पालीवाल पार्क में विलायती बबूल देखकर दुखी हुई छात्राएं
उडयन शालिनी फेलोशिप कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न विद्यालयों की 45 छात्राओं ने पालीवाल पार्क का भ्रमण...
उडयन शालिनी फेलोशिप कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न विद्यालयों की 45 छात्राओं ने पालीवाल पार्क का भ्रमण किया। छात्राओं ने अर्जुन के वृक्ष, नीम, बकायन, खजूर, हींस की झाड़ी में तितलियों के लार्वा को भी देखा और समझा कि किस प्रकार स्थानीय वृक्ष तितलियों के लिए जरूरी हैं। जो विशेष वृक्ष या झाड़ी पर ही अण्डे देती हैं क्योंकि उनके केटरपिलर उसी वृक्ष या झाड़ी के पत्तों को ही खाता है।
श्रीकृष्ण भगवान के प्रिय वृक्ष कदम्ब और राधा जी केवरना, दतरंगा, अंजीर, शहतूत, खिरनी वृक्ष तमाल को देखकर भी सभी छात्राएं गदगद हुईं। अधिवक्ता केसी जैन के द्वारा बताये जाने पर वे विलायती बबूल के पेड़ों को देखकर समझ सके कि किस प्रकार वे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है और अन्य प्रजातियों को नहीं पनपने दे रहा है। मउ, छलेसर, कीठम, ताज नेचर वॉक आदि वनों को इस आक्रामक प्रजाति ने पूरी तरह से घेर लिया है। यह सब जानकर अनेक छात्राऐं दुःखी हुईं और जंगलों को इस विदेशी प्रजाति के आक्रामक वृक्षों से मुक्त कराने की बात को आगे बढाने के लिए कहा।