बोले आगरा: खेतों में जर्जर बिजली तारों से आग, सपने हो रहे खाक
Agra News - फतेहाबाद में किसान आग की घटनाओं से परेशान हैं, जो जर्जर विद्युत लाइनों के कारण हो रही हैं। गेहूं की फसल जल रही है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें...

किसान लगातार मुसीबतों का झेल रहा है। आवारा गोवंश उनकी फसलों को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं तो उसको बारिश और ओले जैसे प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ रहा है। अब गर्मी शुरू होते ही लगातार हो रहे अग्निकांडों से खेतों में फसल जल रही है। आग लगने की अधिकतर घटनाएं खेतों के ऊपर से गुजर रहीं जर्जर हो चुकीं विद्युत लाइनों में हो रहे फॉल्टों से हो रही हैं। ये हादसे विद्युत विभाग की लापरवाही से हो रहे हैं जबकि मुआवजा नाम मात्र का मिलता है।
फतेहाबाद तहसील और आस-पास के क्षेत्र में अप्रैल माह की शुरुआत से ही खेतों में आग लगने की घटनाएं बढ़ गयी है। प्रभावित किसान कहते हैं कि इसके लिए विद्युत विभाग जिम्मेदार है। इस समय खेतों में गेहूं की फसल कटी हुई है। उन बिजली के तार कहर बनकर टूट रहे हैं।
शनिवार को आपके अखबार हिन्दुस्तान के बोले आगरा संवाद में किसानों ने बताया कि उनके खेतों में इस समय गेहूं की सूखी फसल है। बिजली तारों के गिरने व उनमें फाल्ट होने से आए-दिन आग लग रही है। इससे किसानों की साल भर की कमाई जलकर राख हो रही है। जबकि सहालग शुरू होने वाले हैं। कई किसानों ने इसी फसल के जरिए बेटियों के हाथ पीले करने के सपने देखे हैं।
आंकड़े बताते हैं कि बीते 15 दिनों में बिजली के तारों से उत्पन्न चिंगारियों से सैकड़ों बीघा फसल जलकर राख हो गई है। आधा दर्जन से अधिक पशुओं की भी मौत हुई है। किसानों का कहना है कि जब से खेतों में विद्युत लाइन लगी हैं तब से उसकी मरम्मत नहीं की गई है। विभाग द्वारा लकड़ियों की फंटी लगाकर काम चलाया जा रहा है। तेज हवा आने के कारण आपस में तार भिड़ जाते हैं और विद्युत चिंगारी उत्पन्न होकर फसलों पर गिर जाती है। इससे भीषण आग लग जाती है। कई बार शिकायतें की गई लेकिन विभाग द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई। संवाद में किसानों ने बताया कि कई जगह विद्युत ट्रांसफार्मर खेतों के बीच में रखे हैं। विद्युत पोल भी लोहे के हैं। ऐसे में कभी भी करंट दौड़ जाता है और आग लग जाती है।
किसानों ने एक राय होकर कहा कि यदि इन विद्युत लाइनों की मरम्मत कर दी जाए तो किसानों के साथ ऐसी अनहोनी घटना ना हो। किसानों का कहना है कि आग लगने के बाद लेखपाल और विद्युत विभाग की टीम मौके पर आती हैं। लाखों रुपए का अनाज भूसा जलकर राख हो चुका होता है। वहां मुआवजे के नाम पर नाम मात्र का मुआवजा दिया जाता है। ऐसे में परिवार का पूरे वर्ष भर भरण पोषण कैसे होगा।
कैसे होंगे बेटी के हाथ पीले
फतेहाबाद। बीते सप्ताह ही फतेहाबाद के गांव गढ़ी मोहनलाल में खेत के पास लगे विद्युत ट्रांसफार्मर से चिंगारी निकलने से गेहूं की सूखी फसल में आग लग गई। हरिप्रसाद पुत्र देवी सिंह की पांच बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। पड़ोसी जवाहरलाल पुत्र साहब सिंह की भी दो बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। हरिप्रसाद ने बताया कि 26 अप्रैल को नातिन मोनिका का विवाह है। इसी फसल के सहारे नातिन की शादी के इंतजाम किए जा रहे थे। लेकिन अब तो साल भर के लिए घर पर एक दाना भी नहीं है। बेटी के कैसे हाथ पीले होंगे। यही सोच-सोचकर किसान दंपति का रो-रोकर बुरा हाल है।
तार से निकली चिंगारी से जल गयी झोपड़ी
फतेहाबाद। थाना निबोहरा क्षेत्र के गांव रामपुर में ठार चोखेलाल में 11 हजार विद्युत लाइन का तार टूटने से झोपड़ी में आग लगने से सामान जलकर राख हो गया। हरिशंकर पुत्र मेवाराम ने बताया कि 11 हजार विद्युत लाइन का तार टूटने से झोपड़ी में आग लग गई। जानकारी पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। लेकिन तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था और पास में खड़ी गेंहू की फसल को भी चपेट में ले लिया।
एक पशु की जलकर मौत, चार झुलसे
फतेहाबाद के गांव रिहावली में बिजली का तार टूट कर गिरने से झोपड़ी में आग लग गयी थी। दो पशुओं की जलकर मौत हो गयी। तहसील फतेहाबाद क्षेत्र के गांव रिहावली में 11 हजार की विद्युत लाइन का तार टूटने से पशुओं के बाड़े में आग लग गयी थी। झोपड़ी में बंधे एक पशु की जलकर मौत हो गयी थी। पांच पशु झुलस गए। हरि श्याम पुत्र मोहन सिंह को काफी नुकसान हुआ।
करब के दो सौ गट्ठर हो गए राख
पिनाहट। थाना पिनाहट क्षेत्र के अंतर्गत पिनाहट- भदरौली मार्ग स्थित मोदीपुरा गांव में घर के पास सड़क किनारे रखे करब के गट्ठरों में विद्युत पोल से उठी चिंगारी से भीषण आग लग गई। पीड़ित किसान ने विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मुआवजे की मांग की है। आग लगने से किसान के करब के दो सौ गट्ठर जलकर राख हो गए।
किसानों का कष्ट
1. खेतों में लगे बिजली के तार इतने नीचे हैं कि उनको हाथ से पकड़ा जा सकता हैं। कभी भी दुर्घटना हो सकती है। कई बार बिजली अधिकारियों को जानकारी दी है लेकिन समाधान नहीं हुआ है।
फूल सिंह
2. घर के सामने से बिजली की लाइन जा रही है। वह इतनी नीची है कि बांस लगाकर उनका ऊंचा किया गया है नहीं तो कभी भी दुर्घटना हो सकती है।
बलवीर सिंह
3. खेतों के बीच से बिजली की लाइन जा रही है। यह काफी पुरानी है। उनके तार भी काफी नीचे हो चुके हैं। जो तेज हवा चलने पर आपस में भिड़ जाते हैं। इससे निकली चिंगारी से हादसे होते हैं।
अशोक कुमार
4. घर के सामने से बिजली की लाइन जा रही है। यह तार काफी नीचे है। बच्चे कभी-कभी खेल खेल में उनमें लकड़ी लगाते हैं। यदि करंट आ गया तो दुर्घटना हो सकती है।
हरप्रसाद
5. खेत में लगे बिजली के तार व विद्युत पोल जर्जर हो चुके हैं।गर्मी के मौसम आते ही इनमें फाल्ट हो जाते हैं। जिससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है। साल भर की कमाई पल भर में खाक हो जाती है।
विपिन
6. हमारे गांव में बिजली के लाइन पड़ी हुई है। जर्जर तार हैं जो कि आए दिन टूट जाते हैं। उनकी जगह बंच केबिल डलवाई जाए। तभी हादसे रूक सकेंगे।
भागीरथ शर्मा
7. खेत के पास में विद्युत ट्रांसफार्मर रखा है। जिसमें विद्युत फाल्ट होने से कुछ दिन पूर्व खड़ी फसल जलकर राख हो गई है। इसको लेकर कई बार विद्युत अधिकारियों से कहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है।
जवाहरलाल
8. आग से फसल जलने के बाद ही विद्युत अधिकारी पहुंचते हैं। लेखपाल नुकसान आंकते हैं। लाखों के नुकसान का सिर्फ मुट्ठी भर मुआवजा मिलता है।
लालूराम
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