कासगंज। अवधेश दीक्षित
कासगंज की निचली गंगा नहर में पहली बार डॉल्फिन देखी गईं। डॉल्फिन के बार-बार उछल कूद करते देख ग्रामीण रोमांचित हो गए। उन्होंने डॉल्फिन के रोचक नजारे को वीडियो में कैद करने में कतई देर नहीं लगाई। साथ ही इसकी सूचना वन विभाग को दे दी। जिस पर वन अफसरों ने फौरन एक टीम गंग नहर के ततारपुर के लिए दौड़ा दी। वन कर्मियों की टीम ने उस स्थान को देखकर वीडियो अपने पास ले ली। डीएफओ ने इस दिशा में आगे की प्लानिंग करनी शुरू कर दी।
गुरुवार को शहर के निटवर्ती गांव ततारपुर के ग्रामीणों ने निचली गंगा नहर में डॉल्फिन को देखा तो वहां ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। ग्रामीणों ने डॉल्फिन का वीडियो बनाने शुरू कर दिए। वन विभाग के कर्मचारियों को बुलवा लिया। वन कर्मी गंगनहर में डॉल्फिन होने की सूचना पर गंगनहर पर पहुंचे। नहर पर चिह्नित स्थल पर वन अधिकारी अब शुक्रवार को ततारपुर झाल पर जाकर डॉल्फिन के बारे में अधिक जानकारी एकत्र करेंगे। ग्रामीणों ने बताया कि डॉल्फिन मछली गंगनहर में हर 10 से 15 मिनट पर ऊपर आती है और उसके बाद नहर में अंदर चली जाती है। ग्रामीणों को चिंता है कि गंगनहर में पानी कम होने की स्थित में डॉल्फिन के जीवन को खतरा हो सकता है। ऐसे में उसे गंगा में दोबारा छुड़वाया जाए। जिस पर वन विभाग सिंचाई विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने में लगा है।
लोग जलीय जीवों के प्रति संवेदनशील
कासगंज। जनपद के लोग वन्य व जलीय जीवों के प्रति संवेदनशील हो रहे हैं। वन्य व जलीय जीवों के संरक्षण के लिए आगे बढ़कर कोशिश कर रहे हैं। प्रतापगढ़ में जहां लोगों ने डॉल्फिन पर हमला कर दिया। ऐसे में जब ततारपुर के ग्रामीणों ने गंगनहर में डॉल्फिन को देखा तो उसे सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग को जानकारी दी है। जिससे डॉल्फिन को सुरक्षित किया जा सके।
कासगंज के निकटतर्वी गांव ततारपुर पर स्थित निचली गंगानहर में एक डॉल्फिन स्पाट हुई है। ग्रामीणों ने नहर में डॉल्फिन होने की सूचना वन कर्मियों को दी। जिसके बाद नहर में डॉल्फिन होने की पुष्टि हुई है। वन कर्मी डॉल्फिन को संरक्षित करने के उपायों पर विचार कर रहे हैं। उन्हें डॉल्फिन के सरंक्षण में सहयोग के लिए कहा गया है।
दिवाकर वशिष्ठ, डीएफओ कासगंज