सांसद संजय सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, 23 साल पुराने मामले में मिली सजा पर रोक
- आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बड़ी राहत मिल गई। वर्ष 2001 में सुल्तानपुर जनपद में सड़क जाम कर धरना प्रदर्शन के मामले में हाईकोर्ट ने संजय सिंह को सुनाई गई तीन माह कारावास की सजा पर रोक लगा दी है।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बड़ी राहत मिल गई। वर्ष 2001 में सुल्तानपुर जनपद में सड़क जाम कर धरना प्रदर्शन के मामले में हाईकोर्ट ने संजय सिंह को सुनाई गई तीन माह कारावास की सजा पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने कहा कि मामले में प्रथम दृष्टया विधि विरुद्ध जमावड़ा और सदोष अवरोध का अपराध गठित करने के तथ्य नहीं हैं। इसके साथ न्यायालय ने संजय सिंह की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका भी सुनवाई के लिए स्वीकार कर निचली अदालत का रिकॉर्ड तलब कर लिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की एकल पीठ ने संजय सिंह की पुनरीक्षण याचिका पर पारित किया। संजय सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्रा ने दलील दी कि निचली अदालत द्वारा उन्हें वर्ष 2001 के मामले में दोषसिद्ध करार देते हुए तीन माह कारावास की सजा सुनाई। इसके विरुद्ध उन्होंने अपील दाखिल की। मगर सत्र अदालत ने उनकी अपील खारिज कर दी। कहा गया कि अभियोजन से पेश गवाहों के बयानों में भी भारी विरोधाभास है। स्वयं अभियोजन के एक गवाह ने याची को पहचानने से इनकार कर दिया है। सुनवाई के दौरान याचिका का राज्य सरकार की ओर से विरोध किया गया।
इससे पहले बुधवार को हाईकोर्ट संजय सिंह के स्थानीय अदालत में हाजिर होने से छूट प्रदान की थी। सुल्तानपुर की अदालत ने सजा के बाद संजय सिंह के पेश नहीं होने पर गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया थी। इसी के खिलाफ संजय सिंह हाईकोर्ट पहुंचे थे।
संजय सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्रा ने दलील दी कि निचली अदालत द्वारा उन्हें वर्ष 2001 के मामले में दोषसिद्ध करार देते हुए, तीन माह कारावास की सजा सुनाई, जिसके विरुद्ध उन्होंने अपील दाखिल की, हालांकि सत्र अदालत द्वारा उनकी अपील खारिज कर दी गई। याचिका की राज्य सरकार की ओर से विरोध करते हुए दलील दी गई कि अपीलीय कोर्ट ने याची को 9 अगस्त को ही निचली अदालत के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया था, लेकिन बिना वहां आत्म समर्पण किए याची ने वर्तमान याचिका दाखिल की है जो पोषणीय नहीं है।
वहीं, संजय सिंह की ओर से कहा गया कि वह वक्फ संशोधन बिल के सम्बन्ध में बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य हैं, जिसकी 22 अगस्त को बैठक होनी है। कहा गया कि याची की ओर से हाजिरी से छूट का प्रार्थना पत्र भी दाखिल कर दिया गया है। हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विवेक राय मामले में दिए फैसले के तहत संजय सिंह को गुरुवार तक के लिए हाजिर होने से छूट प्रदान कर दी थी।
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