ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश आगरामुख्तार अंसारी के केस में थानाध्यक्ष से नहीं हो सकी जिरह, 23 को होगी सुनवाई

मुख्तार अंसारी के केस में थानाध्यक्ष से नहीं हो सकी जिरह, 23 को होगी सुनवाई

आगरा। कार्यालय संवाददाता बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के 22 साल पुराने धोखाधड़ी के मामले की विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए नीरज गौतम की अदालत में...

मुख्तार अंसारी के केस में थानाध्यक्ष से नहीं हो सकी जिरह, 23 को होगी सुनवाई
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,आगराMon, 13 Dec 2021 06:30 PM
ऐप पर पढ़ें

बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के 22 साल पुराने धोखाधड़ी के मामले की विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए नीरज गौतम की अदालत में सोमवार को सुनवाई हुई। वरिष्ठ अधिवक्ता एमके सारस्वत के निधन के चलते अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने की वजह से तत्कालीन थानाध्यक्ष जगदीशपुरा शिवशंकर शुक्ला से जिरह नहीं हो सकी। हालांकि वादी/गवाह शिवशंकर शुक्ला उपस्थित रहे। उधर, मुख्तार अंसारी की बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी हुई। इसमें मुख्तार ने तबीयत खराब होने का हवाला और इलाज कराए जाने की मांग की गई। मामले की अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी।

मुख्तार का हो सकता है ब्रेन हेमरेज, मिले इलाज

मुख्तार की ओर से बीमारी का हवाला देते हुए सोमवार को वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. रवि अरोरा ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। कहा कि उसकी किडनी में इंफेक्शन है। ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है, उसे शासन के दबाव में चिकत्सीय सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। यह भी आरोप लगाया कि इन परिस्थितियों में कभी भी ब्रेन हेमरेज हो सकता है। उसने अविलंब चिकित्सीय सुविधा दिलाए जाने की मांग की। अभियोजन की ओर से एडीजीसी शशि शर्मा ने प्रार्थना पत्र का विरोध किया। अदालत ने जेल अधीक्षक बांदा को नियमानुसार चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराए जाने के आदेश दिए। मामले में अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी। वहीं एडीजीसी शशि शर्मा ने बताया कि गवाह वादी शिवशंकर शुक्ला हाजिर हुए, लेकिन अधिवक्ता के निधन की वजह से अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य न करने के कारण गवाह से जिरह नहीं हो सकी। बता दें कि 30 नवंबर को मामले में गवाही प्रक्रिया शुरू हुई थी। मुख्तार के अधिवक्ता की गवाह से जिरह जारी है।

सेंट्रल जेल में बंद के दौरान बरामद हुआ था मोबाइल, जैकेट

बता दें कि विधायक मुख्तार अंसारी वर्ष 1999 में सेंट्रल जेल आगरा में बंद थे। 18 मार्च 1999 को तत्कालीन जिलाधिकारी आरके तिवारी और एसएसपी सुबेश कुमार सिंह ने निरीक्षण के दौरान उनकी बैरक की तलाशी ली थी। जिसमें मोबाइल और बुलट फ्रूफ जैकेट मिली थी। थाना जगदीशपुरा के तत्कालीन एसओ शिवशंकर शुक्ला ने थाने में मुख्तार अंसारी के विरुद्ध धोखाधड़ी एवं आपराधिक साजिश समेत अन्य आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें पुलिस द्वारा अंसारी के खिलाफ चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई थी। मामले में तत्कालीन डीएम समेत दस को गवाह बनाया था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें