फाइनल वाला दिन भारत का नहीं था : ध्रुव जुरैल
फाइनल वाला दिन हमारा नहीं था और रही-सही कसर बारिश ने पूरी कर दी थी। अंडर-19 विश्वकप का फाइनल मेरी जिंदगी का अबतक का सबसे बड़ा मैच था। मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की। दुर्भाग्य से रनआउट हो...
फाइनल वाला दिन हमारा नहीं था और रही-सही कसर बारिश ने पूरी कर दी थी। अंडर-19 विश्वकप का फाइनल मेरी जिंदगी का अबतक का सबसे बड़ा मैच था। मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की। दुर्भाग्य से रनआउट हो गया। टीम 200-215 रन भी बना लेती तो हम फाइनल जीत सकते थे। ये कहना है अंडर-19 विश्व कप में उपविजेता बनी भारतीय टीम के उप कप्तान ध्रुव जूरैल का। वह मंगलवार को हिन्दुस्तान से फोन पर बात कर रहे थे।
ध्रुव ने कहा कि यह उनका पहला और आखिरी अंडर-19 विश्व कप था। वह जल्द ही 19 साल से अधिक के हो जाएंगे। उन्हें उम्मीद थी कि भारतीय टीम विश्व विजेता बनेगी। टीम ने फाइनल छोड़कर पूरे विश्वकप में शानदार प्रदर्शन भी किया था। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। ध्रुव ने कहा कि टीम के उप कप्तान के नाते उनकी भी जिम्मेदारी अहम थी। टीम मीटिंग में हुई बातों को मैदान पर उतारने के लिए सब एकजुट होकर जुटते थे। फाइनल में हमारी बल्लेबाजी क्लिक नहीं कर पाई। गेंदबाजों ने तो पूरी कोशिश की, लेकिन अंत में बारिश ने खेल बिगाड़ दिया। विश्व कप से बहुत कुछ सीखने को मिला। विश्व कप का अनुभव भविष्य में भारत के लिए खेलते हुए काम आएगा।
ध्रुव ने विश्व कप में किए आठ शिकार
टीम के उप कप्तान व विकेटकीपर ध्रुव ने विश्व कप में फाइनल सहित सभी छह मैच खेले। छह मैचों में ध्रुव ने पांच कैच और तीन स्टंप किए। बल्लेबाजी में ध्रुव को ज्यादा मौके नहीं मिले। फाइनल में रन आउट होने से पहले ध्रुव ने 22 रन बनाए थे। ध्रुव फाइनल में भारत की ओर से तीसरे सबसे बड़े स्कोरर थे।