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बेटियों को गौरव और सम्मान मिलेगा तब बदलेंगे हालात: आनंदीबेन पटेल

डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 85वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जब तक बेटियों को गौरव और सम्मान नहीं मिलेगा तब तक हालात नहीं बदलेंगे। बेटी जब तक सशक्त नहीं होंगी अपना...

विश्वविद्यालय में पदक देतीं राज्यपाल। साथ हैं कुलपति और डिप्टी सीएम।
1/ 4विश्वविद्यालय में पदक देतीं राज्यपाल। साथ हैं कुलपति और डिप्टी सीएम।
विश्वविद्यालय में पदक वितरण के बाद मेधावियों के साथ समूह फोटो में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व गणमान्य।
2/ 4विश्वविद्यालय में पदक वितरण के बाद मेधावियों के साथ समूह फोटो में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व गणमान्य।
सबसे ज्यादा 11 पदक जीतने वाली मेधावी छात्रा आकांक्षा।
3/ 4सबसे ज्यादा 11 पदक जीतने वाली मेधावी छात्रा आकांक्षा।
दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का सम्मान करते कुलपति।
4/ 4दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का सम्मान करते कुलपति।
हिन्दुस्तान टीम,आगराFri, 11 Oct 2019 04:51 PM
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डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 85वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जब तक बेटियों को गौरव और सम्मान नहीं मिलेगा तब तक हालात नहीं बदलेंगे। बेटी जब तक सशक्त नहीं होंगी अपना देश भी सशक्त नहीं हो सकेगा। राज्यपाल ने आह्वान किया कि गोल्ड मेडल मिल गया, अब बेटियां पैसे मांगने वालों से शादी की मना करें। अभिभावकों से संकल्प करने को कहा कि वह बेटे और बेटियों को जन्म का, शिक्षा का अधिकार दें,जब तक शिक्षा पूरी नहीं हो तब तक शादी नहीं करें। इस दौरान उन्होंने आकांक्षा को सर्वाधिक 11 स्वर्ण पदक प्रदान किए।

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बेटियों की ओर परिवार ध्यान दें। उन्हें सशक्त बनाने के प्रयास करें। उनके भोजन और स्वास्थ्य पर ध्यान दें। क्योंकि आज बेटी निरोगी और सशक्त होगी तो भविष्य के बच्चे कुपोषण के शिकार नहीं होंगे। आज बालिका दिवस पर तय कीजिये कि 15 दिन तक जितनी बेटियां आंगनबाड़ी ओर प्राइमरी में हैं तो उनका सम्मान करेंगे। उन्हें लक्ष्मी मानकर उनका सम्मान करें। इससे छेड़छाड़ ओर बालिकाओं के प्रति अपराध खत्म होंगे। उन्होंने कहा कि बेटियों को गौरव और सम्मान मिलेगा तब हालात बदलेंगे।

बाल विवाह सिर्फ शिक्षा से खत्म हो सकते

उन्होंने कहा कि बाल विवाह पर रोक लगनी चाहिए। हालांकि दीक्षांत में ऐसे विषय नही बोले जाते हैं लेकिन अब यही सही जगह है। क्योंकि बाल विवाह को खत्म सिर्फ शिक्षा से किया जा सकता है। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि खर्चे की चिंता में बाल विवाह न करें। सामूहिक विवाह में बच्चों के विवाह करें। राज्यपाल ने कहा कि आज गोल्ड मेडल वाले शादी में गोल्ड की मांग करते हैं। क्या हममें इतनी ताकत नहीं है जो हम किसी से शादी में पैसा मांगते हैं। आप संकल्प करें कि अब किसी से विवाह में पैसे नहीं मांगेंगे। उन्होंने बेटियों से कहा कि पैसे मांगने वालों को शादी के लिए मना करें।

विवि बच्चों को केंद्र में रख आयोजन करें

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय से कहा कि वह बच्चों और छात्रों को केंद्र में रखकर आयोजन करें। आज विवि को रूटीन से अलग हटकर सोचने की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि सभी कॉलेजों और विवि का नैक अनिवार्य होना चाहिये। छात्र अगर ना आयें तो उनसे पूछें। विवि ओर कालेजों के हर कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगें। सीसीटीवी कैमरे लगने से सबको लगेगा कि ऊपर वाला देख रहा है।

बच्चों की समस्याओं का समाधान करें

विवि और शिक्षकों से उन्होंने कहा कि समय पर सभी ऑफिस और स्कूल कालेजों में पहुंचें। बच्चों की अधिकारी सुनें और उनकी समस्याओं का समाधान करें। समय से आधा घण्टा अधिक रुकें। विवि में नियुक्तियों में नियमों का पालन हो ताकि किसी प्रकार का कोर्ट केस ओर आंदोलन ना हो।

बच्चों को सपने दिखाएं

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में 5 हज़ार प्राइमरी स्कूलों को गोद लिया गया है। जब तक प्राइमरी स्कूल के बच्चे दीक्षांत और दुनिया नहीं देखेंगे तब तक वह यहां पहुंचने का सपना नहीं देख पाएंगे। और ना ही बच्चों की सोच और भविष्य बदलेगा। उन्होंने कहा कि यहां आने बच्चों से निबंध लिखवाएं। बच्चों को यहां मिली किताबों से स्कूल में लाइब्रेरी बनाएं।

टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लेंगे

इस मौके पर राज्यपाल ने चिंता जताते हुए कहा कि आज प्लास्टिक के कारण पशु बर्बाद हो रहे हैं। गाय के पेट से 15-20 किलो प्लास्टिक निकल रही है। एक ओर गाय बचाने की बात करते हैं दूसरी ओर यह स्थिति है। उन्होंने आह्वान किया कि भारत प्लास्टिक मुक्त बनना चाहिये। टीबी मुक्त बनना चाहिये। वह बोलीं कि 18 साल से कम उम्र के 600 टीबी ग्रसित बच्चों को जनपद के अधिकारी, एनजीओ ओर शिक्षण संस्थान गोद लेंगे।

108 मेधावियों को प्रदान किए गए मेडल

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 85वें दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 108 मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल प्रदान दिए। इनमें 98 छात्राएं और 23 छात्र शामिल रहे। पदकों में 105 स्वर्ण और 16 रजत रहे। 85 स्वर्ण और 13 रजत पदक छात्राओं को मिले। चार डीलिट, 71 पीएचडी और 127 एमफिल की डिग्री भी इस मौके पर प्रदान की गईं।

दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की वहीं मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा थे। इससे पहले दीक्षांत समारोह में राज्यपाल और मुख्य अतिथि के कुलपति आवास से समारोह स्थल पहुंचने के लिए छात्र-छात्राओं ने शोभायात्रा निकाली। राज्यपाल ने पदक पाने वाले सभी मेधावियों के साथ फोटो भी खिंचवाए। इस दौरान उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, कुलपति डॉ.अरविंद दीक्षित मौजूद थे। छात्राएं साड़ी में और छात्र धोती कुर्ता में विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आए।

इधर, शाम को खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। छत्तीसगढ़ के पद्मश्री सुरेंद्र दुबे, दिल्ली के गजेंद्र सोलंकी, कानपुर के सुरेश अवस्थी, देहरादून के बुद्धिनाथ मिश्रा, लखनऊ की डॉ. सुमन दुबे, प्रख्यात मिश्रा, कानपुर के दिलीप दुबे और आगरा के शशांक प्रभाकर काव्य पाठ करेंगे।

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