Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़After breaking of alliance, debate between SP-BSP intensified, Mayawati and Satish's double attack on Akhilesh

गठबंधन टूटने पर सपा-बसपा में बहसबाजी तेज, मायावती और सतीश का अखिलेश पर डबल अटैक

गठबंधन टूटने को लेकर सपा-बसपा में बहसबाजी तेज हो गई। मायावती और अखिलेश यादव में गुरुवार को वार-पलटवार हुआ है। इसके बाद शुक्रवार को भी मायावती ने पोस्ट कर अखिलेश पर हमला बोला। यहीं इस बहसबाजी में अब सतीश चंद्र भी कूद पड़े हैं। उन्होंने भी एक्स पर पोस्ट कर अखिलेश पर अटैक किया है।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानFri, 13 Sep 2024 04:24 AM
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यूपी में सपा-बसपा के गठबंधन टूटने पर बहसबाजी तेज हो गई है। पहले बसपा प्रमुख मायावती ने गठबंधन टूटने की वजह को लेकर खुलासा किया। इसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मीडिया में मायावती के खुलासे पर जवाब दिया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख मायावती को फोन का जवाब न दिए जाने के बाबत कहा है कि हमने फोन किया था। कभी-कभी लोग अपनी बातें छिपाने के लिए ऐसी बातें करते हैं। अब मायावती और सतीश चंद्र ने अखिलेश यादव पर डबल अटैक किया है। मायावती ने शुक्रवार को एक्स पर पोस्ट कर कहा कि बीएसपी सैद्धान्तिक कारणों से गठबंधन नहीं करती है और अगर बड़े उद्देश्यों को लेकर कभी गठबंधन करती है तो फिर उसके प्रति ईमानदार भी जरूर रहती है। सपा के साथ सन 1993 व 2019 में हुए गठबंधन को निभाने का भरपूर प्रयास किया गया, किन्तु ’बहुजन समाज’ का हित व आत्म-सम्मान सर्वोपरि।

मायावती ने कहा कि बीएसपी जातिवादी संकीर्ण राजनीति के विरुद्ध है। अतः चुनावी स्वार्थ के लिए आपाधापी में गठबंधन करने से अलग हटकर ’बहुजन समाज’ में आपसी भाईचारा बनाकर राजनीतिक शक्ति बनाने का मूवमेन्ट है ताकि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का मिशन सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त कर आत्मनिर्भर हो सके।

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वहीं सतीश चंद्र ने भी एक्स पर पोस्ट कर अखिलेश यादव को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि मैं सभी को यह अवगत कराना चाहता हूं कि 2019 के लोकसभा आम चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन टूटने की वजह सपा मुखिया खुद हैं जो मायावती ने अपनी पार्टी द्वारा जारी की गई पुस्तक में लिखा हैं।

उन्होंने कहा कि बहन जी फोन करने के पूर्व मेरे द्वारा फोन करने पर सपा प्रमुख फोन पर नही आए, फिर पार्टी कार्यालय से फोन गया और तब फिर भी फोन पर सपा प्रमुख से बात नहीं करायी गयी। फिर भी बहन जी ने बड़े होने के नाते सपा प्रमुख को फोन कर के हौसला देने की कोशिश की थी लेकिन वह फोन पर नहीं आए। और इस सबका परिणाम यह रहा कि बीएसपी को गठबंधन तोड़ना पड़ा।

सपा प्रमुख का यह व्यवहार समाज के दलितों, वंचितों एवं शोषितों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाला था। बीएसपी सिर्फ वोट ट्रांसफर करवाने के लिए नहीं है। बल्कि देश की एक मात्र ऐसी पार्टी है जो सर्व समाज के हितों में विचार एवं काम करती है।जो लोग इस सम्बन्ध में आदरणीय बहन जी पर टिप्पणी कर रहे वह पहले अपना व्यवहार याद कर ले।

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मायावती ने सीताराम येचुरी के निधन शोक जताया

मायावती ने सीताराम येचुरी के निधन शोक जताया है। देश की राजनीति में चर्चित नाम सीपीएम महासचिव व पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का इलाज के दौरान निधन हो जाने की ख़बर अति-दुखद। वे कुशल सांसद व मिलनसार व्यक्ति थे। उनके परिवार व समस्त चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। कुदरत उन सभी को इस दुख को सहने की शक्ति दे।

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