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मैनपुरी के जसराजपुर में मलेशिया, ताईवान के बौद्ध भिक्षु जुटे

जसराजपुर बौद्ध शिक्षा का जिले में बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। मंगलवार को वाईबीएस सेंटर पर ताइवान, मलेशिया और भारत के बौद्ध भिक्षुओं को प्रशिक्षण देने का शिविर प्रारंभ हो गया। इस शिविर में तीनों देशों...

मंगलवार को जसराजपुर स्थित गजस्तंभ पर पूजा अर्चना करते बौद्ध भिक्षु।
1/ 2मंगलवार को जसराजपुर स्थित गजस्तंभ पर पूजा अर्चना करते बौद्ध भिक्षु।
प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने वाले देश-विदेश के छात्र-छात्राएं।
2/ 2प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने वाले देश-विदेश के छात्र-छात्राएं।
मैनपुरी,हिन्दुस्तान संवादWed, 26 Jul 2017 01:22 AM
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जसराजपुर बौद्ध शिक्षा का जिले में बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। मंगलवार को वाईबीएस सेंटर पर ताइवान, मलेशिया और भारत के बौद्ध भिक्षुओं को प्रशिक्षण देने का शिविर प्रारंभ हो गया। इस शिविर में तीनों देशों के लगभग 50 से अधिक बौद्ध भिक्षु भाग ले रहे हैं। इनके साथ इन देशों के छात्र-छात्राएं भी ध्यान योग, पर्यावरण और शिक्षा से जुड़े विषयों का प्रशिक्षण ले रहे हैं। 
 मंगलवार को वाईवीएस सेंटर जसराजपुर पर आयोजित शिविर में बौद्ध भिक्षु भंते डा. उपनंद ने ध्यान को जीवन जीने की कला बताते हुये जीवन को समग्रता में कैसे जिया जाये के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ध्यान साधना का अभ्यास बच्चों में मानसिक, चारित्रिक और उसके बहुआयामी विकास के लिये बहुत आवश्यक है। थायलैण्ड से आये भंते सदम्मनाथौ ने निर्माण के संबंध में बताया कि हमारे शरीर व मन में जितनी भी अनुभूतियां है ज्ञान हैं अनुभव स्मृतियां हैं इनका स्वरूप परिवर्तनशील है इसलिये किसी प्रकारी तृष्णा रखना निर्माण में सबसे बड़ी बाधा है। इस अवसर पर वाईबीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश बौद्ध, ताई उन चैन, चैन सिन हैन, फा हीलिन, लिन याहुई, चैन जू चेंग, चैन ई हू, वान होंग यूई, लो यू कई, चो यू होंग, चैन पोसुन, ली चुन हो, को पई चैनआदि लोग मौजूद रहे। 

जसराजपुर में है सबसे ऊंचा गज स्तंभ
मैनपुरी। जसराजपुर में दुनिया का सबसे बड़ा गज स्तंभ भी स्थापित किया गया है। जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म को मानने वाले आते हैं। इस गज स्तंभ का बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने वर्ष 2015 में शुभारंभ किया था। संकिसा से सटे होने के कारण जसराजपुर मैनपुरी का बड़ा बौद्ध धर्म का केंद्र बन गया है।

शिक्षा पद्धतियों के बारे में दी गई जानकारी 
भोगांव। मंगलवार को दिए गए प्रशिक्षण के दौरान बौद्ध भिक्षुओं ने छात्र-छात्राओं को पर्यावरण बेहतर रखने के लिए उपाय बताए। बच्चों को बिना किताबों के बेहतर शिक्षा प्रदान की जाए इसके बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने सनातन शिक्षा पद्धतियों से भी छात्र-छात्राओं को अवगत कराया।  

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