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यूपी में नौ हजार प्राइमरी शिक्षकों का समायोजन होगा रद्द, इन टीचर्स के प्रमोशन का रास्ता हुआ साफ

यूपी में नौ हजार प्राइमरी शिक्षकों का समायोजन होगा रद्द, इन टीचर्स के प्रमोशन का रास्ता हुआ साफ

संक्षेप: बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से पिछले 2 महीने के दौरान अंतर जनपदीय स्थानान्तरण और समायोजन के तहत उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित प्राथमिक स्कूलों के करीब 9000 प्रधानाध्यापकों का अब समायोजन निरस्त करना होगा। इसी के साथ 2017 के बाद के शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है।

Tue, 2 Sep 2025 08:21 AMAjay Singh मुख्य संवाददाता, प्रयागराज
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Primary Teachers News: प्रमोशन में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का व्यापक असर उत्तर प्रदेश में भी पड़ेगा। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से पिछले दो महीने के दौरान अंतर जनपदीय स्थानान्तरण और समायोजन के तहत उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित प्राथमिक स्कूलों के तकरीबन नौ हजार प्रधानाध्यापकों का अब समायोजन निरस्त करना होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब यूपी में 2017 के बाद के शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है।

बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी की ओर से 30 जून को जारी सूची में प्रदेशभर के 20182 और आठ अगस्त को जारी सूची में 5378 परिषदीय शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ था। इनमें क्रमश: 9041 और लगभग 442 प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का स्थानान्तरण हुआ था। इनमें से कुछ शिक्षकों को तो प्राथमिक विद्यालय में ही प्रधानाध्यापक के पद पर भेजा गया था लेकिन नौ हजार शिक्षक ऐसे थे जिन्हें नियम विरुद्ध तरीके से उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित कर दिया गया था।

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इस आदेश का हजारों शिक्षक विरोध कर रहे हैं और कौशाम्बी के अतुल द्विवेदी समेत तीन शिक्षकों ने इसे नियम विरुद्ध कार्रवाई बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका भी कर रखी है। इनका कहना है कि उच्च्च प्राथमिक विद्यालयों के जो पद पदोन्नति से भरे जाने थे उन पर प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का समायोजन किए जाने से उनकी पदोन्नति के अवसर कम हो गए हैं। इस केस की सुनवाई नौ सितंबर को होनी है।

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आठ साल बाद शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता साफ

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद से शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त शिक्षकों की पांच साल बाद प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक या उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर पदोन्नति होनी चाहिए। हालांकि टीईटी की अनिवार्यता को लेकर विवाद के कारण यूपी में 2017 के बाद से पदोन्नति नहीं हुई है। हजारों शिक्षक ऐसे हैं जिनकी पदोन्नति नियुक्ति के डेढ़ दशक बाद भी नहीं हो सकी है। अब सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से पदोन्नति हो सकेगी।

Ajay Singh

लेखक के बारे में

Ajay Singh
अजय कुमार सिंह दो दशक से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की और टीवी होते हुए अब डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हैं। राजनीति, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण से जुड़ीं खबरों को गहराई से कवर किया है। फिलहाल लाइव हिन्दुस्तान में असिस्टेंट एडिटर हैं और उत्तर प्रदेश की राजनीति और क्राइम खबरों पर विशेष फोकस रखते हैं। और पढ़ें
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