होना बताया। आरोपी की निशानदेही पर वादी के साथ पुलिस ने मनीष गुप्ता की लाश वहां से बरामद की थी।

वादी, पिता, विवचेक समेत दस की गवाही रही अहम

अभियोजन की ओर से एडीजीसी एवं वादी के अधिवक्ता नीरज पाठक ने मामले को साबित करने के लिए दस गवाहों को पेश किया। इसमें वादी राजीव गुप्ता, उसके पिता ओमप्रकाश गुप्ता, विवेचक, चिकित्सक समेत अन्य की गवाही अहम रही। अधिवक्ता ने तर्क दिए कि आरोपी ने पैसो के लालच में बेरहमी से मनीष गुप्ता की हत्या की है। आरोपित को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। उन्होंने अहम साक्ष्य भी प्रस्तुत किए। वहीं अदालत ने साक्ष्य के अभाव में आरोपित दंपत्ति हरीराम उसकी पत्नी रचना, पुत्र रिंकू एवं मोन्टी उर्फ मुकेश कुमार, अमित को बरी करने के आदेश दिए।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें