ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश आगरापौधों को ताकत देगी निगम के प्लांट में बनी खाद

पौधों को ताकत देगी निगम के प्लांट में बनी खाद

मानसून सीजन में पूरे प्रदेश में पौधरोपण अभियान चलेगा। आगरा में भी करीब 28 लाख पौधे रोपे जाएंगे। नगर निगम को भी करीब 94 हजार पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया है। निगम ने तैयारी शुरू कर दी है। खास बात यह...

पौधों को ताकत देगी निगम के प्लांट में बनी खाद
हिन्दुस्तान टीम,आगराSun, 23 Jun 2019 01:27 AM
ऐप पर पढ़ें

मानसून सीजन में पूरे प्रदेश में पौधरोपण अभियान चलेगा। आगरा में भी करीब 28 लाख पौधे रोपे जाएंगे। नगर निगम को भी करीब 94 हजार पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया है। निगम ने तैयारी शुरू कर दी है। खास बात यह है कि पौधों को खुराक देने के लिए नगर निगम अपने ऑर्गेनिक वेस्ट कंपोस्ट प्लांट से बनी खाद का ही प्रयोग करेगा। राज नगर लोहामंडी में संचालित प्लांट पर बड़े पैमाने पर खाद तैयार की जा रही है।

नगर निगम शहर में जनरेट होने वाले कचरे का निस्तारण ही नहीं कर रहा है, बल्कि इससे कमाई भी कर रहा है। गेल इंडिया की ओर से मिले सीएसआर फंड से नगर निगम ने राजनगर लोहामंडी में ऑर्गेनिक वेस्ट कंपोस्ट प्लांट स्थापित किया है। इसमें किचन वेस्ट, सड़ी-गली सब्जियां और फूलों से खाद बनाई जाती है। पर्यावरण अभियंता राजीव कुमार राठी के मुताबिक यहां दो यूनिट लगाई गई हैं। एक यूनिट दो टन की है। इसमें फूलों से खाद बनाई जाती है और दूसरी यूनिट में सड़ी-गली सब्जियों को प्रयोग किया जाता है। यहां बनी खाद को निगम अपने प्रयोग में तो लेता ही है, खाद के पैकेट बाजार में बेचने के लिए भी उपलब्ध हैं। यहां बनी खाद को पांच किलो, 10 किलो और 50 किलोग्राम तक पैकेट में पैक किया जाता है।

मंडियों, बारातघरों से आती है सब्जी और वेस्ट

नगर निगम के मुख्य अभियंता (विद्युत) संजीव कटियार ने बताया कि खाद बनाने के लिए वेस्ट मैटेरियल शहर की सब्जी मंडियों और बारातघरों से लाया जाता है। सब्जी मंडियों में सड़ी-गली सब्जी को विक्रेता फेंकते थे। इसलिए निगम ने वहां कंटेनर रखवाए हैं। इन कंटेनरों में सड़ी-गली सब्जी जमा हो जाती है। इसे निगम की टीम प्लांट तक लाती है। इसी प्रकार शहर के बारात घरों और होटलों से सब्जी का वेस्ट लाया जाता है।

धार्मिक स्थलों और बारात घरों से आते हैं फूल

यहीं दो टन का एक प्लांट फूलों से खाद बनाने का है। इसके लिए फूल शहर के धार्मिक स्थलों से आते हैं। इसके अतिरिक्त बारातघरों में सजावट के लिए फूलों को प्रयोग अधिक होता है। इन फूलों को भी एकत्र किया जाता है।

नगर निगम इसी खाद का कर रहा प्रयोग

अधिकारियों के मुताबिक नगर निगम इसी खाद का प्रयोग कर रहा है। पार्कों के सौंदर्यीकरण, नगर निगम के लॉन, शहर में लगाए गए पौधों में इसी खाद का प्रयोग किया जा रहा है। इसके बेहतरीन परिणाम मिल रहे हैं। शहर के लोग भी इस खाद का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त कई कॉलोनियों में भी कूड़े के निस्तारण की व्यवस्था की गई है।

राजनगर कूड़ा कांपेक्टर प्लांट भी चालू

लोहामंडी में जूता मंडी के पास स्थित राजनगर में नगर निगम ने कंपोस्ट प्लांट के अतिरिक्त कूड़ा कांपेक्टर प्लांट भी स्थापित किया है। यह प्लांट भी चालू हो गया है। इस प्लांट की वजह से जीआईसी मैदान के पास स्थित डलावघर, पृथ्वीनाथ फाटक के पास का डलावघर समाप्त हो गया है। आसपास का कूड़ा ट्रकों में भरकर यहां लाया जाता है। इस कूड़े को प्लांट में डाला जाता है और प्लांट के आटोमैटिक रोलर कूड़े को दबाकर चादर जैसी बना देते हैं। इसे ट्रकों से कुबेरपुर साइट पर पहुंचा देते हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें