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पुलिस ने डीएनए कराया होता तो नहीं छूटते हत्यारोपी

-पुलिस का सबसे बड़ा मददगार था बब्बे

पुलिस ने डीएनए कराया होता तो नहीं छूटते हत्यारोपी
हिन्दुस्तान टीम,आगराWed, 21 Mar 2018 08:03 PM
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पुलिस की चूक और विवेचना में लापरवाही सराफा कारोबारी प्रदीप जैन उर्फ बब्बे के हत्यारोपियों के संजीवनी बन गई। पुलिस कोर्ट में यह तक साबित नहीं कर पाई कि जो शव मिला वह बब्बे का था। शव की पहचान को लेकर घरवालों ने उस समय ही सवाल उठाए थे। तत्कालीन सीओ ने नाटकीय अंदाज में शव की पहचान कराई थी। पुलिस ने डीएनए कराना तक उचित नहीं समझा। कराया होता तो कोर्ट में सनसनीखेज वारदात की हवा नहीं निकलती।

सराफा बाजार में कोई भी विवाद हो उसका फैसला प्रदीप जैन उर्फ बब्बे किया करता था। सराफा बाजार में उसकी अपनी अलग पहचान थी। उसके फैसले के खिलाफ कभी कोई आवाज नहीं उठती थी। क्षेत्रीय लोगों की मानें तो बब्बे पुलिस का सबसे बड़ा मददगार था।

मई 2005 में उसकी हत्या के समय सीओ कोतवाली राकेश पांडेय थे। मैनपुरी की नहर से बरामद शव को पोस्टमार्टम हाउस लाया गया था। बड़ी संख्या में कारोबारी शव की पहचान के लिए पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे। परिचितों ने शव देखकर पहचान में असमर्थता जताई थी। तत्कालीन सीओ ने शव को पहचानने का दावा किया था। परिचितों से कहा था कि लोग शव को नहीं पहचान रहे तो कोई बात नहीं। पुलिस अज्ञात में दाह संस्कार कर देगी। बाद में उन्हें जिंदगीभर यह अफसोस होगा कि बब्बे को कंधा तक नहीं दे पाए। घंटों के हंगामे और पंचायत के बाद शव सुपुर्दगी में लिया गया था। पुलिस ने उस समय यह भरोसा दिलाया था कि हत्यारोपियों को कड़ी सजा दिलाएगी। डीएनए कराया जाएगा। ताकि कोर्ट में कोई सवाल नहीं उठे। पुलिस अपना वायदा भूल गई। डीएनए तक नहीं कराया।

नतीजा 2018 में सामने आया। कोर्ट में पुलिस यह तक साबित नहीं कर पाई कि बब्बे की हत्या हो चुकी है। जो शव बरामद किया गया वह बब्बे का था। डीएनए टेस्ट कराया होता तो घरवालों को इंसाफ के लिए लड़ाई जारी नहीं रखनी पड़ती। कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी है।

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हाईकोर्ट में करेंगे अपील

चांदी कारोबारी प्रदीप जैन उर्फ बब्बे की हत्या और अपहरण के मुकदमे का फैसला आ चुका है। कोर्ट ने हत्या होने पर संशय जताया है। पुलिस कोई ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर पाई थी। जिला शासकीय अधिवक्ता बसंत कुमार गुप्ता ने बताया कि इस मामले में राज्य सरकार हाईकोर्ट में अपील करेगी। उन्होंने बताया कि कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के बाद अपील दायर की जाएगी।

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