फिर बढ़ीं स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें
ताजनगरी लगातार खतरे का सामना कर रही है। यह दूसरा मौका है, जब शहर सामुदायिक संक्रमण (कम्युनिटी इन्फेक्शन) की आशंका से ग्रस्त है। इससे पहले डाक्टर दंपति के पुत्र को संक्रमण के बाद शहर में दहशत फैल गई...

ताजनगरी लगातार खतरे का सामना कर रही है। यह दूसरा मौका है, जब शहर सामुदायिक संक्रमण (कम्युनिटी इन्फेक्शन) की आशंका से ग्रस्त है। इससे पहले डाक्टर दंपति के पुत्र को संक्रमण के बाद शहर में दहशत फैल गई थी। शहर की किस्मत अच्छी थी कि संक्रमण सिर्फ पीड़ित तक सीमित रहा। अन्यथा हालात बिगड़ सकते थे।
दिल्ली के निजामुद्दीन की धार्मिक जमात में शामिल हुए तमाम लोग आगरा आए हैं। अभी तक मिली जानकारी वाले सभी लोगों को क्वारंटाइन कराया गया है। अब इनके नमूने लिए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग बुधवार से यह काम शुरू करेगा। हालांकि इनमें अभी संक्रमण के लक्षण नहीं पाए गए हैं। किसी ने कोई दिक्कत भी नहीं बताई है। समस्या यह कि कोरोना के लक्षण इतनी जल्दी सामने आते भी नहीं हैं।
इनके नमूने और जांच रिपोर्ट आने तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। सभी 14 दिन के क्वारंटाइन (एकांतवास) में रहेंगे। इस दौरान इनका लगातार परीक्षण चलता रहेगा। इनमें से कोई भी संक्रमित निकला तो स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ जाएगी। इस दौरान संबंधित के संपर्क में आए सभी लोगों की कांटेक्ट सर्विलांस करनी होगी। उनका भी परीक्षण करके नमूने लिए जाएंगे। सामुदायिक संक्रमण दरअसल इसी तरह फैलता है। इसी तरह का मामला बीते दिनों कमलानगर के डाक्टर दंपति का था।
उनके बेटे को संक्रमण हुआ था। दंपति उसका घर पर ही इलाज करते रहे। जानकारी होने पर स्वास्थ्य विभाग ने डाक्टर पुत्र को एसएनएमसी में भर्ती कराया था। यहां चिंता का विषय यह था कि डाक्टर दंपति लगातार मरीजों को परामर्श दे रहे थे। उनका इलाज कर रहे थे। जबकि ऐसे संवेदनशील मामले में यह खतरनाक हो सकता था। इसी आरोप में प्रशासन ने डाक्टर दंपति पर मुकदमा किया था। हालांकि बाद में डाक्टर दंपति और पुत्र के संपर्क में आए लगभग सभी की जांच की गई थी। गनीमत थी कि सभी स्वस्थ निकले।
