बोले कासगंज: मंडावली के बरसाती ड्रेन के टूटे पुल में डूब रहे लोगों के ख्वाब
Agra News - मंडावली गांव में बरसाती ड्रेन पर बना पुल भारी वाहनों के बोझ से टूट गया है। इससे ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है। बरसात में पानी भरने पर यह समस्या और गंभीर हो जाएगी। गांव के लोग...
सड़कों को बनाने में करोड़ों रुपया खर्च हो गया। लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क बनाई गई पर जुड़ाव अधूरा रह गया। जुड़ाव होता भी कैसे ? सड़कों के बीच बरसाती ड्रेन का टूटा पड़ा पुल जो आड़े आ गया। विगत वर्ष से बरसाती ड्रेन का पुल भारी वाहनों के गुजरने का भार नहीं सह सका। यूं कहिए कि, बालू खनन के लोड वाहनों के भार के आगे ड्रेन का पुल दबता चला गया और एक वक्त ऐसा आया कि, बरसाती ड्रेन पर बना ई दशक पुराना पुल जमीदोज हो गया। अब पुल धाराशायी होकर टूटा पड़ा है, रास्ता निकलने की मजबूरी है, सो बरसाती नाले में कच्चे रास्ते से होकर ग्रामीणों के आने जाने का रास्ता बना हुआ है, तब तक जब तक बरसाती दिन नहीं आ रहे हैं, बरसात का पानी आने लगेगा, रास्ता खुद व खुद बंद हो जाएगा।
यह हाल है सोरों विकास खंड के गांव मंडावली के ग्राम पंचायत भवन के पास बरसाती ड्रेन के टूटे पड़े पुल का। इस पुल के बहुत ही पास गंगा है और दूसरी ओर कुछ ही दूरी पर बूढ़ी गंगा है। आपके अपने हिन्दुस्तान अखबार के बोले कासगंज संवाद में गांव मंडावली के ग्रामीणों ने अपनी आप बीती सुनाई तो सुनकर हैरानी हुई। लोगों ने बताया कि, मंडावली से और पीछे के गांव पंचलाना की ओर से एक बरसाती ड्रेन आती है। यह ड्रेन मंडावली ग्राम पंचायत भवन से कुछ ही कदम पर एक पुल के रास्ते से ढेरा सराय नगला दल से होकर सलेमपुर बीबी से सोरों और अल्लीपुर बरबारा की ओर के मार्ग की ओर संपर्क जोड़ती है। गांव के लोगों ने बताया कि, पिछले वर्ष बरसाती ड्रेन का पुल भारी वाहनों के गुजरने से टूट गया। कुछ लोगों ने बताया कि, बालू खनन के ट्रैक्टर और ट्रक गुजरने के कारण पुल धाराशायी हो गया। तब से ही पुल टूटा पड़ा है। अभी तो जैसे तैसे पुल के बराबर कच्चे रास्ते से ड्रेन में होकर आते जाते हैं, आए दिन इस रास्ते में वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर घायल तक हो जाते हैं, इसकी वजह ड्रेन में होकर गुजरते समय वाहनों का संतुलन बिगड़ जाता है, वाहन पलट तक जाते हैं, जिससे राहगीरों को दिक्कतें होती हैं, दिन में तो गुजर जाते हैं, पर रात में यहां से होकर गुजरना जोखिम भरा होता है। ग्रामीणों का कहना है कि, अगर पुल का निर्माण हो जाए तो कई गांवों का संपर्क अच्छा जुड़ जाएगा और आने जाने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। लोग किसी भी समय आ सकेंगे, चाहे दिन हो या रात हो। इस विकट समस्या के समाधान की ओर प्रशासन को सोचना चाहिए। गांव मंडावली पर बरसाती ड्रेन के पुल टूटने के लिए ग्रामीण बालू समेत भारी वाहनों को जिम्मेदार ठहराते हैं। उनका कहना है कि, पुल काफी पुराना था, वह ज्यादा भार सहने की स्थिति में नहीं था, लेकिन भारी वाहन पुल से होकर आते जाते थे। जिससे धीरे धीरे पुल धंसता चला गया और फिर पूरी तरह से टूट गया। आसपास के ग्रामीण बताते हैं कि, अब आने वाले दिनों में बरसात से ड्रेन में पानी भरने लगेगा, तब निकलने में काफी कठिनाई आएगी। अगले गांव नगला दल पर भी होकर ड्रेन गुजरती है, लेकिन वहां के ग्रामीणों ने अपने गांव की पुलिया से भारी वाहनों के आवागमन को पुलिया की सुरक्षा के कारण रोकने की बात कह रखी है, पुलिया के निर्माण और उसकी देखरेख में नगला दल के ग्रामीणों ने काफी सहयोग किया है, वहां से हल्के वाहनों को आने जाने में कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन भारी वाहनों को लेकर परेशानी होती है। ग्रामीणों का कहना है कि, अगर नेता और प्रशासन के अधिकारी समस्या पर गौर करें तो आसपास के ग्रामीणों की इस समस्या का समाधान हो सकता है। हमारे गांव मंडावली के लोगों का आना जाना सोरों की ओर होता रहता है, दिन में तो नाले में होकर निकल जाते हैं, लेकिन रात को अगर जरूरत पड़ जाए तो बहुत ही डर रहता है, आना जाना मुश्किल भरा होता है, इस ओर प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है। -चन्द्रपाल, ग्रामीण अगर प्रशासन ध्यान देने लगे तो पुल का निर्माण बहुत बड़ा काम नहीं है, प्रशासन को हमारी समस्या की ओर ध्यान देना चाहिए, जिससे कई गांवों के लोगों का पुल निर्माण से काफी लाभ हो सकेगा, समस्या का समाधान हो सकेगा। लोगों का बिना परेशानी के आवागमन हो सके। -राधे श्याम बरसाती नाले में बरसात के समय काफी पानी भर जाता है, गांवों का पानी बरसात के समय इसी ड्रेन में जाता है, इस पर पुल बना हुआ टूट चुका है, आने जाने में काफी दिक्कतें होती हैं, लोग अपने कामों से जा नहीं सकते। सभी गांवं के लोग चाहते हैं कि, पुल का निर्माण हो सकता है। -तोहिद प्रशासन को बरसाती नाले पर पुल का निर्माण कराना चाहिए, एसडीएम और सेतु निगम या लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मिलकर बैठकर समस्या का समाधान करना चाहिए, जो मानने योग्य बात है तो उसे सभी को मानना चाहिए। सभी को मिलकर काम करना चाहिए। -पप्पू अभी तो गर्मी का समय है तो आने जोन में जरा सी से परेशानी है, अगर आगामी समय में बरसाती दिन हैं, तो बरसाती ड्रेन पर पुल का निर्माण करना ही गांवों के संपर्क जोड़ने का समाधान है,जिससे लोगों को आराम मिले। सभी के प्रयास से ही समाधान निकलेंगे। -आरिस हमारे ओर के भारी वाहनों को निकलने देने के लिए आगे के गांव लोग परेशानी करते हैं, गांव के लोग बताते हैं कि, अगले गांव के लोगों ने अपने निजी चंदा करके पुलिया का निर्माण इसी ड्रेन पर कर ली है, जिससे भारी वाहन गांव की पुल या पुलिया से होकर नहीं गुजरें। -सीताराम गांव से होकर गुजरने वाले वाहनों को लेकर प्रशासन के अधिकारी हों या जनप्रतिनिधि सभी को प्रयास करना चाहिए, यह सभी का कार्य है, इस समस्या का समाधान कराना हो तो समाधान भी होगा। पुल बन जाए तो गांव को विकास भी होगा। -सुबोध हम कम पढ़े लिखे ग्रामीण हैं, बरसाती नाले के दूसरी ओर सड़क बनी हुई है, लेकिन जुड़ी नहीं है, हमारे पास सरकारी अधिकारियों के पास जाने आने का समय कम होता है, हम खेती करने में ही लगे रहते हैं, जिससे समाधान हो सकेगा। -शयोराज गांव से होकर जब जब विधायक या अधिकारी गुजरते हैं, अच्छी सड़क से होकर ही गुजरते हैं, उन्हें भी टूटे पुल से होकर गुरजने के लिए कहा जाता है, लेकिन जनप्रतिनिधि हमारी समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं। इनको भी हमारी परेशानी को देखना चाहिए। -अलतमस बरसात के समय के लिए पुल का निर्माण होना बेहद जरूरी है, जिससे दूसरे गांवों के लिए पुल आने जाने में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े, इसलिए गांव के लोगों के साथ हमारे प्रयास भी पुल का निर्माण कराये जाने के लिए होना है। -सुरेश गांव के लोग कहते हैं कि, जिधर गंगा का धार होगी, उधर ही गंगा का जलभराव अधिक होता है, ऐसे में आगामी समय में बरसाती दिनों को ध्यान रखते हुए पुल के निर्माण के लिए प्रयास करेंगे। अगर पुल का निमार्ण हो जाए तो कई गांवों का संपर्क जुड़ जाए। -कन्हैई बरसात के समय कई गांवों के लिए नगला दल और ढेरा सराय और मंडावली पुल का नहीं बन पाने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, बरसात के समय पुल को लेकर और भी कठिन समस्या पैदा होगी, इसलिए पुल का निर्माण कराना अच्छा रहेगा। -जुबेर
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