अर्थ गंगा में औषधीय खेती से जुड़ेंगे 200 किसान
अर्थ गंगा योजना से दो सौ से अधिक किसानों को औषधीय खेती से जोड़ा जाएगा। वन विभाग किसानों के द्वारा उत्पादित औषधीय फसल को बाजार उपलब्ध कराएगा। नमामि गंगे, कृषि, उद्यान विभाग और वन विभाग दो सौ किसानों को...
अर्थ गंगा योजना से दो सौ से अधिक किसानों को औषधीय खेती से जोड़ा जाएगा। वन विभाग किसानों के द्वारा उत्पादित औषधीय फसल को बाजार उपलब्ध कराएगा। नमामि गंगे, कृषि, उद्यान विभाग और वन विभाग दो सौ किसानों को समूह बनाकर किसानों की औषधीय खेती के बार में समय-समय पर मदद करेगा।
वन विभाग ने अर्थ गंगा योजना में गंगा किनारे के गांवों में खेती को रोजगार से जोड़ने की कवायद तेज कर दी है। किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए उनकी भूमि औषधीय खेती के लिए तैयार की जाएगी। औषधीय फसल को तैयार करने में कृषि, वन, उद्यान आदि विभाग किसानों की हर संभव मदद करेंगे। किसानों को औषधीय खेती में मिलने वाली अनुदान भी उपलब्ध कराए जाएंगे। वन विभाग के अधिकारी किसानों की औषधीय फसल को स्थानीय स्तर बेचने के लिए उद्यामियों से पहले ही करार करेंगे। जिससे फसल होने के बाद उसे आसानी से बाजार में बिक्री हो और किसानों को उनकी फसल की रकम तत्काल मिल सके। किसान वही औषीधीय फसल अपने खेतों में करेंगे। जिनके अनुबंध निजी कंपनियों से पहले ही हो जाएंगे।
औषधीय खेती से गांवों में बढ़ेंगे रोजगार
जनपद में औषधीय खेती से गांवों में किसानों की आर्थिक उन्नति के साथ ही रोजगार भी सृजन होगा। औषधीय फसलों को सुखाने और उनसे तेल निकालने के प्रोसिंग प्लांट भी लगेंगे। माल की ढुलाई में भी रोजगार मिलेगा। जिससे गांव में ही स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध होंगे।
अर्थ गंगा योजना के क्रियान्वयन की तैयारी तेज हो गई है। दो सौ किसानों का का समूह बनाकर उनसे औषधीय खेती कराई जाएगी। जिससे उन्हें खेती से अधिक आर्थिक लाभ हो। औषधीय फसल की बिक्री के लिए निजी कंपनियों से पहले ही करार किए जाएंगे। जिससे फसल की बिक्री में आसानी हो और किसानों को भटकना न पड़े। किसानों के चिह्नीकरण का काम विभाग ने शुरू कर दिया है।
दिवाकर वशिष्ठ, डीएफओ, कासगंज।