जल संचयन के इंतजाम न होने पर होगा केस दर्ज
डीएम ने पूरे जिले में धुलाई केंद्रों का ब्यौरा मांगा है।
जनपद में भूजल को लेकर जल शक्ति अभियान चला रहे प्रशासन की नजर गाड़ी धुलाई केंद्रों पर पड़ गई है। डीएम ने पूरे जिले में धुलाई केंद्रों का ब्यौरा मांगा है। डीएम के ताजा आदेश के बाद नगर निकायों के अफसरों ने ऐसे केंद्रों को चिन्हित कर उनके द्वारा रोजाना प्रयोग किये जाने पानी की सर्वे रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। प्रशासन के रुख से गाड़ी धुलाई केंद्र संचालकों में खलबली मच गई है।
कासगंज के तीन ब्लॉक भूजल स्तर काफी नीचे चले जाने से डार्कजोन में तब्दील हो चुके थे। इनमें सोरों कासगंज, सहावर शामिल हैं। ऐसे में प्रशासन के संज्ञान में आया कि, जनपद के शहरी और कस्बाई क्षेत्रों में करीब 100 गाड़ी धुलाई केंद्र संचालित हैं, जहां रोजाना गाड़ी की धुलाई के दौरान लाखों लीटर पानी बेकार फैलता है। जबकि इनके पास जल संचयन का कोई इंतजाम नहीं है। इस पर डीएम सीपी सिंह ने बताया कि सभी नगर निकायों से रिपोर्ट मांगी गई है। ब्यौरा सामने आते ही या तो धुलाई केंद्र संचालक अपने यहां भूजल संचयन का इंतजाम करके रिपोर्ट दें और अनुमति प्राप्त करें। यदि ऐसा नहीं करेंगे तो एनजीटी के आदेश का पालन करते हुए ऐसे सेंटरों के संचालकों पर मुकदमा दर्ज कराकर कार्यवाही की जाएगी।