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खूनी नाले में बाइक गिरी, एक और मौत

शास्त्रीपुरम में 28 मार्च को जिस जगह नाले में कार गिरने से चार लोगों की मौत हुई थी शनिवार को वहां एक और हादसा हुआ। एक युवक बाइक सहित नाले में गिर पड़ा। पुलिस ने नाले में कूदकर उसे बाहर निकाला।...

खूनी नाले में बाइक गिरी, एक और मौत
हिन्दुस्तान टीम,आगराSat, 31 Mar 2018 06:24 PM
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शास्त्रीपुरम में 28 मार्च को जिस जगह नाले में कार गिरने से चार लोगों की मौत हुई थी शनिवार को वहां एक और हादसा हुआ। एक युवक बाइक सहित नाले में गिर पड़ा। पुलिस ने नाले में कूदकर उसे बाहर निकाला। अस्पताल भेजा मगर उसे बचाया नहीं जा सका। हादसे के विरोध में क्षेत्रीय लोगों ने जमा लगा दिया। हंगामा किया। हादसे मेयर नवीन जैन के फार्म हाउस के बाहर हो रहे हैं।

घटना पूर्वाह्न करीब साढ़े ग्यारह बजे की है। खातीपाड़ा (लोहामंडी) निवासी शक्ति सिंह ने 100 नंबर पर फोन किया। बताया कि इंडस्ट्रीयल एरिया के नाले में बाइक गिर पड़ी है। उस पर संभवत: दो लोग सवार थे। तीन दिन पहले इसी जगह कार गिरी थी। सूचना पर चीता मोबाइल पांच मिनट में पहुंच गई। हैड कांस्टेबिल सुरेंद्र सिंह और सिपाही नीरज ने मौके पर पहुंचते ही वर्दी उतारकर नाले में छलांग लगा दी। सूचना पर थाना पुलिस भी आ गई। करीब दस मिनट बाद एक युवक को बाहर निकाला गया। दूसरे की आधे घंटे तलाश की गई मगर कोई नहीं मिला। युवक को प्रभा ट्रोमा सेंटर भेजा गया। वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। आधार कार्ड से मरने वाले की पहचान गोपालपुरा (सदर) निवासी सुनील कुमार के रूप में हुई। सूचना पर उसके घर और ससुराल में कोहराम मच गया। सुनील जूता श्रमिक था। घर से काम पर जाने के लिए निकला था। वहीं दूसरी तरफ हंगामा कर रही भीड़ को पुलिस ने जैसे-तैसे समझाया।

बाइक लहराई और नाले में गिर पड़ी

क्रासर

-प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कम थी रफ्तार

-टूटी हुई है नाले की दीवार, बनी नहीं

-हादसे को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं

आगरा। प्रमुख संवाददाता

नाला शास्त्रीपुरम से इंडस्ट्रीयल एरिया में जा रहा है। नाले की सालों से सफाई नहीं हुई है। मीथेन गैस बन रही है। पानी में कीडे़ पड़ चुके हैं। शनिवार का हादसा कई लोगों ने अपनी आंखों से देखा। बाइक की रफ्तार ज्यादा नहीं थी। बाइक उसी जगह लहराई जहां नाले की दीवार नहीं है। लोगों की आंखों के युवक बाइक सहित नाले में गिर पड़ा। ठीक इसी जगह कार गिरी थी। दो युवक और दो युवतियों की मौत हुई थी।

प्रत्यक्षदर्शी लोहामंडी निवासी शक्ति सिंह के बताया कि वह मंदिर से लौट रहा था। वह इंडस्ट्रीयल एरिया वाली सड़क पर था। टर्न लेता इससे पहले उसने देखा कि एक बाइक लहराते हुए नाले में गिर पड़ी। छपाक की आवाज आई। वह दहशत में आ गया। कार वाला हादसा उसने अखबार में पढ़ा था। वह बाइक से उतरा। दौड़कर मौके पर पहुंचा। शोर मचाया। आसपास के लोग आ गए। उसने अपनी आंखों से युवक को नाले में हाथ-पैर मारते देखा। मौके पर लोग कहने लगे कि बाइक पर दो लोग थे। उसे भी लगा कि शायद दो लोग होंगे। वह ठीक से देख नहीं पाया। उसने 11.53 पर 100 नंबर पर फोन किया। सात मिनट में ही एचसीपी सुरेंद्र सिंह और कांस्टेबल नीरज वहां रस्सी लेकर पहुंच गए। आसपास के लोग सीढ़ी लेकर आ गए। पुलिस कर्मियों ने वर्दी उतारी और रस्सी के सहारे नाले में उतर गए। रस्सी से बांधकर बाइक और युवक को बाहर निकाला। युवक बेहोशी की हालत में था। ऑटो से पुलिसकर्मी उसे अस्पताल लेकर भागे।

सोते अधिकारियों को कौन जगाएगा

क्रासर

-मेयर के फार्म हाउस के गेट पर पटा है नाला

-नाला पाटते समय टूटी थी दीवार, दोबारा नहीं बनी

-नगला चुचाना के ग्रामीण बोले कई बार गिर चुके हैं जानवर

आगरा। प्रमुख संवादद

गौरव वर्मा, प्रमोद मिश्रा, ज्योति उपाध्याय, साक्षी कुशवाह और अब सुनील कुमार। इन पांच मौतों का जिम्मेदार आखिर कौन है। पहले हादसे से सबक नहीं लिया गया। नाले की दीवार नहीं बनवाई गई। दोबारा हादसा हो गया। अभी भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया है। पुलिस को भेज दिया गया है। पुलिस क्या दीवार भी बनाएगी। यह सवाल अब जनता पूछा रही है।

शनिवार को हादसे के समय बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई थी। आक्रोशित लोगों ने बोर्ड उखाड़ दिए। पेड़ काटकर सड़क पर डाल दिए। हंगामा करने लगे। नगला चुचिना निवासी राकेश ने कहा कि पता नहीं अधिकारी क्या चाहते हैं। एक साथ चार लोगों की जान गई थी। पूरी कार नाले में समा गई थी। कोई जिम्मेदार अधिकारी नाला देखने तक नहीं आया। यह तक नहीं सोचा कि दोबारा हादसा हो सकता है। तीन दिन में ही एक और मौत हो गई।

जिस जगह वाहन गिर रहे हैं वहां एक बड़ा गेट लगा है। गेट के अंदर चौकीदार तैनात था। गेट के सामने नाला पटा हुआ है। गेट के बराबर में ही नाले की दीवार टूटी हुई है। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि फार्म हाउस के गेट के बाहर जब नाला पाटा गया उसी दौरान नाले की दीवार टूटी थी। उसे नहीं बनवाया गया। हालांकि इसके किसी के पास कोई प्रमाण नहीं है।

क्षेत्रीय महिला रानी का कहना था कि जनता की मौत से अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। पांच परिवार बर्बाद हो गया। उनके घर कोहराम मचा हुआ है। अधिकारियों को इससे कोई सरोकार नहीं है। नाले की दीवार बनवा दी जाती तो शायद हादसे नहीं होते।

हादसे की सूचना पर आस-पास के फैक्टरी वाले भी आ गए थे। नरेंद्र प्रजापति ने बताया कि हादसे भले ही एक ही जगह हो रहे हैं दीवार कई जगह से टूटी हुई है। उन्होंने पुलिस को हर दस कदम की दूरी पर दीवार टूटी हुई दिखाई। बताया कि बरसात में नाला ओवरफ्लो हो जाता है। उस समय तो स्थिति और खतरनाक होगी। कोई भी गिर सकता है। क्षेत्रीय लोगों ने चेतावनी दी है कि जल्द नाले की दीवार नहीं बनी तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। जाम लगाया जाएगा।

पुलिस के साहस को जनता का सलाम

क्रासर

-सारे विभागों में ऐसे ही होना चाहिए काम

-वर्दी उतारकर नाले में कूदे दो पुलिस कर्मी

-उम्मेद अली की खुजली सही नहीं हुई है

आगरा। प्रमुख संवाददाता

कार गिरी तो सिकंदरा थाने का सिपाही उम्मेद अली नाले में कूदा था। उसकी हालत बिगड़ गई थी। नाले के गंदे पानी के कारण उसे त्वचा रोग हो गया है। अभी तक खुजली सही नहीं हुई है। पुलिस उसकी हालत से वाकिफ है। शनिवार को हादसा हुआ तो एक बार फिर पुलिस ने साहस दिखाया। दो पुलिस कर्मी नाले में कूदे।

मौके पर मौजूद शक्ति सिंह, आकाश, विकास, रोहित, संदीप, अनूप ने बताया कि पुलिस ने बहुत फुर्ती दिखाई। नाला कितना गहरा है इसका अंदाजा किसी को नहीं था। एचसीपी सुरेंद्र सिंह और सिपाही नीरज बिना कुछ सोचे नाले में कूद गए। वे चहाते थे कि किसी भी तरह नाले में गिरे युवक को बचा लें। अफसोस उन्होंने साहस तो दिखाया मगर सफलता नहीं मिली। युवक को बचाया नहीं जा सका। जहरीला पानी उसके फेफड़ों में भर चुका था।

इंस्पेक्टर सिकंदरा अजय कौशल ने बताया कि नाले की लंबे समय से सफाई नहीं हुई है। ऐसी स्थिति में नाले में मीथेन गैस बनने लगती है। जो जान लेवा होती है। पुलिस के पास कोई सेफ्टी उपकरण नहीं है। पुलिस ने वही किया जो कर सकती थी। बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के नाले में कूदी। गंदे नाले में जवानों को गोता तक लगाना पड़ा। नीचे यह देखना पड़ा कि कोई और नहीं डूबा है। सूचना दो लोगों के गिरने की मिली थी।

पुलिस ने लगाए बैरियर

नाला एडीए का है या यूपीएसआईडीसी का। मौतों के लिए जिम्मेदार कौन है। सरकारी विभाग के अधिकारी अभी तीन दिन में यह तय नहीं कर पाए हैं। कोई और हादसा नहीं हो जाए इसकी चिंता पुलिस को सता रही है। पुलिस ने अपनी तरफ से लोहे के बैरियर लगा दिए हैं। पुलिस ने यह भी तय किया है कि मोड़ पर बोर्ड भी लगवाए जाएंगे। उस पर यह लिखवाया जाएगा कि सड़क किनारे गहरा नाला है। दुर्घटना संभावित क्षेत्र है। कृपया संभलकर चलें।

इंसेट--------

दीवार बनवा दे पुलिस

हादसे में पांचवीं मौत की सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को भी मिली। हद तो तब हो गई जब पुलिस से यह उम्मीद की गई कि वह दीवार बनवा दे। चर्चाओं को सही मानें तो थाना पुलिस से कहा कि जल्द से जल्द मौके पर दीवार बनवा दे। आए दिन हादसे हो रहे हैं। किसने कहा था पुलिस में यह कोई बताने को तैयार नहीं है।

पांच की हत्या पर हिला जाता प्रदेश

तीन दिन में पांच लोगों की मौत हुई है। यही मामला हत्या का होता तो प्रदेश हिल जाता। कई अधिकारी इधर से उधर हो जाते। विरोध प्रदर्शन के लिए समाज सेवी संगठन सड़क पर उतर आते। विपक्षी दल प्रदर्शन शुरू कर देती। सरकार के खिलाफ नारेबाजी होने लगती। अधिकारियों की कार्यक्षमता पर सवाल उठने लगते। पांच लोगों की जान हादसे में गई है। इसलिए कोई इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। हैरानी की बात यह है कि हादसे एक ही जगह हुए हैं। पहला हादसा जिस लापरवाही से हुआ उसे दूर करने के प्रयास नहीं हुए। किसी भी सरकारी एजेंसी ने मौके पर पहुंचकर जांच करना उचित नहीं समझा। क्षेत्रीय जनता और मृतकों के परिजनों में इसे लेकर रोष है।

सड़क पर गिरे तो मौत तय है

शास्त्रीपुरम से इंडस्ट्रीयल और इंडस्ट्रीयल एरिया मार्ग पर नाले की दीवार कई जगह से टूटी हुई है। शनिवार को दर्दनाक हादसे के बाद पुलिस ने पूरे नाले का निरीक्षण किया। स्थिति देखकर पुलिस की रूह कांप उठी। पुलिस ने पाया कि नाले की दीवार कुछ ही जगह पर बनी हुई है। कुछ जगह नाला और सड़क का लेबल समान है। कुछ जगह नाला पटा हुआ है। जहां सड़क और नाले का लेबल समान है वहां कोई हादसा हुआ तो लोगों का नाले में गिरना तय है। पुलिस ने इस बात की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी है। उनसे आग्रह किया है कि संबंधित एजेंसी से बात करके नाले की दीवार तत्काल बनवाई जाए। यह नाला अब खूनी हो गया है। कई जगह सड़क टूटी हुई है। गिट्टियां बिखरी पड़ी हैं। दोपहिया वाहनों का इन जगह पर फिसलना तय है।

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