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यह भी जानें: नए साल में अरबों की सौगात, बदलेंगे जनपद के हालात

इस साल अरबों रुपये से जनपद के हालात सुधरने वाले हैं। नये साल में गांव के विकास के लिए शासन ने मुट्ठी खोल दी है। बिजली व्यवस्था के साथ अन्य सुविधाएं भी बेहतर होंगी। मनरेगा जैसी अहम योजनाओं में भी अधिक...

यह भी जानें: नए साल में अरबों की सौगात, बदलेंगे जनपद के हालात
हिन्दुस्तान टीम,आगराMon, 01 Jan 2018 12:06 PM
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इस साल अरबों रुपये से जनपद के हालात सुधरने वाले हैं। नये साल में गांव के विकास के लिए शासन ने मुट्ठी खोल दी है। बिजली व्यवस्था के साथ अन्य सुविधाएं भी बेहतर होंगी। मनरेगा जैसी अहम योजनाओं में भी अधिक से अधिक रोजगार ग्रामीणों को मिलेगा। जर्जर तार और खंभे भी इस साल बदल दिए जाएंगे। प्रशासनिक अधिकारियों ने इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। अब इन योजनाओं को धरातल परअमलीजामा पहनाने का इंतजार है।

बेहतर होगी बिजली व्यवस्था

इस साल जून 2018 तक जनपद में आठ सब स्टेशन बनेंगे। यह 35/11 केबी के साथ 10 एमबीएस क्षमता वाले होंगे। इन सब स्टेशनों के निर्माण के लिए डीवीवीएनएल के अधिकारियों ने बोदला, शमसाबाद, एत्मादपुर, फतेहाबाद, फतेहपुरसीकरी, किरावली, नदगवां, चमरौला को चयनित किया है। इनकी लागत 32 करोड़ रुपये आएगी। इसके अलावा जून 2018 तक 132 केबी फीडर का निर्माण फतेहपुरसीकरी में होगा। यह फीडर ट्रांसमिशन का होगा। 45 करोड़ की लागत से इस फीडर को तैयार किया जाएगा।

4156 गांव में पहुंचेगी बिजली

डीवीवीएनएल 4156 गांव तक बिजली पहुंचाएगा। इसके लिए जून 2018 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा 897 ऐसे मजरें चयनित किए गए हैं, जहां जर्जर तार, जर्जर खंभे हैं। इन मजरों की आबादी एक हजार से अधिक है। इस कार्य के लिए एक गांव में औसतन 12 लाख रुपये का खर्च होगा।

लाखों घरों से दूर होगा अंधेरा

भाजपा सरकार की महत्वाकांक्षी सौभाग्य योजना के तहत इस साल गरीबों के घर तक बिजली पहुंचेगी। डीवीवीएनएल के अधिकारियों ने जनपद के 166384 बीपीएल और एपीएल कार्ड धारकों के घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। डीवीवीएनएल के अंतर्गत आने वाले 21 जनपदों में 24,62,689 बीपीएल और एपीएल कार्ड धारकों के घरों में उजाला होगा। बता दें कि आगरा जनपद में 4,17,120 मकान हैं, जिसमें से 2,36,663 घरों में बिजली है।

इस साल खुले में शौचमुक्त होगा हमारा जनपद

इस साल हमारा जनपद भी खुले में शौचमुक्त होगा। जिला प्रशासन इस साल मार्च तक पूरे जनपद को ओडीएफ घोषित कर देगा। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण के तहत) के तहत जनपद में 1.86 लाख शौचालय का निर्माण होना हैं। इसके लिए 2,232,000,000 रुपये खर्च होंगे। जनपद में 945 गांव हैं, जो 695 ग्राम पंचायत के तहत आते हैं। 31 दिसंबर, 2017 तक जिला प्रशासन ने 249 ग्राम पंचायतों को ओडीएफ में सम्मिलित कर लिया है। वहीं गांव की साफ-सफाई के लिए 12-12 लाख रुपये की आधुनिक मशीने भी मंगाई जाएंगी।

मनरेगा के लिए दोगुना बजट

पिछले साल की अपेक्षा इस साल मनरेगा के लिए दोगुना बजट होगा। पिछले साल मनरेगा के तहत 40 करोड़ से विकास कार्य कराए गए थे। मगर, इस साल यह बजट 80 करोड़ रुपये है। मनरेगा के तहत इस साल पानी की समस्या, गांव में इंटरलॉकिंग और हर ब्लॉक पर राजीव गांधी सेवा निर्माण केंद्र खोलने को प्रमुखता में रखा है। गांव-गांव को जोड़ने वाले चकरोड का भी निर्माण कार्य कराया जाएगा।

सौ करोड़ से नौ गांव होंगे विकसित

श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत इस साल सौ करोड़ की लागत से नौ गांवों में विकास होगा। इसमें मिढ़ाकुर, अंगूठी, बरारा, गढ़सानी, लडामदा, नानपुर, सदरवन, सुतैड़ी और सहारा गांव है। इन गांव में कौशल विकास प्रशिक्षण, कृषि प्रसंस्करण, हेल्थ यूनिट, उच्च शिक्षा, स्वच्छता, पाइप के माध्यम से जलापूर्ति, ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन, गली व नालियों का सौंदर्यीकरण, स्ट्रीट लाइट, गांवों के बीच सड़क संपर्क, सार्वजनिक परिवहन, एलपीजी गैस कनेक्शन, डिजिटल साक्षरता और ई-ग्राम कनेक्टिविटी आदि व्यवस्थाएं शामिल हैं।

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