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कारोबारी अपहरणकांडः आठ घंटे के दबाव ने टिकवा दिए संजीव के घुटने

अपहरण का नाटक करने वाले बीसी कारोबारी संजीव गुप्ता ने शुक्रवार की दोपहर बाद एसटीएफ के सामने ऐसे ही घुटने नहीं टेके हैं। इसके पीछे गुरुवार को आईजी आगरा द्वारा परिजनों से डेढ़ घंटे तक की गई अलग अलग...

पानीपत के होटल में शान से बैठा कारोबारी संजीव गुप्ता
1/ 2पानीपत के होटल में शान से बैठा कारोबारी संजीव गुप्ता
पानीपत के इसी होटल से कारोबारी संजीव गुप्ता बरामद हुआ।
2/ 2पानीपत के इसी होटल से कारोबारी संजीव गुप्ता बरामद हुआ।
फिरोजाबाद,रोहित तिवारीFri, 28 Jul 2017 11:15 PM
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अपहरण का नाटक करने वाले बीसी कारोबारी संजीव गुप्ता ने शुक्रवार की दोपहर बाद एसटीएफ के सामने ऐसे ही घुटने नहीं टेके हैं। इसके पीछे गुरुवार को आईजी आगरा द्वारा परिजनों से डेढ़ घंटे तक की गई अलग अलग पूछताछ का नतीजा रहा। आईजी ने पूरे खेल को पकड़ लिया और फिर शुक्रवार की सुबह से ही संजीव के घर पर पुलिस के पहरा लगा दिया। सघन पूछताछ के दबाव में आकर आखिरकार कहानी खत्म हो गई।
शनिवार की शाम को अपने अपहरण की कहानी बनाकर गायब हुआ संजीव गुप्ता लगातार छह दिनों तक  पुलिस से आंख मिचौली खेलते रहा। इस दौरान उसने कई बार परिवार के पास मैसेज कर सबको अपहरण की कहानी में उलझाया और कई बार यह भी दर्शाया कि वह कितनी परेशानी में है। एसटीएफ और एसओजी की टीमों ने उसे नोयडा, दिल्ली, एनसीआर, चंडीगढ़ और श्रीनगर में खूब खंगाला लेकिन मंगलवार की रात से जैसे ही उसकी लोकेशन मिलना बंद हुई पुलिस की  परेशानी बढना शुरू हो गई थी। 
बुधवार का दिन तो पुलिस ने निकाल लिया लेकिन  शासन को कोई जवाब नहीं दे पाने की स्थिति में सारे मामले में आईजी आगरा अशोक कुमार को कमान संभालने की जरूरत पड़ गई। गुरुवार की देर सायं आए आईजी ने जैसे ही परिजनों से पूरे डेढ़ घंटे तक अलग अलग पूछताछ की तो उनको कहानी का ट्विस्ट पता चल गया। उनको गया कि कहीं न कहीं परिवार वाले इसमें झोल बनाए हैं और पुलिस को अपहरण की झूठी कहानी में घुमाया जा रहा है।

सुबह सात बजे से तीन बजे तक कसा शिकंजा
फिरोजाबाद। आईजी आगरा के आदेश के बाद शुक्रवार की सुबह सात बजे एसपी सिटी राजेश सिंह और सीओ सिटी अरुण कुमार सुबह कारोबारी संजीव गुप्ता के आर्चिड ग्रीन स्थित आवास पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने संजीव की पत्नी सारिका गुप्ता, भतीजे विकल्प गुप्ता और कुछ अन्य परिजनों को बुलाकर पूछताछ की। इसके बात एसपी सिटी चले आए लेकिन सीओ सिटी ने लगातार आवास पर ही डेरा जमाया और वे कई क्रम में परिजनों से जानकारी लेते रहे। जब सीओ को जाना होता तो एसपी सिटी आ जाते। दोनों अधिकारियों ने अलग अलग तरीके से बातचीत की तो परिवार के सदस्य टूट गए। अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि या तो वह खुद पुलिस के पास पहुंचे या बताए कि कहां है अन्यथा दिक्कतें और बढ़ेंगी। पुलिस के आठ घंटे के शिकंजे के बाद आखिरकार दोपहर तीन बजे के बाद संजीव गुप्ता पर संदेश पहुंच गया और पानीपत के होटल से सीधे जाकर उसने एसटीएफ के सामने घुटने टेक दिए, तब जाकर पुलिस अधिकारियों, एसटीएफ की नोयडा, अलीगढ़, मेरठ, गाजियाबाद के साथ साथ एसओजी की टीमों ने राहत की  सांस  ली। 
 

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